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Home देश-दुनिया एमपी की सियासत पर SC का तर्क - हम नहीं चाहते हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा मिले, जल्द हो फ्लोर टेस्ट.....

एमपी की सियासत पर SC का तर्क - हम नहीं चाहते हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा मिले, जल्द हो फ्लोर टेस्ट.....

दिल्ली(ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश के सियासी संग्राम पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. स्पीकर की ओर से पेश हो रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमें 2 हफ्तों की मोहलत दी जानी चाहिए. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा नहीं देना चाहते हैं, इसलिए जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट होना चाहिए.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा नहीं देना चाहते हैं, इसलिए विधानसभा में जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट हो. यही वजह है कि कोर्ट फ्लोर टेस्ट का आदेश देता है. दबाव बनाने का मकसद है कि जल्दी से जल्दी फ्लोर टेस्ट हो और जरूरी कदम उठाए जाएं.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि आपको 22 इस्तीफे मिले थे. इसमें से 6 इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए. इस मामले में स्पीकार ने क्या जांच की. किस तारीख को इस्तीफे मिले थे और क्या आदेश पारित किया गया था. इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि स्पीकर को जांच की प्रक्रिया करनी है. इसके लिए दो हफ्ते की मोहलत चाहिए.

इसके बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने कर्नाटक का आदेश पढ़ा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक के आदेश स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देता कि वो कब तक अयोग्यता पर फैसला लें, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि फ्लोर टेस्ट न हो. कर्नाटक के मामले में अगले दिन फ्लोर टेस्ट हुआ था और कोर्ट में विधायकों की अयोग्यता के मामले को लंबित होने की वजह से फ्लोर टेस्ट नहीं टाला था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संवैधानिक सिद्धांत जो उभरता है, उसमें अविश्वास मत पर कोई प्रतिबंध नहीं है, क्योंकि स्पीकर के समक्ष इस्तीफे या अयोग्यता का मुद्दा लंबित है. इसलिए हमें यह देखना होगा कि क्या राज्यपाल उसके साथ निहित शक्तियों से परे काम करें या नहीं. एक अन्य सवाल है कि अगर स्पीकर राज्यपाल की सलाह को स्वीकार नहीं करता है तो राज्यपाल को क्या करना चाहिए. एक विकल्प है कि राज्यपाल अपनी रिपोर्ट केंद्र को दें.

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