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धोखाधडी करने वाले आरोपी की जमानत याचिका न्यायालय ने की निरस्त

अनूपपुर (ईन्यूज एमपी)-न्यायालय द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश कोतमा श्री रविन्द्र कुमार शर्मा के न्यायालय से आरोपी राजीव राय पिता गुरू प्रसाद राय उम्र 35 निवासी मलगा, थाना रामनगर की जमानत याचिका निरस्त की गई।
मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने श्री राजगौरव तिवारी एडीपीओ के हवाले से बताया गया कि मामला थाना रामनगर के अ.क्र. 09/20 की धारा 420,417,419,468,471,120बी भादवि से संबंधित है करीब वर्ष 2018 दशहरा के समय जब आरोपी राजीव राय द्वारा फरियादिया को 5000रू में गैस सिलेंडर दिलाने के बात कहकर उसे बहकावे में लाकर बैंक ले जाकर 4-5 आहरण फार्म में अगूठा लिया और कहा कि दो-तीन दिन में फिर आना पडेगा फिर पैसा निकल जायगा इस तरह कई बार 8-10 दिन में आरोपी राजीव फरियादिया को बैंक ले जाकर आहरण फार्म में अगूठा लगवा लेता था। फरियादिया के द्वारा पूछे जाने पर आरोपी कहता था कि जब पैसा निकल जायेगा तो सिलेंडर मिल जायेगा इस तरह आरोपी राजीव के द्वारा धोखाधडी कर ,छलकर, छल के प्रयोजन से कूट रचना कर एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर करीब 1लाख40हजार रू फरियादिया के खाते से निकालकर खा गया, आरोपी पहले से भी अन्य कई धोखाधडी के मामलों में फसने के कारण जेल में है, जिसे थाना रामनगर द्वारा कायम कर विवेचना उपरांत माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
आरोपी ने यह लिया था आधारः- आरोपी द्वारा जमानत आवेदन में यह आधार लिया गया था कि आरोपी को झूठा फसाया गया है एवं फरार होने की संभावना नही है जमानत की शर्ताे का पालन करने के लिए तैयार है। आरोपी नवयूवक है तथा इस प्रकरण में अन्य अभियुक्तगण की जमानत माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा मंजूर कर ली गई इसलिए समानता के आधार पर जमानत का लाभ दिया जाए।

अभियोजन ने इस आधार पर किया था विरोधः-उक्त आवेदन पत्र अपर लोक अभियोजक श्री शैलेन्द्र सिंह द्वारा जमानत आवेदन का इस आधार पर विरोध किया गया कि अभियुक्त द्वारा कई लोगों के साथ इस प्रकार की धोखाधडी कर फर्जी तरीके से राशि आहरित की गई है लिहाजा समानता के आधार पर अभियुक्त को जमानत प्राप्त करने का अधिकार नही है आरोपी द्वारा जमानत दिए जाने पर समाज में बुरा संदेश जाएगा आरोपी को जमानत का लाभ दिए जाने पर वह साक्ष्य प्रभावित कर सकता है व फरार हो सकता है। उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्काे से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका अंतर्गत धारा 439द.प्र.स. निरस्त कर दिया।



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