enewsmp.com
Home सीधी दर्पण सीधी-आरटीओ आफिस में कलेक्टर का छापा,मची अफरा तफरी , घंटे भर चली पूछताछ........

सीधी-आरटीओ आफिस में कलेक्टर का छापा,मची अफरा तफरी , घंटे भर चली पूछताछ........

सीधी (ईन्यूज एमपी)- लम्बे समय से चर्चित जिला परिवहन कार्यालय में आज जिला कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के निर्देशन में औचक निरीक्षण कि कार्यवाही की गई जहां पर जिला परिवहन अधिकारी कृतिका मोहटा व उनके अधीनस्थ कर्मचारियों से लम्बी पूछताछ की गई,वहीं कार्यवाही के दौरान अफरा तफरी का माहौल देखा गया। जिला कलेक्टर को लम्बे समय से परिवहन कार्यालय में अनियमितता व भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हो रही थी,साथ ही कार्यालय में पैसे के लेन-देन का वीडियो भी वायरल हुआ है जिसके बाद आज यह कार्यवाही कि गई है, कार्यवाही के दौरान परिवहन अधिकारी द्वारा अधीनस्थों कि ओर सम्पूर्ण जिम्मेदारी बताई गई ।

जिला परिवहन कार्यालय में लम्बे समय से नियम कायदों कि धज्जिया उड़ा कर कार्य किया जा रहा था और पूरा का पूरा परिवहन कार्यालय प्रायवेट कर्मचारियों व एजेंटों द्वारा चालाया जा रहा है जिसमें बाकायदा परिवहन अधिकारी कि सहमति शामिल रहती है,और इस सहमति कि सुविधा शुल्क भी तय कि गई है हर काम का अलग दाम। इस आशय कि शिकायत जिला कलेक्टर के पास लम्बे समय से आ रही थी साथ ही कुछ दिन पूर्व कुछ सामाजिक संगठनों के द्वारा भी कलेक्टर को ज्ञापन के माध्यम से परिवहन अधिकारी की मनमानी व भ्रष्टाचार कि शिकायत की गई थी जिसके बाद आज कलेक्टर के निर्देश पर डिप्टी कलेक्टर अभिषेक सिंह ने परिवहन कार्यालय का औचक निरीक्षण किया जहां पर कार्यालय परिसर व इस पास एजेंटों कि फौज मिली है वहीं परिवहन अधिकारी कृतिका मोहटा द्वारा कहा गया कि जो फाइल व कागज बाबूओं द्वारा आते हैं मेरे द्वारा उनको पास किया जाता है,वहीं बाबूओं द्वारा भी परिवहन कार्यालय को संच्चाई व इमानदारी का मंदिर बताया गया है....? जबकि सर्व विदित है व शिकायतों में भी उल्लेख है कि जेब में पैसे हो चाहे कागज भले ही न हो पर आरटीओ कार्यालय में काम हो जाएगा,मार्कसीट,थाने का चरित्र सत्यापन, मेडिकल फिटनेस व ड्रायविंग स्कूल का प्रमाणपत्र सभी कुछ निर्धारित दर पर एजेंटों के पास उपलब्ध है,और इन्हीं दस्तावेजों को सत्यापित करने की शुल्क भी निर्धारित है और शुल्क के बाद सभी काम आराम से हो जाते, लम्बे समय से यहां पदस्थ बाबुओ के भी क्या कहने जो भी आया उसी के साथ हो लिए,कोई कुछ बोले तो अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया दिया और अधिकारी से पूछने पर बाबू को।

Share:

Leave a Comment