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सरपंचों को फर्जी वर्क ऑर्डर थमा, मीडियाकर्मियों ने ठगे 12 लाख रुपए.....

रायपुर(ईन्यूज एमपी)- राजधानी रायपुर में ठगों के एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जो ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के फर्जी वर्क आर्डर जारी करने के एवज में आठ सरपंचों से 12 लाख रुपए ठग चुका है। पुलिस ने गिरोह के मास्टर माइंड मनहरण चंद्रा और उसके दो सहयोगियों कैलाश खुंटे और जगदीश सुमन को गिरफ्तार किया है। मनहरण चंद्रा एक मासिक पत्रिका का संपादक बताया जा रहा है।

तीनों आरोपी पूर्व में हत्या, वाहन चोरी और आगजनी के केस में जेल की हवा खा चुके हैं। क्राइम ब्रांच डीएसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि मुंगेली, कबीरधाम, पंडरिया की कई ग्राम पंचायतों के सरपंचों को विकास कार्य दिलाने का झांसा देकर जांजगीर-चांपा जिले के जैजैपुर निवासी मनहरण चंद्रा (42) ने ठगी की है।

खुद को मंत्रालय में बाबू होना बताकर अपने दो सहयोगियों नवापाराखुर्द, शक्ति निवासी कैलाश खुंटे (27) और ग्राम सिंगरा थाना मालखरौद के जगदीश सुमन (32) की मदद से लाखों रुपये ठगे। यहीं नहीं, पैसा लेने के बाद कम्प्यूटर से स्कैन कर मंत्रालय के फर्जी लेटर में सील, मुहर लगाकर अफसरों के हस्ताक्षर कर वर्क आर्डर जारी कर देते थे।

ठगी के शिकार कबीरधाम जिले के ग्राम खुंटा (कुंडा) निवासी सरपंच प्रतिनिधि सुखचंद भास्कर, जैत कुमार खांडेकर, दिनेश कुमार पात्रे ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके अनुसार आलोक तिवारी नामक व्यक्ति ने स्वयं को स्कूल शिक्षा विभाग में बाबू के पद पर कार्यरत होना बताया।

उनसे ग्राम पंचायत नागोपहरी, मुंगेली के सरपंच जैत कुमार खांडेकर को कॉल कर बताया कि दस फीसद कमीशन देने पर मेरे द्वारा मंत्री के मार्फत आपके ग्राम पंचायत में विविध विकास कार्य स्वीकृत करवाकर आपके वाट्सएप पर वर्क आर्डर भेज दिया जाएगा।

2 अगस्त 2018 को उसने कार्यों की सूची भी भेजी थी। इसके बाद जैत कुमार खांडेकर ने दूसरी पंचायत के सरपंच सुखचंद भास्कर के साथ कमीशन देने रायपुर स्थित घड़ी चौक पहुंचा। उसने कथित आलोक तिवारी से फोन पर बात की। कुछ देर बाद जगदीश सुमन वहां पहुंचा तब उसे 1 लाख 30 हजार रुपये देकर शेष रकम 30 हजार रुपये कैलाश खुंटे के बैंक खाते में जमा किया।

जैत कुमार ने अपने साथी सरपंच सुखचंद भास्कर के पंचायत में भी कार्य स्वीकृत कराने को कहा। 9 अगस्त को सुखचंद भास्कर को भी वर्क आर्डर भेजा गया। तब 10 अगस्त 2018 को 3 लाख रुपये कमीशन जगदीश को दिया गया। इसी तरह दिनेश कुमार पात्रे को भी गिरोह ने झांसे में लिया, लेकिन इससे पहले कि पैसे ठग पाते, भांडा फूट गया।

गिरोह द्वारा जारी वर्क आर्डर फर्जी होने की पुष्टि होने पर सरपंचों की शिकायत पर पुलिस ने मामले में धारा 419, 420, 467, 468, 34 का अपराध कायम कर आरोपियों की पतासाजी शुरू की। उनके बैंक खाते का डिटेल निकाला गया। तकनीकी विश्लेषण के बाद ठग गिरोह को पकड़ने के लिए पुलिस की विशेष टीम जांजगीर-चांपा पहुंची।

संभावित ठिकानों में दबिश देकर मास्टर माइंड मनहरण चंद्रा, कैलाश खुंटे और जगदीश सुमन को गिरफ्तार कर रायपुर लाया गया। ठगी के शिकार सरपंच सुखचंद भास्कर 3 लाख, जिलेन्द्र डाहिरे 1 लाख, यशवंत चन्द्राकर 75 हजार, चेतन राम शिवारे 1 लाख 50 हजार, संतोष सोयाम 1 लाख 20 हजार, मानिक लाल चन्द्राकर 75 हजार, लालाराम 70 हजार, जैत कुमार खांडेकर 1 लाख 60 हजार रुपये तथा पंडरिया एवं मुंगेली के कई और सरपंचों से गिरोह ने पैसे ठगे है।

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