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Home सीधी दर्पण पुरुष विवेक प्रधान और नारी स्नेह प्रधान है : पं बालाव्यंकटेश

पुरुष विवेक प्रधान और नारी स्नेह प्रधान है : पं बालाव्यंकटेश



सीधी ( ईन्यूज एमपी)विगत 13जनवरी 2023से स्थानीय पूजापार्क सीधी में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत की व्यासपीठ का पूजा अर्चन लालमणि सिंह चौहान,सुरेन्द्र सिंह बोरा, डाॅ रामसुशील शुक्ल,अनिलकुमार पाण्डेय,श्रीमती कुमुदिनी सिंह,प्रहलाद प्रसाद गुप्त, ए पी सिंह बघेल , श्रीमती रामसखी गुप्ता तथा डाॅ श्रीनिवास शुक्ल सरस ने किया।तत्पश्चात ब्यास पीठ पर विराजमान देश के लोक प्रिय कथा प्रबक्ता पं बालाव्यंकटेश महराज वृन्दावनोपासक का माल्यार्पण हुआ। ब्यास जी ने समुपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दुनिया बनाना और चलाना भगवान का काम है यह सब उसी का इन्तजाम है अर्थात हमारे कृष्ण की परमसम सत्ता अद्भुत है।उसकी सत्ता के सामर्थ्य को वही समझ सकता है जिसको हमारा प्रभु जनाना चाहता है। क्योंकि संसार के रथ को चलाने बाला परम पिता परमेश्वर है उदाहरण के लिए ध्रुव की तपस्थली के पास आज भी गंगा की धारा का प्रवाह एक दम स्थिर है। कथा क्रम को बढाते हुए व्यास ने कहा कि सत्संग का आनन्द सिर्फ भूमण्डल में है स्वर्ग में नही। जब ध्रुव जी का विमान ऊपर ऊपर चल रहा था तब उनको अपनी ;माॅता की सुधि आई कि मेरी माॅ कहाँ होगी तब आकाशवाणी हुई कि आपके माॅ का रथ आपके ऊपर ऊपर चल रहा है।अंततः ध्रुव जी ध्रुवलोक, भगवान की सत्ता को स्वीकार करके चले गये किन्तु इसका श्रेय अपनी ममतामयी माॅ को ही दिये।कथा में ऐसे कई प्रसंग महराज जी ने समुपस्थित भक्तों को प्रदान किया जिसमें जीवन मूल्य और मानवता का संदेश निहित है।आज के टूटते विखरते समाज- परिवार और घर को बचाने की दिशा में महराज जी का प्रबचन नितान्त व्यवहारिक रहा। महराज जी भागवत को ऐसा ग्रथ बताया तथा कई प्रमाण प्रस्तुत करके सिद्ध कर दिया कि इसमें बर्तमान, भूत और भविष्य पर केन्द्रित विविधवर्णी सूत्र समाहित हैं। भागवत के श्लोकों का भाव सरलीकरण करते हुए यह भी बताया कि अग्नि में हाथ चाहे जानकर पड़ जाय या धोखे से, उसका गुण है जलाना। बस इसी भाॅति भाव या कुभाव से कैसे भी नाम भगवान का लीजिए आपका कल्याण हो जायेगा। उन्होने आगे कहा कि सबसे पहले हम भारत बासी हैं जहाॅ हमारा सनातन धर्म पुष्पित एवं पल्लवित हो रहा है।आज देश के कोने कोने से जय सियाराम की आवाज आ रही है,सारी धरती राम मय बन पडी है।यह भी हमारे राम लला की कृपा का ही प्रतिफल है। कथा के उपसंहार में श्री कृष्ण प्रगटोत्सव बडे धूम धाम से मनाया गया तथा रोचक एवं मोहक झाॅकी प्रस्तुत हुई। बधाई गीत सुनकर तथा भक्त गणों का भाव विभोर होकर नाचना गाना और कृष्ण की भक्ति में झूमना विशेष उल्लेखनीय रहा।
कथा में अनेक गणमान्य नागरिक अधिकारी व्यापारी साहित्यिक जन तथा मीडिया विदों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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