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बुद्धिमानी से करें समय का नियोजन.....

समय का उपयोग करने एवं अनावश्यक बर्बादी से बचाने का एक बेहतरीन तरीका है कि किस समय आप क्या करेंगे, उसकी योजना बनाएं। मगर इसके लिए जरूरी है कि आपके पास कितना समय है, इसका सही निर्धारण कीजिए। साथ ही साथ यह भी ध्यान रहे कि योजना का मतलब यह नहीं कि उसमें कोई लोच न हो।
समय का बुद्धिमत्तापूर्ण नियोजन होना चाहिए, ताकि आप ज्यादा से ज्यादा काम आसानी से कुशलतापूर्वक कर सकें। समय नियोजन का मतलब काम को बुद्धिमानी से करना है न कि इस पर अपने तरीके से दिन-रात बिताना। समय नियोजन और जीवन में कुछ हासिल करने के लिए यह तीन चीजें महत्वपूर्ण एवं अहम हैं, प्राथमिकता के आधार पर तय करना कि क्या करना है, कब करना है और उसमे लगने वाले समय का अंदाज करना।

आपको 'क्या करना है' की सूची आपकी समय सारिणी, आदतों एवं आपकी प्राथमिकताओं के अनुरूप होनी चाहिए। अपनी व्यक्तिगत पसंद, विशिष्टता एवं आचार के हिसाब से प्रयासों को समायोजित करें। आपको अपने सबसे जरूरी काम की उस समय योजना बनानी चाहिए जब आपकी ऊर्जा का स्तर एवं ध्यान केंद्रित करने की क्षमता अपने चरम पर हो।

अपने कम प्राथमिकता वाले कामों को उस समय करें जब आपकी उत्पादकता निम्न होती है। यह एक मानवीय आदत है कि बड़े एवं मुश्किल कामों की सूची में नीचे धकेल दिया जाता है। अपनी शारीरिक क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए कब क्या करना है, इस पर सजग एवं सही निर्णय लें। कुछ लोग तर्क दे सकते हैं कि खरीददारी, घर के काम एवं अन्य शारीरिक गतिविधियां भी जरूरी हैं। उनके महत्व को नकारा नहीं जा सकता है यदि वह आपके लिए सबसे ज्यादा अहम हों।

मगर साधारणत: कुछ रोजमर्रा के काम को करने के लिए दिमाग नहीं लगाना पड़ता है, वे स्वयं होते जाते हैं। इस बात का कोई मतलब नहीं है कि आप इन चीजों को अपने सबसे प्राथमिक कार्यो की कीमत पर करें। अपनी उत्पादकता को बढ़ाने का एक तरीका यह भी है कि हर एक घंटे के बाद 5-10 मिनट का विराम लें और कुछ और काम करें या आराम करें।

सफल होने के लिए एक असरदार समय सारिणी बनाना सीखना पहला कदम है। एक उपयुक्त समय सारिणी बनाने के लिए जरूरी है कि उन सारी चीजों को लिखना जो आपको करना है और फिर उस हिसाब से नियम करना। जब आप इनको लिखते हैं तब इसके पहले एवं बाद के लिए आवश्यक समय का लेखा-जोखा रखना न भूलें।

जब मैं टहलने जाता हूं तो मुझे पता होता है कि मुझे तैयार होने में एक घंटा या कभी उससे ज्यादा समय भी लगता है। मैं सोने के वस्त्रों को छोड़ टहलने के वस्त्र पहन लेता हूं, जूतों की अच्छी तरह झाड़ना एवं उसमें छोटे-छोटे कंकड़ को देखना जो कि पिछले दिन के टहलते समय उसमें रह गए थे। अन्य चीजें जो मैं अपने साथ लेता हूं वे हैं मेरा मोबाइल एवं आइपॉड जिसमें मैं अपनी किताबें या संगीत सुनता हूं। साथ ही मैं स्टॉप घड़ी भी ले आया हूं, ताकि जब मैं टहलूं तो सिर्फ टहलूं न कि खड़े होकर बात करने में समय बर्बाद करूं।

यहां पहले योजना बनाने का मतलब है, सभी चीजों को एक जगह रखना जिसमें मेरा पर्स और कुछ चाकलेट भी शामिल हैं जो मैं टहलने के दौरान बच्चों में बांटता हूं। वास्तव में पूर्व समय नियोजन के अभाव में आप जीवन के सभी क्षेत्र में समय बर्बाद कर सकते हैं।

पिछले सप्ताह मैं एक सांसद के यहां रात के खाने पर गया। मैंने 90 मिनट आने-जाने एवं 45 मिनट वहां बिताने का समय नियोजित कर लिया था। मुझे यात्रा कैसे बितानी थी इस बारे में भी मैं स्पष्ट था। मैंने दिन भर अपने लैपटॉप पर काम किया था।

मैंने इसे घर को छोड़ा और कार में लगे डीवीडी पर किला देखने का आनंद लेने लगा। समय नियोजन करते समय मैं ईमानदार रहता हूं और किसी काम पर या किसी मित्र से मिलने के कार्यक्रम में शरीक होने में कितना समय बिताना है इसको लेकर बिल्कुल स्पष्ट रहता हूं। यह जरूरी नहीं कि समय नियोजन के लिए आपके पास कोई आधुनिक मशीन होनी ही चाहिए।

मेरे पास ये सारी चीजें हैं फिर भी मैं अपनी पुरानी डायरी पर निर्भर रहता हूं। 'क्या करना है' इस सूची को दिमाग में न रखकर मैं डायरी लिखने पर जोर देता हूं। समय सारिणी बनाते समय मैं इस बात का खास ध्यान रखता हूं कि अपने श्रेष्ठ समय में मुझे क्या करना है और बाकी समय में क्या करना है।

यही रणनीति व्यवसायी, नौकरी पेशा लोग एवं छात्र भी अपना सकते हैं ताकि वे अधिकत परिणाम हासिल कर सकें। हर दिन और हर समय जब हम कुछ करते हैं तो हमें अपनी प्राथमिताएं तय करनी चाहिए। हम अपना जीवन कैसे बिताते हैं यह इस बात से पता चलता है कि हम अपना समय कैसे बिताते हैं।

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