सीधी (ईन्यूज़ एमपी): सीधी में शुक्रवार को एक अद्भुत नज़ारा देखने को मिला जब राज्य के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं जिले के प्रभारी मंत्री दिलीप जायसवाल खुद फावड़ा थामकर परसिली नाला में उतरे और जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत श्रमदान कर जल संरक्षण का संकल्प दोहराया। उनके साथ सांसद डॉ. राजेश मिश्रा, विधायक कुंवर सिंह टेकाम, कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी, सीईओ जिला पंचायत अंशुमन राज, अन्य जनप्रतिनिधि और सैकड़ों ग्रामवासी भी हाथों में कुदाल लिए जल स्त्रोत को संवारते नजर आए। "जल नहीं तो कल नहीं" – मंत्री ने दिया संकल्प का संदेश: प्रभारी मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “जल गंगा संवर्धन अभियान सिर्फ सरकारी योजना नहीं, ये हमारे जीवन से जुड़ा अभियान है। वर्षा जल का संरक्षण, जल स्त्रोतों का पुनर्जीवन और जन भागीदारी ही इसे सफल बना सकती है।” उन्होंने पुराने जल स्त्रोतों को रीचार्ज करने, स्वच्छता बनाए रखने, और पानी के अपव्यय को रोकने की अपील की। सांसद और विधायक ने भी दिया गंभीर जल संकट पर अलर्ट सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने कहा, “जल है, तो जीवन है। जल संकट के लिए हम खुद जिम्मेदार हैं, अब चेतने का वक्त है।” उन्होंने पुराने जल स्त्रोतों के संरक्षण की बात कही। विधायक कुंवर सिंह टेकाम ने भी कहा कि जनभागीदारी में ताकत है, और यदि हर नागरिक एक कदम उठाए तो जल संकट जैसे गंभीर विषय पर बड़ी जीत पाई जा सकती है। प्रशासनिक मुखिया का दो टूक संदेश: कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने कहा, “भूमिगत जल भी खनिजों की तरह अमूल्य है। इसे बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।” उन्होंने अधिकारियों को गुणवत्ता, समयसीमा और गंभीरता से कार्य करने के निर्देश भी दिए। परसिली में हुआ यह आयोजन सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि एक जन आंदोलन में तब्दील हो गया, जिसमें लोगों ने स्वयं आगे आकर धरती की प्यास बुझाने का प्रण लिया।