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जालसाजी से तंग आकर शिक्षक ने की आत्महत्या.....

बिलासपुर(ईन्यूज एमपी)-जमीन दलालों ने शिक्षाकर्मी से जमीन खरीदने का सौदा किया और पॉवर ऑफ अटार्नी लेकर किसी और को जमीन बेच दी। इसके बाद उसे रकम देने से मना कर दिया। त्रस्त होकर शिक्षाकर्मी ने आत्महत्या कर ली। सरकंडा पुलिस ने मामले में कोर्ट के आदेश पर दो आरोपितों के खिलाफ षडयंत्र कर धोखाधड़ी करने व आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का अपराध दर्ज कर लिया है। कुदुदंड निवासी कृष्णकुमार यादव (40) शिक्षाकर्मी था। उसके पिता पंचराम व चाचा अंतराम के नाम पर कोरबा में 16 डिसमिल जमीन थी, जिसे बेचने के लिए उससे गोंडपारा निवासी जमीन दलाल अजीत लुथरा व राजकिशोर नगर के सलीम खान ने संपर्क किया।

डेढ़ लाख रुपए प्रति डिसमिल के हिसाब से 24 लाख स्र्पये में सौदा तय किया। इस बीच एडवांस में पांच लाख स्र्पये देने की बात कहते हुए दोनों ने दीपक सोनी के नाम पर पॉवर ऑफ अटार्नी तैयार करा ली। फिर दीपक सोनी से भी 12 लाख रुपये ले लिए। इसके बाद दोनों ने उस जमीन को किसी और को बेच दी।

लेकिन, इस संबंध में शिक्षाकर्मी को कोई दस्तावेज नहीं दिए। साथ ही बाद में दोनों जमीन दलालों ने जमीन का सौदा सात से आठ लाख स्र्पये में होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। उनकी इस तरह की हरकतों से शिक्षाकर्मी कृष्णकुमार तंग आ गया।

उसने 16 जून 2017 को राजकिशोर नगर के चंदन आवास स्थित अपने मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस दौरान उसने सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें दोनों जमीन दलालों की जालसाजी व उनकी हरकतों से तंग आकर आत्महत्या करने का जिक्र किया था।

इसके बाद भी पुलिस इस गंभीर मामले पर अपराध दर्ज नहीं किया गया। इस पर मृतक की पत्नी ने कोर्ट में परिवाद दायर कर न्याय की गोहार लगाई। कोर्ट के आदेश पर सरकंडा पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धारा 120 (बी), 294, 420, 406, 306,506(बी) 34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।


इस गंभीर मामले में सुसाइड नोट मिलने के बाद भी सरकंडा पुलिस आरोपितों को बचाने की कोशिश में जुटी रही। यही वजह है कि पुलिस ने मामले को ही दबा दिया और कोई कार्रवाई तो दूर जांच तक नहीं की। जबकि, मृतक शिक्षाकर्मी की पत्नी सविता यादव लगातार मामले की शिकायत पुलिस अफसरों से करती रही।


पुलिस अफसरों के निर्देश पर सरकंडा पुलिस ने सुसाइड नोट की हेंडराइटिंग की जांच कराई। इसकी जांच के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। तब मृतक के परिजन को मजबूरन कोर्ट में परिवाद पेश करना पड़ा। इधर, जमीन दलाल लगातार मृतक के परिजन को अलग-अलग तरह से परेशान कर रहे थे। इतना ही नहीं उन्हें झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी भी देने लगे थे।

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