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पायल गिरवी रखकर महिला ने दी पुलिस को रिश्वत, टीआइ लाइन हाजिर, एएसआइ सस्पेंड....

शहडोल (ईन्यूज एमपी)- जयसिंहनगर थाना में एक महिला ने पुलिस को अपनी पायल गिरवी रखकर रिश्वत दी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी अवधेश गोस्वामी ने गुरुवार को कार्रवाई करते हुए जयसिंहनगर थाना प्रभारी नरबद सिंह धुर्वे को लाइन अटैच कर दिया है और एएसआइ गुलाब सिंह को निलंबित किया है।

जयसिंहनगर थाना अंतर्गत करकी गांव में रहने वाली मीरा बाई कोल ने अगस्त 2021 में गांव के ही एक यादव के ऊपर मारपीट का आरोप लगाते हुए प्रकरण दर्ज करवाया। जब उसने मारपीट की शिकायत की तो उसने पुलिस को अपना नाम मीरा बाई बैगा बताया। पुलिस ने आरोपित के विरुद्घ एसटीएससी का प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी थी।

जांच के दौरान जब जयसिंहनगर पुलिस ने फरियादी महिला मीरा बाई से उसका जाति प्रमाण पत्र मांगा तो उसने कोल जाति का प्रमाण पत्र दिया। पुलिस ने इसमें आपत्ति जाहिर की और कहा कि जब तुमने बैगा लिखवाया है तो बैगा जाति का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद महिला ने पुलिस के माध्यम से एसडीएम कोर्ट में बैगा जाति का प्रमाण बनवाने का आवेदन दिया था।


पुलिस को चाहिए था पिता का प्रमाण पत्र

एसटीएससी के प्रकरण में जाति को साबित करने के लिए पुलिस फरियादिया के पिता का जाति प्रमाण पत्र देखती है, जबकि फरियादिया मीरा बाई का जाति प्रमाण पत्र कोल जाति का बना था और पति के नाम के आधार पर बना था। जब उसने बैगा जाति का प्रमाण पत्र बनाने का आवेदन एसडीएम कोर्ट में दिया तो न्यायालय ने उसे निरस्त कर दिया। यह प्रकरण तभी से जाति प्रमाण पत्र के कारण अधर में लटका हुआ था।


महिला ने सीएम हेल्पलाइन में की थी शिकायत

पुलिस ने बताया कि करकी गांव की मीरा बाई ने जाति प्रमाण पत्र नहीं बनवाने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी की थी। उसने एक से ज्यादा बार शिकायत सीएम हेल्पलाइन में करते हुए जाति प्रमाण पत्र बनवाने और मारपीट के प्रकरण में धारा बढ़वाने की शिकायत की थी। जयसिंहनगर पुलिस महिला के ऊपर शिकायत वापस लेने का भी दबाव बना रही थी।

पायल गिरवी रखकर पुलिस को दी गई रिश्वत

पीड़ित महिला ने बताया कि जब पुलिस के अधिकारी उससे बार-बार रुपये मांगने लगे तो उसने अपनी पायल गिरवी रखकर जांच अधिकारी को पांच हजार रुपये बतौर रिश्वत दी। महिला का आरोप है कि इसके बाद भी उसका जाति प्रमाण पत्र नहीं बनवाया गया और आरोपित के विरुद्घ धाराएं नहीं बढ़ाई गईं। पांच हजार की रिश्वत लेने के बाद पुलिस के अधिकारी उससे 10 हजार रिश्वत की मांग और कर रहे थे। परेशान होकर महिला ने मामले की शिकायत कर दी जिसके बाद एसपी ने कार्रवाई करते हुए जांच शुरू करा दी है।

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