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कमिश्नर ने ली प्राचार्यों एवं प्रधानाध्यापकों की समीक्षा बैठक,किया प्रेरणा संवाद

सीधी(ईन्यूज एमपी)-संभागायुक्त रीवा संभाग डाॅ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि यह संसार एक ईको सिस्टम है। हम इस संसार को जो देते हैं वही संसार से हमे वापस प्राप्त होता है। आप जैसी शिक्षा विद्यार्थियों को देंगें वैसे ही समाज का निर्माण होगा और अंततः उससे हम, हमारा परिवार, समाज और देश प्रभावित होगा। अतः आवश्यकता है कि हम अपनी पूरी लगन, निष्ठा और ऊर्जा देश के भविष्य को सजाने एवं संवारने में लगायें। संभागायुक्त डाॅ. भार्गव आज शिक्षा में गुणात्मक सुधार हेतु प्राचार्यों एवं प्रधानाध्यापकों की समीक्षा बैठक सह प्रेरणा संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
संभागायुक्त डाॅ. भार्गव ने कहा कि आप अपने अतीत में जाकर अपने शिक्षकों को याद करें, अपने विद्यार्थी जीवन की मनः स्थिति को जाॅचे तो आपको स्वतः एहसास हो जायेगा कि समाज को कैसे शिक्षकों की आवश्यकता है। विगत कुछ दशकों में समाज में शिक्षकों के सम्मान में कमी आई है, अब हमारी यह जिम्मेदारी है कि समाज में शिक्षकों की गरिमा और सम्मान को पुनः स्थापित किया जाये और यह हम सबके सामूहिक प्रयास से संभव है।
संभागायुक्त ने कहा कि समाज में शिक्षकों का दर्जा सबसे श्रेष्ठ होता है। भौतिक निर्माण कार्यों की तुलना में पीढ़ी के निर्माण का कार्य कठिन होता है। बच्चे ही राष्ट्र की असली दौलत होते हैं। उन्हें संवारने की जिम्मेदारी समाज द्वारा शिक्षकों को दी गई है। देश की दशा और दिशा का निर्धारण करने की ताकत हमारे हाथों में ही है। डाॅ. भार्गव ने कहा कि अपने हाथ से वक्त को फिसलने नहीं दे। पूरी निष्ठा और ऊर्जा के साथ समाज और देश के निर्माण के लिए सामूहिक प्रयास करें।
इस अवसर पर संभागायुक्त ने अपने अनुभवों तथा महान व्यक्तित्वों के जीवन से उदाहरण देते हुए बताया कि इस संसार में समस्याओं तथा चुनौतियों का पहाड़ है लेकिन सतत परिश्रम से चुनौतियों से लडकर बेहतर समाज और देश की स्थापना की जा सकती है। नदी अपने सतत प्रवाह से बड़ी से बड़ी चट्टान को तोड़ कर बालू में परिवर्तित कर देती है तथा कांटों की चुनौतियांे को पार कर गुलाब वातावरण को सुगंधित करता है वैसे ही सतत् एवं केन्द्रित प्रयास से जीवन की समस्त बाधाओं को पार किया जा सकता है।
संभागायुक्त ने कहा कि जिले का इस वर्ष का परीक्षा परिणाम हाईस्कूल का 37 प्रतिशत तथा हायर सेकेण्डरी का 68 प्रतिशत आत्म मंथन एवं आत्मचिन्तन का विषय है। हमारी यह जिम्मेदारी है कि इस बदलते हुए परिवेश में हम छात्रों की बहुमुखी प्रतिभा को संवारे। उनकी निश्चलता, निर्मलता, कोमलता को संजोकर रखें। ये बच्चे हमारे भविष्य के राष्ट्र के निर्माता है। हम सब आज यह संकल्प लें कि पूरी निष्ठा, लगन और ऊर्जा के साथ अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों का निर्वहन करेगें।

कलेक्टर ने दी ‘‘काॅफी विथ कमिश्नर‘‘ की चुनौती

कलेक्टर अभिषेक सिंह ने अभिनव पहल करते हुए उपस्थित प्राचार्यों को ‘‘काॅफी विथ कमिश्नर‘‘ की चुनौती दी। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि आगामी एक माह में जो भी विद्यालय गुणात्मक सुधार करेगा संभागायुक्त तथा कलेक्टर उस विद्यालय में भ्रमण कर वहां के छात्रों के साथ संवाद स्थापित करेगें तथा वहां के स्टाप के साथ काॅफी पियेंगें। वहां उपस्थित प्राचार्यों ने चुनौतियों को स्वीकार करते हुए बेहतर परिणाम के लिए आश्वस्त किया है।
इसके पूर्व कलेक्टर श्री सिंह ने देवास जिले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रहते हुए दिव्यांग छात्रों के लिए किये गये प्रयासों को साझा करते हुए कहा कि छात्रों के लिए कुछ अच्छा करने पर जो आत्मिक संतुष्टि प्राप्त होती है उसका कोई अन्य विकल्प नहीं है। अंत में उन्होने पुनः स्पष्ट किया कि सभी विद्यालय नियमित लगें तथा शैक्षणिक गतिविधियां गुणवत्तापूर्ण हों इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है।
इस अवसर पर बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं प्रतिज्ञा गुप्ता, प्रिंस गुप्ता, श्रेया सिंह, आशीष कुमार पटेल, अजय तोषराज गुप्ता को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अवि प्रसाद, संयुक्त संचालक शिक्षण अंजनी त्रिपाठी, जिला शिक्षा अधिकारी नवल सिंह, जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र डाॅ. के.एम. द्विवेदी सहित जिले के प्राचार्य एवं प्रधानाध्यापक उपस्थित रहें।

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