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कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मंगलवार पवनपुत्र हनुमान जी का जन्म हुआ था

दिल्ली: 10 नवंबर को नरकचौदस है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मंगलवार की आधी रात, मां अंजना के यहां पवनपुत्र हनुमान जी का जन्म हुआ था। कहा जाता है कि जब लंका विजय के बाद, भगवान राम-सीता अयोध्या आये, तो वानर सेना की विदाई की गई थी। जब हनुमान जी को सीता जी विदा कर रही थीं, तो उन्होने अपने गले की माला उतार कर पहनाई थी। बहुमूल्य मोतियों और हीरों से जड़ी ये माला पाकर हनुमान जी प्रसन्न नहीं हुये। क्योंकि उस पर भगवान श्रीराम का नाम नहीं था। तब सीता जी ने अपने माथे पर लगा सिंदूर, हनुमान जी के ललाट पर लगाया था। सीता जी ने हनुमान जी से कहा था कि इससे अधिक महत्व की उनके पास कोई वस्तु नहीं है। इसलिये यह सिंदूर धारण कर, तुम अजर अमर हो जाओ। तब से हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाया जाने लगा। इसी सिंदूर से हनुमान जी आज भी अजर अमर हैं। ऐसी मान्यता है कि नरक चौदस के दिन हनुमान जी की पूजा से हर तरह की बाधा दूर हो जाती है।
कारोबार बढ़ायेंगे पवनपुत्र हनुमान
अगर आपके व्यापार में बाधा आ रही है। बिजनेस के लिए लोन नहीं मिल रहा है। नया बिजनेस शुरु कैसे करें ये समझ नहीं आ रहा हो तो आपकी मदद करने आ गए हैं हनुमान जी। वैसे भी हनुमान जी बाधायें दूर करने में निपुण हैं। ज़रा याद करें रामचरित मानस का वह प्रसंग, जब रावण ने सीता जी का हरण किया था। सीता जी के जाने के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम राम बहुत दुखी हुये थे। ऐसे में उनके काम आए थे हनुमान जी। उन्होने न सिर्फ सीता जी को खोज निकाला था, बल्कि रावण पर विजय पाने में उनकी वानर सेना का ही सबसे बड़ा योगदान था। तो जब हनुमान जी रावण जैसे महायोद्धा पर विजय पाने में मददगार साबित हो सकते हैं, तो बाकी के काम तो वो चुटकियों में बना देंगे। अगर आपको बिजनेस में कोई दिक्कत है, कोई पैसा लगाने को तैयार नहीं या फिर नए बिजनेस का कोई प्लान नहीं बन पा रहा है। तो दीपावली से एक दिन पहले हनुमान जयंती से रामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ शुरु करें। लगातार 21 दिन तक सुंदरकांड का पाठ करने के बाद उद्यापन करें। व्यापार संबंधी हर समस्या का समाधान हो जाएगा।
नरकचौदस पर हनुमान जंजीरा की सिद्धि से कर्ज से मुक्ति
अपनी मनोकामना पूरी कराने के लिये हनुमान जंजीरा सिद्ध करें। ॐ हनुमान पहलवान पहलवान बरस बारह का जबान, हाथ में लड्‍डू मुख में पान खेल खेल गढ़ लंका के चौगान, अंजनी का पूत,राम का दूत,छिन में कीलौ नौ खंड का भू‍त, जाग जाग हड़मान हुँकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटा डग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुँवर हड़मान करें। इस मंत्र की हर दिन एक माला, 21 दिन तक जपें। 21वें दिन हनुमान मंदिर जाकर एक नारियल और लाल ध्वजा चढ़ायें। अगर आप पर कर्ज का बोझ है तो ऋणमोचन मंगल स्रोत का भी पाठ करें। देखते देखते आपकी कर्ज़ संबंधी हर समस्या का समाधान हो जायेगा।

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