enewsmp.com
Home ब्लॉग चेहरे चर्चित चार - नेता,अफसर - विधिक, पत्रकार

चेहरे चर्चित चार - नेता,अफसर - विधिक, पत्रकार

आदरणीय पाठक बंधु
सादर अभिवादन स्वीकार हो।
हम आपके लिए एक ऐसा धारावाहिक लेख प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे चार ऐसे लोंगो की जानकारी विशेष है , जिन्होंने विभिन्न अलग अलग क्षेत्रो पर बहुत अच्छा कार्य करके लोंगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है, जैसा कि आप हेडिंग से उन कार्यक्षेत्रों के बारे में समझ गए होंगे।
मेरी पूरी कोशिश होगी कि उनलोंगो के जीवन के कुछ रोचक, सुखद, और संघर्ष के बारे में जानकारी इकट्ठा करके लिख सकूं, और सहज शब्दो के माध्यम से उस भाव को आपके सामने प्रकट कर सकूं, जिससे आप किसी भी घटना क्रम को पूर्ण रूप से सही समर्थन दे सकें।
आपका
सचीन्द्र मिश्र
सीधी

...................................................

📱 चेहरे चर्चित चार📱
नेता अफसर - विधिक पत्रकार
जिनकी कहानी कलम लिखेगी " समाजसेवी " व्यापारी और वैद्य रचनाकार ।



...................................................

👉 गुरुदत्त शरण शुक्ल " मालिक "
युवा नेता

...................................................

आज चर्चित चेहरे में जिस नाम का जिक्र कर रहे हैं वह चेहरा आजकल राजनीति के गलियारों में खूब सुर्खियों में छाया है । कम उम्र में लोगों के बीच अपनी जगह बनाने वाले विधायक पुत्र गुरुदत्त शरण शुक्ल " मालिक " युवा होने के कारण युवाओं के बीच वह अपनी अलग छाप छोड़ रहे हैं तो वही बूढ़े बुजुर्गों का कुछ रिश्ता ही ऐसा है कि हर जुबान पर मालिक का नाम होता है। चाचा, काका, दादा और बब्बा उनकी पहचान है । जिनका जन्म जनवरी 1988 में सीधी शहर के कोटहा में हुआ। स्कूल शिक्षा सीधी से और फिर भोपाल से हुई। और रीवा से बीए एलएलबी, और एलएलएम की डिग्री प्राप्त की है ।

मालिक छात्र जीवन मे कबड्डी के भी अच्छे खिलाड़ी रहे हैं, 2001 शालेय क्रीड़ा में मध्यप्रदेश कबड्डी की टीम में खेलते हुए तत्कालीन राज्यपाल भाई महावीर जी के हांथो स्वर्ण पदक भी प्राप्त किये हैं। मालिक का जन्म ऐसे घर मे हुआ जहां राजनीति की प्रचंड ज्वाला जलती थी। पिता जी केदारनाथ प्रदेश के कद्दावर विधायक में गिने जाते थे, इसलिए मालिक का स्वभाव बरबस ही राजनीतिक हो चला था, और छात्र जीवन में ही मालिक 2007 में राकेश रतन सिंह की टीम में जिला भाजयुमो मंत्री हो गए । और 2011 से 16 तक भाजपा विद्यार्थी परिषद में जम के काम किए , इस दौरान दो बार जिला संयोजक, विभाग सह संयोजक और विभाग संयोजक पद पर भी रहे हैं । उसके बाद भाजपा सीधी नगर मंडल के भी कार्यसमिति सदस्य रहे। गुरुदत्त शरण 2017 में चर्चा में लोंगो के सामने विशेष रूप से तब उभर कर आये जब वो सीधी महाविद्यालय के जनभागीदारी अध्यक्ष बन गए मालिक ने जनभागीदारी अध्यक्ष पद पर रहते हुये महाविद्यालय कैपस में स्वामी विवेकानंद जी प्रतिमा स्थापित कराई। जिसके अनावरण में वर्तमान में मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा मुख्य रुप से मौजूद रहे हैं । उसके बाद मालिक ने पूर्व विधायक दाढ़ी सिंह की प्रतिमा की स्थापना भी कराई है । इतना ही नही कालेज कैम्पस में नव निर्मित आडिटोरियम हाल का नामकरण " अटल सभागार " कराने में मालिक की महती भूमिका रही है ।


आज के दौर में मालिक राजनीति और जनसेवा में काफी सक्रिय है जो अपने विधायक पिता जी के सांथ हर मंच पर विशेष उपस्थिति दर्ज करा रहे है। जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह तरह की चर्चाओं का बाजार भी गर्म है , विरोधी उनके उनकी सक्रियता को लेकर हैरान हैं , पिता के पदचिन्हों पर चलने वाले मालिक वैश्विक आपदा
कोरोना काल के दौरान सीधी विधानसभा क्षेत्र स्तर पर गरीबो को राशन खाद्यान बटाते भी दिखते रहे।लाकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को सीधी शहर में चाय नाश्ता से लेकर जरूरत की चीजें मुहैय्या कराने में आगे रहे हैं । खासतौर से कोरोना में डियुटी करने वाले शासकीय अमले तक उनकी पंहुच उल्लेखनीय रही है ।
अब लोंगो में इस बात की खूब चर्चा है कि मालिक अपने पिता के उत्तराधिकारी होंगे ....? जाहिर है कि पुत्र होने के नाते मालिक का उत्तराधिकारी बनना लाजिमी है । खैर यह तो भविष्य की बातें हैं किंतु दल के कतिपय लोगों की धारणाएँ मालिक के अनुकूल नही हैं। नाम और काम कतिपय लोगों को रास नही आ रहा है , लेकिन सरल और मिलनसार मालिक का यह स्वभाव हर दिल में अपनी जगह बना रहा है। सच का साथ देना साफ राजनीति करना और संगठन के प्रति छात्र जीवन से ही वफादारी उनके विचार में देखने को मिलती है। पिता श्री की छवि और उनकी सक्रियता निश्चित ही आने वाले समय में सीधी का इतिहास गढ़ेगी ।



.................................................

👉 श्रेयस गोखले ✍️
डिप्टी कलेक्टर

...............................................


जबलपुर लड़का जो अधिकारी बनने का ख्वाब आँखों मे सजाए दिन रात पढ़ाई करता है पर दो बार परीक्षा में सफलता नहीं मिलती, तब भी वह हार नहीं मानता और इस प्रण को ठान लेता है कि अगर इस बार नही हुआ तो इस धारा से ही अलग होकर कुछ और करूंगा, पर इस बार उसने सही तरीके से चाभी घुमाई, और किस्मत का ताला खुल गया, और पीएससी की मुख्य परीक्षा में प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त कर लेता है, और पहले चयन सहायक संचालक उद्योग विभाग का होता है , और अगले प्रयास में डिप्टी कलेक्टर बन जाता है। वो अधिकारी है डिप्टी कलेक्टर श्रेयस गोखले जिनका जन्म नवंबर 1993 को महाकाल की नगरी उज्जैन में हुआ, प्रारंभिक शिक्षा कोटा राजस्थान में हुई, फिर स्नातक अभियांत्रिकी कॉम्प्यूटर साइंस जबलपुर कॉलेज से पढ़ाई की।
अधिकारी के रूप में पहली नियुक्ति सहायक संचालक उद्योग विभाग शाजापुर में 2018 में हुई। फिर 2019 में डिप्टी कलेक्टर के रूप में प्रथम पदस्थापना सीधी में ही हुई। 2020 में सीधी के सामाजिक न्याय उपसंचालक भी रहे, फिर 2021 में आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग के भी रहे।
गोखले साहेब के अपने कुछ शौख भी हैं आईटी, लेखन, संस्कृत, इतिहास और संगीत में विशेष रुचि है।

सीधी जिले के डिप्टी कलेक्टर श्रेयस गोखले अपनी कार्यशैली से जिले में एक अमिट छाप छोड़ चुके हैं। यही कारण है कि जिला प्रशासन ने उन्हें जिले की महत्वपूर्ण विभागों की कमान सौंप रखी है।वर्तमान में श्रेयस प्रभारी अधिकारी कलेक्टर कार्यालय सीधी, प्रभारी उपसंचालक सामाजिक न्याय (सितंबर 2020) एवं प्रभारी सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग जैसे कई विभागों में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। उनके कार्य कौशल को देखते हुए कलेक्टर रविंद्र चौधरी ने उन्हें इन विभागों की जिम्मेदारी सौंपी हुई है जिसमें वे लगातार अपने अथक प्रयासों से सफल हो रहे हैं और शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहे हैं अपने हर विधा में निपुण रहने वाले श्रेयस गोखले बचपन से ही होनहार रहे हैं। श्रेयस एक ऐसे प्रशासनिक अधिकारी हैं जो कभी अपने लक्ष्यों को लेकर विचलित नहीं होते और कभी हार नहीं मानते हैं ।


अंत में यही कहूंगा कि श्रेयस अभी महज 27 वर्ष के ही हैं और उन्हें अभी बहुत बड़ी प्रशासनिक पारी खेलना है, अभी तो डिप्टी कलेक्टर फिर बाद में संयुक्त कलेक्टर, अपर कलेक्टर, कलेक्टर, कमिश्नर जैसे कई पदों को आने वाले समय में श्रेयस सुशोभित करेंगे। श्रेयस बोलते कम हैं , दिखावा नही करते किंतु नियम कानून के पक्के कर्तव्यनिष्ठ, होनहार और विद्वान हैं। वाकई ऐसे प्रशासनिक अधिकारी को आज सीधी की जरूरत है और इसी कारण वे अपनी योग्यता के दम पर सीधी में महत्वपूर्ण विभागों पर प्रभारी के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं श्रेयस अपने व्यस्त दिनचर्या के दौरान भी लेखन पाठन का कार्य करते रहते हैं उन्हें इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, संस्कृति, इतिहास में रुचि है। वह संगीत के भी शौकीन है। वहुआयामी प्रतिभा के धनी श्रेयस को आज अगर किसी बात की आवश्यकता है तो सिर्फ और सिर्फ सीधी के सिध्दांतों के पथ पर चल डगरने की ....


...................................................

👉 रामनरेश मिश्र✍️
वरिष्ठ अधिवक्ता

...................................................


प्रेम भरी मन भावना , अविचल सा विश्वास । प्राणों से प्यारा हमे ,मित्र हमारा खास ।। सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल के खास सिपहसालार हनुमान कहे जाने वाले विधिक क्षेत्र में एक ऐसे अधिवक्ता की आज बात कर रहा हूँ जो वकालत के क्षेत्र में गरीबों पीडितो को न्याय दिलाने के लिए हमेशा कृतसंकल्पित है वह हैं एडवोकेट राम नरेश मिश्र जी जिनका जन्म 05/04/1970 को ग्राम मौरा खड्डी में एक सामान्य परिवार में हुआ था, इनकी हायर सेकण्डी तक की पढ़ाई पुजारी राम दुलारे मिश्र शिक्षा परिषद नौढिया शिकारगाह से हुई तथा BA और LLB की पढाई संजय गांधी महाविद्यालय सीधी से हुई, वकालत का श्री गणेश दिसम्बर 1995 मे पूर्व विधायक एडवोकेट स्वर्गीय राम खेलावन पाण्डेय जी के संरक्षण व जूनियर के रूप में की । एडवोकेट श्री मिश्र का परिवार शिक्षित और क्रांतिकारी था फलस्वरूप रिटायर्ड ज्वाइंट कलेक्टर रमेश मिश्र एक जीता जागता उदाहरण हैं ।


कम बोलने वाले सरल सहज व स्वामी भक्त स्वाभाव के धनी श्री मिश्र वकालत के साथ राजनीति के क्षेत्र में उदयमान हुये जब गोपद बनास विधानसभा क्षेत्र जिनकी कर्मभूमि रही ऐसे कद्दावर नेता केदारनाथ शुक्ल जी से विशेष प्रभावित होकर उनके साथ संघर्षो के रथ का पहिया वनकर चल पड़े और वर्ष 1998 के इस चुनाव में केदार जी के रथ के इस पहिये ने खड्डी सेक्टर के प्रचार प्रसार में जिम्मेदारी का बाखूबी निर्वहन किया । 1998 के इस चुनाव में श्री शुक्ल के विधायक बनने के उपरांत इन्हें रामपुर नैकिन जनपद पंचायत में विधायक प्रतिनिधि नियुक्त किया उन वर्षों में विधायक जी के निर्देश पर लोगों की मदद के लिए सक्रिय रूप से लगे रहे, वर्ष 2005 में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष बृज बिहारी लाल शर्मा की कार्यकारिणी में रामनरेश जी को भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष के पद से नवाजा गया , जो वर्तमान में प्रदेश कार्य समिति सदस्य भाजपा किसान मोर्चा के दायित्व मे है!

सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल के अंदर सच्चा सिध्दांत हमेशा से उनकी खासियत रही है , सिद्धांतों से परे लोग एक पानी से दूसरे पानी के लिये नही टिकते । ऐसे में निरंतर 1998 से श्री मिश्र ने राजनीति में अपना उन्हे आदर्श मानते हुये आज भी इमानदारी नि: स्वार्थ उनके साथ ही खड़े दिखते है! विधानसभा चुनाव वर्ष 2003,2008,2013 व 2018 इन सभी चुनावों में राम नरेश के द्वारा चुनाव कार्यालय प्रवंधन की जिम्मेदारी का सफल निर्वहन किया गया है कुल मिलाकर राजनीति के साथ साथ वकालत पेशा मे भी लोगों की मदद सेवा भाव के साथ हमेशा तत्पर रहने वाले श्री मिश्र विनम्र सहज सरल संकोची स्वभाव के कारण राजनीति व वकालत दोनों क्षेत्र में जितना मिला उतने में ही परम संतोषी व प्रसंन्न रहते हैं । कारण कि बेइमानी के छप्पन भोग से वेहतर इमानदारी की एक रोटी में वह मग्न हैं , बेईमानी के नाम से अच्छा ईमानदारी की गुमनामी है वही इंसान सबसे शानदार और जानदार है जिसके इरादे नेक और ईमानदार है। ...



...................................................

👉 नीलाम्बुज पाण्डेय ✍️
वरिष्ठ पत्रकार

...................................................


जिले का एक ऐसा पत्रकार जिसकी सादगी और चेहरे का समभाव से समझा जा सकता है कि अतः कितना गहरा है, चेहरे पर मौन मुस्कान लिए यह पत्रकार कलम से बड़ा योद्धा है।इसकी लेखनी जब चलती है तो पढ़ने वाले को घटना की झलक दिखाई पड़ जाती है। वो हैं दिग्गज पत्रकार निलाम्बुज पांडेय। जिनका जन्म जुलाई 1983 में हुआ , पिता सूर्यप्रसाद पांडेय स्वास्थ विभाग के रिटायरमेंट कर्मचारी है। पिता जी कड़क स्वभाव के आदमी है। आज भी उनकी मर्यादा औरअनुशाशन का डर इस तरह है कि उम्र के इस पड़ाव में भी निलाम्बुज उनके सामने सहज नही रह पाते,निलाम्बुज के माता जी ने छात्र जीवन मे ही दुनियां से चल पड़ी , जिससे उस समय का जीवन काफी कष्ट से गुजरा,निलाम्बुज बताते है तब बड़ी बहन सहारा हुई, और हम लोगो को आगे बढ़ने और पोषण में सहायक हुई ।

प्रारंभिक शिक्षा चितरंगी से हुई, बीए, एमए, एलएलबी की पढ़ाई संजय गांधी महाविद्यालय सीधी से हुई।
कॉलेज की अंतिम पढ़ाई के दौरान ही सत्यगंगा अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत हुई, वर्ष 2008 में वॉइस आफ इंडिया न्यूज़ चैनल में जिला रिपोर्टर के रूप में काम किया। इसके साथ ही सीधी और सिंगरौली जिले में राज एक्सप्रेस में सरकुलेशन प्रभारी के रूप में काम किया। 2009 में रीवा में जाकर रीवा सीधी सिंगरौली जिले में नई दुनिया में सरकुलेशन प्रभारी बतौर काम किया। रीवा में अखबार एजेंसी मालिक से कुछ बातें हो जाने से रीवा मुख्यालय में अपने साथियों के साथ घर-घर अखबार पहुंचाने का काम भी किया। उसके बाद सहज तरीके से अखबार घर तक पहुंचने लगा। वर्ष 2010 में करीब 10 महीने के लिए दैनिक जागरण रीवा समूह में बतौर ब्यूरो चीफ सीधी में रहा। इसके बाद वर्ष 2011 में नई दुनिया ब्यूरो चीफ सिंगरौली में 10 महीने के लिए पदस्थ रहा। कंपनी ने आवश्यकता अनुसार ब्यूरो कार्यालय रीवा में उन्हें ब्यूरो चीफ के रूप में स्थानांतरित कर दिया। वर्ष 2014 तक लगातार वहां रहकर काम किया। वर्ष 2015 में ब्यूरो चीफ सीधी के रूप में निलाम्बुज का स्थानांतरण कर दिया गया तब से लगातार काम कर रहे हैं। कह सकते हैं कि 10 वर्ष से लगातार नई दुनिया जबलपुर यूनिट में रहकर कार्य कर रहे हैं। नईदुनिया समूह दैनिक जागरण यूपी समूह का एक अंग है।
इसके अलावा सतना ब्यूरो कार्यालय में जरूरत पड़ने पर खबरों के लिए काम किया गया है। खबरों को साधने में एक अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं।

रीवा सीधी और सिंगरौली पदस्थापना के दौरान कई प्रदेशिक एवं राष्ट्रीय खबरों से आमजन को लाभ मिला है। कई ऐसी स्टोरियां जन सरोकार से जुड़ी रही नई दुनिया का यह मोटो आज जन जन तक अपनी आवाज बन कर पहुंचा है। अंत मे मैं ये कहूंगा कि निलाम्बुज को देखकर मुझे लगता है कि अभी ये उस मुकाम या उस रास्ते पर नही पहुच पाए है जहां तक इनको जाना है, लेकिन उम्मीद है कि नीलाम्बुज की कलम एक दिन जरूर कुछ अलग और सबसे बड़ा लिखने के लिए विख्यात होगी।

Share:

Leave a Comment