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Home सीधी दर्पण जंगली हाथियों के झुण्ड का ताण्डव बरकरार फिर ढहाये तीन माकान....

जंगली हाथियों के झुण्ड का ताण्डव बरकरार फिर ढहाये तीन माकान....

पथरौला/सीधी (ईन्यूज एमपी)-जिले के आदिवासी अंचल कुशमी मे हाथियों का ताण्डव थमने का नाम नहीं ले रहा है। तकरीबन एक साल से कुशमी अंचल के कई गांव के ग्रामीण हाथियों के दहशत के बीच रात गुजार रहे हैं। अभी तकरीबन दो माह पहले 16 जून इन्हीं हाथियों के झुण्ड ने लुरघुटी की एक महिला रेखा पति जगदीश कुशवाहा को संजय गांधी अस्पताल रीवा से उपचार करवा कर वापस आते समय रात्रि साढे आठ बजे सडक मे चलती बाइक से खींचकर और पटक पटक कर मौत घाट उतार दिया था। जबकि उक्त महिला का दामाद किसी तरह अपनी जान बचाकर भागने मे कामयाब रहा। और फिर एक बार गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात हाथियों के झुण्ड ने जंगल से निकलकर लुरघुटी मे तीन लोगों का मकान ध्वस्त कर दिया है। जिसमें श्यामसुंदर बैगा पिता अमीर बैगा उम्र 62 वर्ष उमारिया डीह लुरघुटी न. 2, मनोज गुप्ता पिता रामकृपाल गुप्ता उम्र 30 वर्ष उमारियाडीह, रामपाल सिंह पिता नन्दू सिंह उम्र 35 वेतखोह नाला लुरघुटी नं. 2, का मकान ध्वस्त कर दिया। तथा केला, कटहल, व महुआ आदि को गये। बताया गया कि घर मे रखी खाद्यय सामग्री सुरक्षित बच गई है। तथा घर के बाहर लगे केला के पेड को हाथियों के झुण्ड ने तोड मरोड कर खा लिया है। पीडितों ने बताया कि रात्रि तकरीबन साढे आठ बजे हाथियों का झुण्ड जंगल से निकलकर गांव की तरफ प्रवेश किया था। और जंगल किनारे बने मकानों को निशाना बनाते हुए ढहाना शुरू कर दिया। और हाथियों का झुण्ड रात्रि तकरीबन साढे दश बजे तक ताण्डव मचाता रहा है। इस दौरान तीन लोगों के माकान क्षतिग्रस्त किये गए हैं। हलांकि घर मे रखी खाद्यय सामग्री तक हाथियों का झुण्ड नहीं पहुंच पाया था। जिससे अनाज सुरक्षित बच गया है। बताया गया कि रात्रि मे ही ग्रामीण एकत्रित होकर हो हल्ला मचाना शुरू किये तो हाथियों का झुण्ड वापस जंगल की ओर चला गया हैं। बताते चले की हाथियो का यह झुण्ड तकरीबन चार माह पूर्व पडोसी राज्य छत्तीसगढ़ की सीमा को पार करते हुए मध्यप्रदेश की सीमा पर कुशमी के माचमहुआ जंगल में पहुंचे थे। कुछ दिनों तक माचमहुआ के जंगल मे ठहरने के बाद जंगलों में विचरण करते हुए संजय टाईगर रिजर्व एरिया के डोमारपाठ के जंगल पहुंच कर जंगल विभाग के कैम्पों को निशाना बनाया और  बूढनडोल, डोमारपाठ, अमझर तथा खोलीपहरी पेट्रोलिंग कैम्प ध्वस्त कर दिये। तथा एक महिला को भी मार डाला था। बताया जा रहा है कि तबसे हाथियों का झुण्ड अमझर के जंगल मे बने डैम के पास अपना डेरा जमाये हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों के इस झुण्ड मे दो बच्चों के सहित सात हाथी हैं। इसके पूर्व भी पिछले साल बरसात के दिनो मे पांच हाथियों के झुण्ड ने कुन्दौर से ताण्डव मचाना शुरू किया था। जिसमे सैकडों लोगों के माकानों ध्वस्त किया था। और तकरीबन डेढ माह बाद घोघी के जंगलों से ट्रेकुलाइज किये गए थे। जिसमे एक हाथी की मौत भी हो गई थी।

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