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छतरपुर और मुरैना मेंं ऑक्सीजन न मिलने से 5 ने दम तोड़ा.....

भोपाल(ईन्यूज एमपी)प्रदेश में तमाम प्रयास के बाद भी ऑक्सीजन पूरी नहीं मिल पा रही है। बड़े शहरों के साथ अब छोटे शहरों में भी ऑक्सीजन की कमी से मौतें होने लगी हैं। छतरपुर जिला अस्पताल में 5 घंटे तक ऑक्सीजन सप्लाई बंद रही। इससे 4 गंभीर कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई। मुरैना जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से संक्रमित महिला अपनी मां के गोद में ही दम तोड़ दिया। इसके पहले शुक्रवार को ग्वालियर के 7 अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म होने से 10 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई थी।

प्रदेश के 4 बड़े शहराें में 24 घंटे में 5 हजार 704 नए केस आए हैं, जबकि 31 मौतें हुई हैं। इसमें से सबसे ज्यादा इंदौर में 1826 नए संक्रमित सामने आए, 7 ने जान गंवाई है। सरकारी रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा मौतें ग्वालियर में 12 दर्ज की गई है, संक्रमित 1220 आए हैं। भोपाल में 1802 नए मामले सामने आए हैं। 5 मौतें हुई हैं। जबलपुर में 856 नए संक्रमित आए हैं, 7 मरीजों ने दम तोड़ दिया। राहत की बात है कि ग्वालियर, जबलपुर में नए मामलों से ज्यादा स्वस्थ हुए हैं।

भोपाल: 100 टन से ज्यादा ऑक्सीजन चाहिए, मिल रही 80 टन
राजधानी में सांसों का संघर्ष जारी है। लगभग सभी अस्पतालों में पिछले 72 घंटे से ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है। शहर के 104 कोविड अस्पतालों में आईसीयू और ऑक्सीजन सपोर्ट पर करीब 4 हजार 771 मरीज हैं। ऐसे में शहर को रोजाना 100 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन मिल रही है सिर्फ 80 टन। यहां 24 घंटे में 1802 नए संक्रमित आए हैं। सरकारी रिकॉर्ड में 5 मौतें दर्ज की गई हैं, लेकिन हकीकत में भदभदा विश्रामघाट में शनिवार को 100 संक्रमितों के शव लाए गए थे। इसमें से अकेले भोपाल के ही 66 शव थे।

यहां 24 घंटे में सबसे ज्यादा 1826 नए केस आए हैं, 7 की मौत हुई है। एक्टिव केस 12 हजार 484 हो गए हैं। इसकी वजह से कोरोना संक्रमितों को बेड नहीं मिल रहे। राधा स्वामी सत्संग ब्यास (मां अहिल्या कोविड केयर सेंटर) में 600 बेड के कोविड केयर सेंटर के बाद भी मरीजों को राहत नहीं मिल रही। मालवा मिल के पास शिवाजी नगर में रहने वाले 75 वर्षीय शंकर लाल सादरे ने बताया कि उन्हें सीटी स्कैन में 45 प्रतिशत संक्रमण आया है। 5 दिन से घर पर ही इलाज करवा रहे हैं। शनिवार को सांस लेने में दिक्कत होने पर बेटी और पत्नी भर्ती कराने सुपर स्पेशिएलिटी, एमआरटीबी, अरबिंदो, सीएचएल, चोइथराम समेत दर्जनभर हॉस्पिटल ले गए, लेकिन कहीं भी बेड नहीं मिला।

ग्वालियर में संक्रमितों के साथ ही मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। 3485 सैंपल की जांच में 1220 संक्रमित मिले, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा 12 मौतें हुईं। हालांकि 24 घंटे में 53 संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इनमें से 38 ग्वालियर और 15 अन्य जिलों के हैं। इनमें से अकेले लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में ही 41 कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार हुआ है।

राहत की बात यह रही है कि 1053 संक्रमित ठीक होकर अपने घर भी गए । पहली बार ऐसा हुआ है जब एक हजार से ज्यादा संक्रमित एक दिन में डिस्चार्ज किए गए हैं। एक्टिव केस 9042 हो गए हैं।

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