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स्मार्ट सिटी आफिस में ईओडब्ल्यू की टीम ने दी दबिश, 300 कराेड़ के कमांड सेंटर के रिकाॅर्ड जब्त

भोपाल (ईन्यूज एमपी)-बार-बार नाेटिस देने के बावजूद रिकाॅर्ड उपलब्ध नहीं कराने पर शुक्रवार काे ईओडब्ल्यू की टीम ने भाेपाल स्मार्ट सिटी के दफ्तर पर दबिश दी। टीम ने यह कार्रवाई यहां बने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्राेल सेंटर (ईसीसीसी) का काम 300 करोड़ रु. में देने काे लेकर दाे महीने से चल रही जांच के संबंध में की। दरअसल, ईअाेडब्ल्यू ने प्रारंभिक जांच के बाद स्मार्ट सिटी अाॅफिस काे कई नाेटिस देकर 300 कराेड़ रु. के टेंडर से जुड़े दस्तावेज मांगे थे, लेकिन जब दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए ताे जांच एजेंसी ने यहां दबिश दे दी।

मामले में नगरीय प्रशासन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल और स्मार्ट सिटी के पूर्व सीईओ चंद्रमौलि शुक्ला की भूमिका को जांच में लिया गया है। ईओडब्ल्यू की टीम जब स्मार्ट सिटी दफ्तर पहुंची ताे सीईओ दीपक सिंह के बाहर होने की वजह से स्टॉफ ने रिकाॅर्ड्स देने से मना कर दिया। टीम ने सख्ती दिखाई अाैर ढाई घंटे सर्चिंग के बाद कमांड सेंटर से जुड़ी दाे फाइलें अाैर जरूरी दस्तावेज जब्त कर लिए। हालांकि ई-टेंडर से जुड़े कुछ जरूरी दस्तावेज रिकॉडर्स में नहीं मिले है।

बता दें कि कमांड सेंटर का ई-टेंडर शुरू से विवादों में है। भाजपा सरकार में वर्ष 2017 में ई-टेंडर में तकनीकी कारणों से बाहर करने पर बीएसएनएल ने एतराज जताया था। बकायदा केंद्र और प्रदेश सरकार को पत्र में निजी कंपनी एचपीई को फायदा देने का आरोप लगाया था। बीएसएनएल के 275 करोड़ की राशि के कोट को दरकिनार कर एचपीई को 300 करोड़ में ठेका देने पर आपत्ति ली थी। बीएसएनएल ने स्मार्ट सिटी कंपनी की सलाहकार प्राइस वाटर हाउस कूपर्स(पीडब्ल्यूसी) और एचपी इंटरप्राइजेस की आपसी साझेदारी होने से कनफ्लिक्ट ऑफ़ इंटरेस्ट सम्बन्धी शर्तों का उल्लंघन करार दिया था। हालांकि बाद में बीएसएनएल अफसर पीछे हट गए थे। ईओडब्ल्यू ने पीडब्ल्यूसी के अफसरों को भी बयान के लिए नोटिस जारी किए है। इस मामले में आईएएस एसोसिएशन भी खुलकर केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ विवेक अग्रवाल के पक्ष में खुलकर सामने आ चुका है।

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