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सीधी-बिना पीसीसी सडक निर्माण किये ही आहरित कर लिए साढे चार लाख* *मामला कुशमी जनपद के ग्राम पंचायत अमगांव का....

पथरौला/सीधी (ईन्यूज यमपी):- जिले के एक मात्र आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत कुशमी अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य करने से पहले ही राशि आहरित करने का रिवाज खतम होने का नाम नहीं ले रहा है। इतना ही नहीं प्रशासनिक अमला सब कुछ जानकर भी अनजान बन हुआ हैं। और ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ जिम्मेदारों द्वारा सख्त कार्यवाही करने से भी परहेज किया जा रहा है। लिहाजा ग्राम पंचायतों में पदस्थ रोजगार सहायक और सचिव अपनी मनमानी करनें से बाज नहीं आ रहे हैं। जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पडता है। ऐसा ही एक मामला विगत दिवश भ्रमण के दौरान जनपद अन्तर्गत ग्राम पंचायत अमगांव का प्रकाश मे आया है। जहाँ ग्राम पंचायत अन्तर्गत नवानगर मे पंचायतराज संचालनालय विभाग द्वारा महात्मा गांधी ग्राम स्वराज एवं विकाश योजना अन्तर्गत एक पीसीसी सडक निर्माण प्रेमलाल पनिका के घर से राजेन्द्र सिंह के घर की ओर दिनांक 15 अगस्त 2018 को स्वीकृत हुई थी। जिसकी लागत 6  लाख 37 हजार 5 सौ रुपये और लंबाई तकरीबन 3 सौ मीटर थी। किन्तु निर्माण एजेंसी द्वारा बिना पीसीसी सडक का निर्माण कराये ही साढे चार लाख रुपये 4 माह पूर्व ही आहरित कर ली गई थी। जिसके बदले मे निर्माण स्थल पर महज कुछ ट्राली रेता व गिट्टी गिरवाया गया है। लेकिन 3 माह व्यातीत हो गये किन्तु सडक का निर्माण कार्य शुरू तक नहीं हुआ है। जिसके कारण ग्रामीणों मे काफी आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों मे फिर से कीचड भरी सडकों का सामना करना पडेगा। और सरकारी खजाने से राशि भी निकल चुकी है। ग्रामीणों ने कहा सडक का निर्माण यदि गर्मी के दिनों में हो जाता तो आवागमन बाधित नहीं होता। क्योंकि फसल नहीं लगी है। किन्तु यही निर्माण कार्य यदि बरसात के दिनों में करवाया जायेगा तो आवागमन बाधित होगा। क्योंकि सडक के अगल बगल खेती होगी और फसल लग जायेगी। अतः ड्राईवर्सन के लिए जगह नहीं रहेगी। और ग्रामीणों का आवागमन बाधित होगा। ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुये दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है।

इस तरह आहरित हुई राशि:- बिल नं 349 , दिनांक 6/03/2019 , राशि 75 हजार, बिल आईडी 8005051, वन्शिता ट्रेडर्स। बिल नं.929, दिनांक 6/03/2019, राशि 34560, बिल आईडी 8005003, प्रद्युम्न ट्रेडर्स। बिल नं.930, दिनांक 6/03/2019, राशि 20 हजार, बिल आईडी 8004423, प्रद्युम्न ट्रेडर्स। बिल नं.219, दिनांक 5/03/2019, 1 लाख 8 हजार, बिल आईडी 7952443, जायसवाल स्टोन क्रर। बिल नं.921 दिनांक 28/02/2019, राशि 1लाख 44 हजार, बिल आईडी 7870424, प्रद्युम ट्रेडर्स। कुल राशि आहरित की गई 4 लाख 53 हजार5 सौ 60 रुपये। सभी बिल गिट्टी, रेता व सीमेन्ट का लगाया गया है। हलांकि ये कोई पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व भी बिना निर्माण कार्य किये ही लाखों की राशि आहरित की गई है। किन्तु कार्यवाही किसी के खिलाफ भी नहीं हुई है। नतीजन निर्माण एजेंसियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। जबकि सीईओ संदीप डाबर द्वारा नोटिस काटने व कार्यवाही करने का झूठा आश्वासन मात्र दिया जाता है।

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