मुरैना(ईन्यूज एमपी)- वन विभाग की टीम से बचने के लिए तेज रफ्तार से भाग रहे अवैध रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्राली ने तीन महिलाओं को अपनी चपेट में ले लिया। एक महिला को ट्रैक्टर-टॉली चालक कुचलते और दो महिलाओं को टक्कर मारते भाग निकला। हादसे में एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई, वहीं दो महिलाएं घायल हैं। नेशनल हाइवे धौलपुर रोड पर हुए इस हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने हाइवे पर जाम लगा दिया। इस विरोध के कारण पुलिस ने रेत माफिया के साथ-साथ वन विभाग के डंपर ड्राइवर पर भी एफआइआर दर्ज की है। रविवार दोपहर 3 बजे के करीब यह घटना नेशनल हाइवे पर ज्ञानतीर्थ जैन मंदिर के सामने हुई है। बताया गया है भिंड जिले की तीन सगी बहनें 28 वर्षीय ममता पत्नी शिवकुमार लोधी, 40 वर्षीय सुनीता पत्नी रामवरन लोधी, 35 वर्षीय मंजू पत्नी बल्लभ सिंह लोधी, घिरौना मंदिर के पास स्थित सांगोलिया का पुरा गांव में रहने वाले अपने जीजा रामवरन सिंह लोधी के यहां आई थीं। तीनों बहनें भिंड में अपने घर जाने के लिए निकली थीं और हाइवे किनारे खड़ी हुई थीं। तभी चंबल पुल की ओर से अवैध रेत से भरी कुछ ट्रैक्टर-ट्रॉली तेज रफ्तार में आई। बताया गया है चंबल नदी से अवैध उत्खनन करके निकाले गए रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रालियों के पीछे वन विभाग की गाड़ी लगी थी और आगे वन विभाग का ही डंपर जा रहा था। ज्ञानतीर्थ मंदिर के सामने वन विभाग के डंपर के ड्राइवर ने रेत के ट्रैक्टर-ट्राली को रोकने के लिए हाइवे पर डंपर को रोक दिया, जिससे साइड लेकर भागने के फेर में ट्रैक्टर-ट्राली का संतुलन ऐसा बिगड़ा कि हाइवे से उतरकर किनारे पर आ गई, जहां घर के दरवाजे पर खड़ी सुनीता लोधी और मंजू लोधी को टक्कर मारने के बाद तेज रफ्तार में ममता लोधी को कुचलते हुए निकल गई। सिर पर टायर चढ़ने से ममता की मौके पर ही मौत हो गई। ग्रामीण बोला ट्रैक्ट्रर-ट्रॉली के बाद वन विभाग के डंपर ने भी कुचला इस घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी जण्डेल सिंह ने बताया कि रेत के ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के आगे वन विभाग का एक डंपर चल रहा था, पीछे दो गाड़ियां थीं, जिनमें एक डीएफओ की और एक गाड़ी पुलिस की थी। डंपर के ड्राइवर ने घिरौना मंदिर को निकलते ही ट्रैक्टर-ट्राली को रोकने के लिए हाइवे पर ब्रेक लगा दिए, जिससे बचकर निकलने के फेर में ट्रैक्टर-ट्रॉली ने महिला को कुचल दिया। इसके बाद पीछे से आ रहा वन विभाग का डंपर भी महिला को कुचलता हुआ निकल गया और उसके पीछे वन विभाग के अफसर व पुलिस का वाहन भी मुरैना की ओर भाग गया। मृतका के बहनोई रामवरन सिंह ने बताया कि यह हादसा वन विभाग के कारण हुआ है। दूसरी ओर डीएफओ अमित निकम का दावा है कि उनकी टीम तो कैलारस में थी और वह आफिस में बैठे हुए थे। रही बात पुलिस के वाहन की तो उसे लेकर कोई कुछ भी बताने तैयार नहीं। हाइवे पर लगाया जाम, लगी वाहनों की कतार इस हादसे से गुस्साए ग्रामीण व मृतका के स्वजनों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। पौन घंटे तक हाइवे पर कोई वाहन नहीं निकलने दिया गया। ग्रामीणों के हाइवे की एक साइड पर शव रख दिया और दूसरी साइड पर ट्रैक्टर-ट्राली खड़ी करके आवागमन बंद कर दिया। इस कारण घिरौना मंदिर से चंबल नदी की ओर और मंदिर से मुरैना शहर की ओर हाइवे की दोनों साइडों पर दो-दो किलोमीटर से ज्यादा दूर तक वाहनों की कतार लग गई। इसके बाद सीएसपी अतुल सिंह, सिविल लाइन टीआइ विनय यादव आदि अफसर पहुंचे, जिन्होंने कार्रवाई का भरोसा देकर शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया फिर जाम खुलवाया।