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Home सियासत बच्चों के लिए कंस बनी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं, 1 माह में प्रदेश के 2 जिलों में 60 बच्चों की मौत:- नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह

बच्चों के लिए कंस बनी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं, 1 माह में प्रदेश के 2 जिलों में 60 बच्चों की मौत:- नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह

भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बच्चों के लिए कंस बन गई है। श्री सिंह ने कहा कि पिछले एक माह में सिर्फ दो जिलों शहडोल और विदिशा में 60 बच्चों की मौत हो गई।

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि विदिशा जो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का संसदीय क्षेत्र है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसी जिले में खेती करके लाभ कमा रहे हैं, वहाँ एक माह में 24 बच्चों की मौत प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की कलई खोलती है। श्री सिंह ने कहा कि शहडोल जैसे आदिवासी जिले में 36 बच्चों की मौत एक माह में हुई है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार उत्तरप्रदेश सरकार का मुकाबला कर रही है, जहाँ पिछले एक माह में 113 बच्चों की मौत हो गई, यहाँ भी भाजपा की सरकार है। नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के साथ स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह चौपट हो गई है। शिशुओं की मौत यह बताती है कि प्रदेश में कुपोषण लगातार बढ़ रहा है और जन्म लेने वाले बच्चों को उचित इलाज न मिलने के कारण मौत हो रही है लेकिन सरकार मौन है। श्री सिंह ने कहा कि इसी तरह स्वाइन फ्लू से अब तक प्रदेश में 45 मौत हो चुकी हैं। श्री सिंह ने कहा कि राजधानी भोपाल में ही एक प्रसूता का प्रसव शौचालय के कमोड में हो जाता है उसकी मृत्यु हो जाती है। सागर में देरी से इलाज मिलने पर सागर मेडीकल कॉलेज में कैंसर के रोगी की मौत हो जाती है। राजगढ़ जिले के भादाहेड़ी गाँव में हर घर में लोग बीमार हैं। एक ओर सरकार लोगों से कहती है कि एच.आई.वी. मरीजों से परहेज मत करो दूसरी ओर टीकमगढ़ में एच.आई.वी. पॉजिटिव महिला को वार्ड से निकाल दिया जाता है, वह परिसर में दो बेटियों को जन्म देती है, जिससे दोनों की मौत हो जाती है यहाँ सरकार की बेटी बचाओ अभियान की कलई खुलती है। दुःखद यह है कि सरकार इन दोनों मामलों में समाज को संदेश देती है और खुद उनका सरकारी अमला सरकार के इस संदेश को नहीं मानता है।

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश स्वास्थ्य व्यवस्थाएं अमानवीय हो गई है। शहडोल में बच्चों की मौत का कारण था कि वहां चार वेंटीलेटर मशीन होने के बाद भी कोई चलाने वाला नहीं है इसलिए बच्चों को उसका लाभ नहीं मिला, मुख्यमंत्री संवेदनशील होने का दावा करते हैं और उनकी नाक के नीचे स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दम तोड़ देती है। आज प्रदेश में गरीब तबके अपने स्वास्थ्य को लेकर भगवान भरोसे हैं क्योंकि सरकार उनका इलाज करने में असमर्थ है। श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री फर्जी आंकड़ो के जरिए खुद की पीठ थपथपा कर खुश हैं ।

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