सीधी (ईन्यूज़ एमपी): सीधी-सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-39) पर हो रहे निर्माण कार्य को लेकर आखिरकार बड़ी कार्रवाई हुई है। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के संभागीय प्रबंधक ने बताया कि निर्माण की बेहद धीमी रफ्तार और लापरवाही के चलते संविदाकार कंपनी मेसर्स तिरूपति बिल्डकॉन प्रायवेट लिमिटेड, बुढ़ार का ठेका निरस्त कर दिया गया है। यह अनुबंध 06 मई 2025 को रद्द किया गया, लेकिन इसका असर जनता कई महीनों से भुगत रही है। सवाल यह है कि क्या अब जाकर प्रशासन की नींद टूटी है? या फिर जनता के सब्र का बांध टूटने के बाद उठाया गया यह कदम सिर्फ एक औपचारिकता है? सड़क नहीं, हादसों का न्योता बना एनएच-39 सीधी से सिंगरौली तक का यह बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय राजमार्ग लंबे समय से धूल-गड्ढों और दुर्घटनाओं का पर्याय बना हुआ था। कार्य की धीमी प्रगति से परेशान आमजन, यात्रियों, एम्बुलेंस और स्कूली बच्चों को जान हथेली पर रखकर गुजरना पड़ रहा था। लेकिन संविदाकार की नाकामी के बावजूद अब तक कार्यवाही टलती रही। ठेका खत्म, अब क्या? अब जब ठेका रद्द कर दिया गया है, तो मरम्मत की जिम्मेदारी विभागीय जोनल ठेकेदार को सौंपी गई है। बताया जा रहा है कि ₹11.78 करोड़ की मरम्मत निविदा भी तय की गई है, जो 02 जुलाई 2025 को खोली जाएगी और 20 दिनों के भीतर नई एजेंसी को काम सौंपा जाएगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब बरसात सिर पर है, तो क्या इन वादों की भीच सड़क कीचड़ में धंसेगी या जनता को वाकई राहत मिलेगी? नया ठेका कब? इस बहुचर्चित मार्ग के शेष निर्माण कार्य के लिए एमओआरटीएच (Ministry of Road Transport and Highways) से स्वीकृति की प्रतीक्षा की जा रही है। स्वीकृति के बाद ही नई निविदा प्रक्रिया को गति मिलेगी। जनता के सवाल तेज़, सरकार के कदम धीमे इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि "तंत्र की सुस्ती" और "संविदाकार की मनमानी" आमजन की जिंदगी से बड़ी हो गई है। अब जब ठेका रद्द हो चुका है, तो निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या प्रशासन समय पर सुधार कार्य कर पाएगा या फिर यह भी एक और नए संविदाकार की इबारत बनकर रह जाएगा?