सीधी(ईन्यूज़ एमपी)- 24 अक्टूबर 2007 को ग्राम घूमाकला थाना चुरहट में फरियादी इन्द्रमणि प्रसाद द्विवेदी को आरोपी सुशील सिंह पिता पदुमनाथ सिंह उम्र 30 वर्ष ने अश्लील गालियां दी तथा फरियादी के साथ मारपीट की। जिसके संबंध में फरियादी की शिकायत पर थाना कमर्जी में एफ.आई.आर. क्र. 123/07 पंजीबद्ध की जाकर विवेचना उपरान्त भादवि की धारा 294, 323, 325, 506, 34 एवं 427 में अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिससे संबंधित न्यायालयीन प्रकरण 835/07 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए मुकेश अभिनंदन एवं विशाल सिंह, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी चुरहट द्वारा आरोपियों को दोषी प्रमाणित कराया गया, परिणामस्वरूप न्यायालय मिनी गुप्ता न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी चुरहट द्वारा आरोपी को भादवि की धारा 325 में दोषी पाते हुए 03 माह का सश्रम कारावास एवं 500/- रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। एक अन्य मामले में बताया गया कि-1 जनबरी 2008 को ग्राम बरिगवां में फरियादी लोकमणि के साथ आरोपीगण शिवचरण उर्फ बवनी, अरविन्द एवं रमेश कुमार पटेल ने मिलकर मारपीट की तथा अश्लील गालियां दी। जिसके संबंध में फरियादी की शिकायत पर थाना कमर्जी में एफ.आई.आर. क्र. 116/18 पंजीबद्ध की जाकर विवेचना उपरान्त भादवि की धारा 294,323, 506, 34 में अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिससे संबंधित न्यायालयीन प्रकरण 635/08 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए मुकेश अभिनंदन एवं विशाल सिंह, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी चुरहट द्वारा आरोपियों को दोषी प्रमाणित कराया गया, परिणामस्वरूप न्यायालय मिनी गुप्ता, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी चुरहट द्वारा आरोपियों को भादवि की धारा 323,में दोषी पाते हुए दिनांक 27.07.2018 को न्यायालय उठने तक का कारावास एवं 500-500/- रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। मारपीट एवं तोडफोड के मामले में सजा : दिनांक 22 मार्च 2012 को ग्राम हनुमानगढ में फरियादी जयप्रकाश उर्फ जेपी दुबे निवासी हनुमानगढ ने फरियादी रामानुज गुप्ता की दुकान में घुसकर रामानुज गुप्ता एवं अन्य के साथ लाठी से मारपीट किया तथा दुकान में तोडफोड की। जिसके संबंध में फरियादी की शिकायत पर पुलिस चौकी सेमरिया में एफ.आई.आर. पंजीबद्ध की जाकर विवेचना उपरान्त अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिससे संबंधित न्यायालयीन प्रकरण 237/12 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए मुकेश अभिनंदन, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी चुरहट द्वारा आरोपी को दोषी प्रमाणित कराया गया, परिणामस्वरूप न्यायालय दीपनारायण सिंह, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी चुरहट द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए न्यायालय उठने तक का कारावास एवं 4000/- रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।