enewsmp.com
Home मध्य प्रदेश आपराधिक कानून में संशोधन की तैयारी आईपीएस अफसरों ने कहा....

आपराधिक कानून में संशोधन की तैयारी आईपीएस अफसरों ने कहा....

भोपाल(ईन्यूज एमपी)लोकतंत्र की स्थापना के सात दशक के अनुभव के बाद आपराधिक कानून में संशोधन की तैयारी कर ली गई है, यानी आईपीसी, सीआरपीसी, इंडियन एविडेंस एक्ट और एनडीपीएस एक्ट में संशोधन के सुझाव देश के सभी आईपीएस अफसरों से मांगे गए हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने एक पत्र जारी कर ये सुझाव मांगे हैं। मप्र के 250 आईपीएस अफसरों ने अपना-अपना पक्ष तैयार कर पुलिस मुख्यालय भेज दिया है। यहां सुझावों की समीक्षा कर जल्द ही फाइनल रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी जाएगी। इसके बाद ही कानूनों में संशोधन का निर्णय तय मानदंडों के अनुरूप लिया जाएगा।

मप्र में ये प्रक्रिया नवंबर 2020 में शुरू हुई थी। प्रदेश के सभी आईपीएस अफसरों से उनके ओपीनियन बुलवाने में 4 महीने लग गए। सूत्रों का कहना है कि इस संशोधन को गृहमंत्री ने सबका साथ, सबका विकास के तहत माना है। सभी नागरिकों विशेषकर कमजोर या पिछड़े वर्गों को इन संशोधनों से जल्द न्याय मिलेगा। सरकार की इसके पीछे मंशा है कि नया कानूनी ढांचा नागरिकों को उसके केंद्र बिंदु में रखकर होना चाहिए और जानमाल व मानवाधिकारों की रक्षा बेहद अहम प्राथमिकता होनी चाहिए।


पत्र में गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा है कि पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो भी इस विषय में मंथन कर रहा है। देश में कानून व्यवस्था स्थापित करने में प्रत्यक्ष व प्रभावी तौर पर शामिल होने के कारण भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अफसरों के व्यावहारिक एवं अनुभवी सुझाव मौलिक परिवर्तन लाने के लिए अमूल्य होंगे। अपेक्षा है कि हर अधिकारी को उपरोक्त मूलभूत वैधानिक संशोधनों के लिए अपने सुझाव भेजने चाहिए।


आईपीसी 304ए : एक्सीडेंट में किसी की जान चली जाने पर इस धारा का इस्तेमाल किया जाता है। इसके तहत दो साल की सजा और थाने से जमानत का प्रावधान है।

सुझाव : एक्सीडेंट होने पर सजा भले ही प्रावधान के अनुरूप रहे, लेकिन थाने से जमानत न हो। दोबारा उसी वाहन से हादसा होने पर सजा का प्रावधान दस साल तक किया जाए।

आईपीसी 380 : भवन या टेंट से कोई प्रॉपर्टी चुराने पर इस धारा का इस्तेमाल किया जाता है। इसके तहत 7 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

सुझाव : पब्लिक ट्रांसपोर्ट या ट्रेनों में हुई चोरी के दौरान भी इस धारा के इस्तेमाल का प्रावधान किया जाना चाहिए। फिलहाल इस तरह के मामलों में कम सजा की धारा का प्रावधान है।आईपीसी 54ए : इस धारा के तहत किसी अपराध में पकड़े गए आरोपी की शिनाख्तगी परेड कराने का प्रावधान है।

Share:

Leave a Comment