सीधी (ईन्यूज़ एमपी): भीषण गर्मी के बीच सीधी जिले के लिए बड़ी प्रशासनिक घोषणा सामने आई है। कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने जिले में जल संकट की भयावह आशंका को देखते हुए 2 मई 2025 से 15 जुलाई 2025 तक जिले की आठ तहसीलों को जल-अभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है। अब यदि किसी ने इस अवधि में बिना अनुमति ट्यूबवेल की खुदाई की, तो उसे जेल की हवा खानी पड़ सकती है! यह आदेश मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 एवं संशोधित अधिनियम 2002 की धाराओं के तहत लागू किया गया है। पानी सिर्फ पीने के लिए, बाकी सब पर सख्त पाबंदी! जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नदियों, नालों और स्टॉपडैम से अब केवल पेयजल हेतु पानी लिया जा सकेगा। सिंचाई, निर्माण या अन्य कार्यों के लिए पानी निकालना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने वालों को कड़ी सजा और आर्थिक दंड झेलना पड़ सकता है। कौन-कौन सी तहसीलें घोषित हुईं जल-अभाव ग्रस्त? रामपुर नैकिन चुरहट गोपदबनास सिहावल बहरी मझौली मड़वास कुसमी इन सभी क्षेत्रों में अब जल की हर बूंद पर प्रशासन की निगरानी रहेगी। शासन ने दिखाई सख्ती, जनता को बरतनी होगी सतर्कता कलेक्टर ने साफ किया है कि यह आदेश शासकीय नलकूपों पर लागू नहीं होगा, लेकिन आम नागरिकों को अब हर तरह की खुदाई और जल दोहन के लिए प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी। अनदेखी करने पर कानूनी कार्रवाई तय है।