पंचायत भवन या गाली भवन?,दबंग भाजपा प्रतिनिधि को नहीं कानून का डर भाजपा मंडल उपाध्यक्ष पर आरोप – फोन पर गाली और जूते से मारने की धमकी, पीड़ित बोला: "अब घर से निकलना भी डरावना" सीधी। लोकतंत्र में पंचायत भवन को अब नया नाम मिल सकता है – “गाली भवन”, क्योंकि यहां चुने हुए प्रतिनिधियों के संरक्षण में गालियां और धमकियां मुफ्त में मिल रही हैं। मामला है ग्राम पंचायत भितरी, जनपद पंचायत सिहावल का, जहां के सरपंच प्रतिनिधि और भाजपा मंडल उपाध्यक्ष अवधेश सिंह चौहान पर आरोप है कि उन्होंने आम नागरिक मनीष सोधिया को फोन पर गालियां दीं और यहां तक कह डाला – “जूते से मारूंगा, पंचायत भवन आओ।” सरकार के वादे बनाम जमीनी हकीकत प्रदेश सरकार हर मंच से लाड़ली बहनों के सम्मान की दुहाई देती है, “1250 रुपये देंगे तो सम्मान मिलेगा” जैसी स्कीमें चलाती है। लेकिन सवाल यह है कि जब उसी सरकार से जुड़ा पदाधिकारी खुलेआम गाली और धमकी दे, तो फिर यह सम्मान आखिर किस कोने में छिपा है? पुलिस और प्रशासन की चुप्पी पीड़ित ने साफ कहा – “मुझे जान का खतरा है, रातभर नींद नहीं आती, घर से निकलना मुश्किल हो गया है।” लेकिन पुलिस और प्रशासन का रवैया वैसा ही है जैसा हमेशा रहता है – “जांच की जा रही है”। यानी आम आदमी चाहे जितना चिल्ला ले, सत्ता से जुड़े नाम आते ही जांच की फाइलों में नींद की गोली डाल दी जाती है। सवाल सत्ता के गलियारों से * क्या भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष होने का मतलब कानून से छूट मिलना है? * * क्या सीधी जिले की जनता को अब सुरक्षा के लिए “सत्ता का चश्मा” पहनना होगा? अगर पंचायत प्रतिनिधि ही पंचायत भवन को “अखाड़ा” बना देंगे और आम जनता को जूते मारने की धमकी देंगे, तो बेहतर है सरकार इसे नया नाम दे दे – “सम्मान भवन – जहां गाली है गहना और धमकी है प्रसाद।” पीड़ित की गुहार मनीष सोधिया और उनका परिवार सरकार और जनता से फरियाद कर रहा है कि गालीबाज सरपंच प्रतिनिधि पर कड़ी कार्रवाई हो। वरना यह संदेश जाएगा कि आम आदमी की औकात बस चुनाव के दिन वोट डालने तक ही है, उसके बाद उसकी इज्जत और सुरक्षा – सब भगवान भरोसे।