मध्य प्रदेश: ओबीसी आरक्षण पर समिति सख्त, महाधिवक्ता को पत्र – "होल्ड पदों पर तुरंत नियुक्ति दें" जबलपुर- मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने की लड़ाई तेज़ हो गई है। ओबीसी आरक्षण से जुड़े मामलों के निपटान के लिए गठित समन्वय समिति ने शुक्रवार को महाधिवक्ता को पत्र भेजकर प्रदेश में *13 प्रतिशत होल्ड पदों* पर तत्काल नियुक्ति देने की मांग रखी है। मुख्यमंत्री का निर्देश, समिति का दबाव हाल ही में हुई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाधिवक्ता को स्पष्ट निर्देश दिया था कि ओबीसी वर्ग के अधिवक्ताओं से चर्चा कर समाधान खोजा जाए। इसके बाद गुरुवार को दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश भवन में महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने ओबीसी अधिवक्ताओं से लिखित अभिमत मांगा। "कानूनी बाधा नहीं" – वरिष्ठ अधिवक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है कि पहले भी पुलिस भर्ती, सब-इंजीनियर और जेल गार्ड जैसी भर्तियों में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। “ओबीसी आरक्षण अधिनियम पर किसी अदालत ने स्थगन नहीं दिया है, इसलिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने में कोई कानूनी रुकावट नहीं है।” समिति का तर्क समन्वय समिति ने पत्र में लिखा कि होल्ड पर रखे गए पदों पर तुरंत नियुक्तियां की जाएं ताकि आरक्षण का वास्तविक लाभ ओबीसी वर्ग को समय पर मिल सके। समिति का कहना है कि इस मुद्दे में देर होने से हजारों उम्मीदवारों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।