शहडोल (ईन्यूज एमपी): मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहडोल में आयोजित 7वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया। इस बड़े आयोजन में सीएम के साथ डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने देश-विदेश के उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन चर्चा की। आयोजन में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र समेत विभिन्न राज्यों के 40 से ज्यादा बड़े उद्योगपति शामिल हुए, जबकि 5 हजार निवेशकों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया। इस कॉन्क्लेव में 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर विचार-विमर्श हुआ। मुख्य रूप से खनिज उद्योग, सौर ऊर्जा और पर्यटन क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की गई। प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश की निवेश नीतियां अत्यंत प्रभावी हैं, और राज्य ने उद्योगों के लिए डीम्ड अप्रूवल और साइबर तहसील जैसी सुविधाएं शुरू की हैं। प्रमुख निवेश प्रस्ताव: शहडोल जिले में: ग्राम पटासी: एथेनॉल प्लांट के लिए 140 करोड़ रुपये। ग्राम मुदरिया: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए 3.5 करोड़ रुपये। ग्राम छतवई: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए 5 करोड़ रुपये। औद्योगिक विकास के लिए ग्राम दियापीपर (51.135 हेक्टेयर) और ग्राम चन्नौड़ी (2.023 हेक्टेयर) भूमि चिन्हित। उमरिया जिले में: बड़वार: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए 5 करोड़ और 2 करोड़ रुपये। ग्राम रोहनिया: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए 2.5 करोड़ रुपये। कंपनियों की भागीदारी: इस कॉन्क्लेव में एसीसी सीमेंट, अल्ट्राटेक सीमेंट, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टोरेन्ट पावर लिमिटेड, श्री बजरंग पावर लिमिटेड, शारदा एनर्जी एंड मिनरल्स लिमिटेड, ओरिएंट पेपर मिल और अन्य कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से शहडोल और आसपास के क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को गति मिलने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य है कि इस क्षेत्र को निवेश के हब के रूप में विकसित किया जाए, जिससे रोजगार और आर्थिक प्रगति में वृद्धि हो।