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Home सीधी दर्पण सीधी : किसका बाट जोह रहा सूखानाला , शंकर के निर्माण को कैंची का इंतजार.....

सीधी : किसका बाट जोह रहा सूखानाला , शंकर के निर्माण को कैंची का इंतजार.....

सीधी (ईन्यूज एमपी)- लंबे इंतजार के बाद बने सूखा नाला पुल को अब इंतजार है तो किसी फीता काटने वाले का, जी हां जिसके फीता काटने के बाद यह पुल चालू हो सके अपने निर्धारित अवधि से कहीं ज्यादा समय लेकर और बार-बार ठेकेदारों को बदलने के बाद आखिरकार पुल तो तैयार हो गया लेकिन पुल को इंतजार है तो फीता काटने वाले हाथों का जिसका खामियाजा आमजन से लेकर अधिकारियों तक को भुगतना पड़ रहा है

बता दें कि शहर के कलेक्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक कार्यालय को जोडऩे के लिए उच्च विश्राम गृह मार्ग बेहद अहम है,इसी रास्ते से होकर कलेक्टर, जिला न्यायाधीश व अन्य अधिकारी कर्मचारी जाते हैं,इस मार्ग में स्थित सूखा नाला में जर्जर पुल की जगह नवीन पुल का निर्माण तीन वर्ष पूर्व शुरू किया गया था लेकिन निर्माण अवधि से कहीं ज्यादा का समय बीतने के बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो सका था और इसका कारण जिले के जिम्मेदार प्रशासन और ठेकेदार दोनों की लापरवाही बनी हुई थी, लेकिन वर्तमान में ठेकेदार बदल कर तीव्र गति से पुल का निर्माण तो करा दिया गया है लेकिन निर्माण होने के बाद भी पुल आवागमन के लिए बंद किया गया है जिसका पता लगाने पर कारण केवल एक समझ में आया की पुल के उद्घाटन का श्रेय किसे दिया जाए अर्थात लंबे इंतजार के बाद बनकर तैयार हुए सूखा नाला के पुल को अब किसी महानुभाव के कर कमलों का इंतजार है यह इंतजार कितना लंबा होता है यह तो प्रशासन ही तय करेगा।

ज्ञात हो कि पूर्व कलेक्टर अभिषेक सिंह द्वारा सूखा नाला में बने पुराने पुल की जगह नये पुल निर्माण के लिए आदेश दिये गये थे। जारी आदेश के तहत जून 2018 में पुल निर्माण के लिए काम शुरू किया गया था। 1 करोड़ 25 लाख की लागत से इस पुल निर्माण के पूर्ण होने की अवधि 9 माह निर्धारित की गई थी। लेकिन अब जाकर पुल निर्माण कार्य पूर्ण हो सका है।

पुल निर्माण कार्य का टेंडर अजय वर्मा नामक संविदाकार को दिया गया था। मुख्य संविदाकार द्वारा इसे पेटी कान्टेक्टर के माध्यम से कराया जा रहा था। लेकिन जब उनके भी हाथ पांव फूल गए तो यह जिम्मेदारी जिले के ही एक ठेकेदार को सौंपी गई जिन्होंने अधूरे पड़े कार्य को पूर्ण कर सूखा नाला के पुल को मूर्त रूप प्रदान किया लेकिन पुल बनने के 2 से 3 माह बाद भी अब तक पुल में आवागमन बहाल नहीं किया गया है इसका कारण कोई तकनीकी ना होकर राजनीतिक समझ में आ रहा है अब पुल का लोकार्पण कौन करता है यह तो जिला प्रशासन ही तय करेगा लेकिन यह तय करने में उन्हें कितना समय लगेगा यह तो समय ही बताएगा.....?

सूखा नाला स्थित इस पुल के चालू न होने में कारण चाहे जो भी हो लेकिन आवागमन बाधित होने से इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। शहर का यह सुकून भरा मार्ग भी है। इस मार्ग में आवागमन सुचारू होने से लोगों को कलेक्ट्रेट से पुलिस अधीक्षक कार्यालय आने-जाने के लिए काफी कम दूरी तय करनी पड़ रही थी लेकिन मार्ग बंद होने से अब मुख्य मार्ग होते हुए अस्पताल एवं सम्राट चौराहे से जाना पड़ रहा है। इसके लिए जहां दूरी ज्यादा तय करनी पड़ रही है वहीं मुख्य मार्ग में ट्रैफिक होने से परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। पुल निर्माण पूर्ण होने के बाद उसे शुरू करने में प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है

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