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नोटबंदी मामले में तीन बैंक अधिकारियों को सजा.....

दिल्ली(ईन्यूज एमपी)- नोटबंदी की घोषणा के बाद गैर-कानूनी तरीके से पैसा बनाने के आरोप में सीबीआई की विशेष अदालत ने पंजाब नेशनल बैंक के तीन अधिकारियों को चार वर्ष की सजा सुनाई है. यह नोटबंदी के बाद धोखाधड़ी के मामले में पहले दोष सिद्धि है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उनके कृत्य ने बैंकिंग संस्थान पर धब्बा लगाया है. विशेष सीबीआई जज राज कुमार चौहान ने कहा कि तीनों अधिकारियों से उम्मीद की गई थी कि वे ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के उच्च मानक को पेश करेंगे. उन्होंने कहा कि यह नोटबंदी के बाद बैंक अधिकारियों- रामानंद गुप्ता, भुवनेश कुमार जुल्का और जितेंद्र वीर अरोड़ा- द्वारा पावर के गलत इस्तेमाल का क्लासिक केस लगता है. इन तीनों को जमा कराए गए 10.5 लाख रुपये के लीगल नोट को अमान्य नोट के रूप में दिखाए जाने और गैरअधिकृत व अवैध तरीके से उसे एक्सचेंज करने का दोषी पाया जाता है.' इन तीनों के खिलाफ पीएनबी के एक ब्रांच के डेप्युटी सर्कल हेड ने 5 अप्रैल, 2017 को शिकायत दर्ज कराई थी. उन पर आरोप है कि उन्होंने पीएनबी की सिविल लाइन ब्रांच में दो बार गलत रिकार्ड बनाया है, जो कि डिपाजिटर द्वारा भरे गए असली वाउचर से मेल नहीं खा रहा था. डिपाजिटर ने लीगल टेंडर के रूप में कैश जमा कराया था. इनमें 100, 50, 20,10,5,2 और 1 रुपये के नोट और सिक्के थे. षड़यंत्र रचते हुए इन तीनों अधिकारियों ने डिपाजिट को चलन से बाहर हो गए 500 और 1000 रुपये के नोट के रूप में दिखाया. सीबीआई का आरोप है कि बैंक अधिकारियों ने 10.5 लाख रुपये को गैरअधिकृत तरीके से एक्सचेंज किया. सीबीआई ने 6 अप्रैल 2017 को एफआईआर दर्ज की थी. ट्रांजेक्शन की जांच के दौरान पाया गया कि कैश लेने के बाद अधिकारियों ने अपनी आईडी से सीबीएस सिस्टम में फीड किया था. बैंक के वाउचर में दर्ज डिनॉमिनेशन बैंक सिस्टम में अलग थे.

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