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Home मध्य प्रदेश डायबिटीज और बीपी में संहायक साबित होगा आर्गेनिक मिशन....

डायबिटीज और बीपी में संहायक साबित होगा आर्गेनिक मिशन....

भोपाल ( ईन्यूज एमपी)अर्थ-व्यवस्था के उन्नयन के साथ जीवन-शैली से संबंधित रोगों जैसे रक्तचाप, मधुमेह आदि के नियंत्रण में आर्गेनिक मिशन सहायक है। मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने संपूर्ण प्रदेश में आर्गेनिक मिशन के संचालन की आवश्यकता बताई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्राकृतिक स्वरूप को देखते हुए इसका हरसंभव विस्तार किया जाना चाहिए। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल राजभवन में आर्गेनिक मिशन पर केन्द्रित प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।

प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि में आर्गेनिक उर्वरकों के उपयोग से कृषि लागत कम कर कृषकों की आय में वृद्धि पर केन्द्रित आर्गेनिक मिशन अभिनंदनीय है। मध्यप्रदेश में पशुधन, देश में सर्वाधिक है, दुग्ध उत्पादन में हम तीसरे नंबर पर हैं। अत: यह मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप राज्य शासन द्वारा विकसित आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के लक्ष्यों को पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रारंभिक चरण में आगर-मालवा स्थित सालरिया गौशाला में प्रोजेक्ट क्रियान्वित करने पर सहमति दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अन्य गौ-शालाओं में चरणबद्ध रूप से मिशन क्रियान्वित किया जाएगा। प्रदेश के कुछ गाँवों को आदर्श आर्गेनिक ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे ग्रामीणों को आर्गेनिक प्रक्रियाएँ अपनाने में मदद मिलेगी और वे इसके लाभ से भी परिचित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आदिवासी तथा वन क्षेत्रों में रासायनिक खाद तथा कीटनाशक के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिये जन-जागरण अभियान चलाने की आवश्यकता बताई।

प्रारंभ में राजभवन में अहमदाबाद के डॉ. भरत जे. पटेल द्वारा आर्गेनिक उर्वरकों के उपयोग से कृषि की लागत कम करने तथा कृषकों की आय बढ़ाने पर केन्द्रित प्रोजेक्ट संबंधी प्रस्तुतीकरण दिया गया। डॉ. पटेल द्वारा रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों का उपयोग कम कर आर्गेनिक उर्वरक के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए गुजरात और उत्तरप्रदेश में परियोजना संचालित की जा रही है। मृदा तथा वन संरक्षण, हरित एवं नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन तथा स्वच्छ दुग्ध कार्यक्रम भी इस परियोजना के अंग हैं। यह परियोजना ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था के उन्नयन के साथ जीवन-शैली से संबंधित रोगों जैसे रक्तचाप, मधुमेह आदि के नियंत्रण में भी सहायक है ।

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