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Home सीधी दर्पण दूसरे चरण की मतगणना कल, कहीं सिहावल की पुनरावृति तो नही , अधिकारी कर्मचारी परेशान....

दूसरे चरण की मतगणना कल, कहीं सिहावल की पुनरावृति तो नही , अधिकारी कर्मचारी परेशान....

सीधी (ईन्यूज एमपी)- सीधी जिले में हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव के बाद मतगणना का नाम सुनते ही अधिकारी कर्मचारियों में भय का माहौल है बिना और बिना किसी सोच विचार के सिहावल में की गई मतगणना लोगों के गले से नही उतर रही है अव्यवस्था के वह 72 घंटे कर्मचारियों पर भारी पड़े थे और शायद वही गलती स्थानीय निर्वाचन फिर से दोहराने जा रहा है जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा रहा है कि रामपुर नैकिन जनपद की गणना के लिए कुसमी से अधिकारी कर्मचारी बुलाये जा रहे हैं।

बता दें कि विगत दिनों सिहावल और कुसमी में हुई मतगणना के दौरान सिहावल काफी चर्चाओं में रहा चर्चा वहां की अव्यवस्था और धीमी चाल की रही प्रशासन को मतगणना कराने में पसीने आ गये कर्मचारियों के कपड़े उतर गये यहां तक कि 72 घंटे की मतगणना के बाद एक कर्मचारी की मौत भी हो जाती है जिसके बाद परिजन मतगणना के दौरान कार्यभार अधिक होने का इल्जाम प्रशासन पर लगाते हैं हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी थी उसकी मौत कैसे हुई मतगणना से लौटे थके हारे कर्मचारी की सोने में दर्द के बाद नींद ही नहीं खुली और अब हाल ही में संपन्न हुए द्वितीय चरण के मतदान के बाद फिर अव्यवस्था का आलम देखा जा रहा है जनपद रामपुर नैकिन की मतगणना के लिए कुसमी से अधिकारी कर्मचारियों का बुलाया जा रहा है जिससे दबी जुबान में अधिकारी कर्मचारी भी कह रहे हैं कि क्या प्रशासन सिहावल दोहराने की तैयारी में है क्या रामपुर नैकिन में प्रोफेसर और अधिकारी नहीं बचे हैं जो कुसमी से अधिकारी बुलाये जा रहे हैं जिले के दूसरे कोने से कर्मचारियों को बुलाना और जनपद रामपुर नैकिन की काउंटिंग करवाना बेहद अटपटा सा लग रहा है और इस सब का खेल कहीं न कहीं निर्वाचन कार्यालय से चल रहा है जो पहुंच वाले हैं सबल हैं कर्मचारी तो अपनी ड्यूटी कहीं न कहीं से कटवा लेते हैं बाकी बचे अधिकारी कर्मचारी प्रताड़ना का शिकार होते हैं और अब तो दबी जुबान से अधिकारी कह रहे हैं कि चुनाव कराना चाहते हैं या अधिकारी कर्मचारियों को प्रताड़ित करना चाह रहे हैं शर्मा जी .... मानो शर्मा जी से मुलाकात हो जाये तो समझो कि कलेक्टर और एडीएम से मुलाकात हुई है ... शर्मा जी के शिष्टाचार से हर कोई तवका परेशान है और निर्वाचन के नाम पर स्थानीय निर्वाचन में चुनाव के नाम पर लम्बा गोलमाल है ....?

बहरहाल यह तो प्रशासन की व्यवस्था है क्या और कैसे करता है लेकिन सिहावल की पुनरावृति अगर हुई तो अधिकारी कर्मचारी क्या करेंगे यह कुछ समझ से परे है हालांकि प्रशासन को हर पहलुओं को ध्यान में रखकर व्यवस्थित रूप से मतगणना करानी चाहिए ताकि पंचायत चुनाव जी का जंजाल ना बने और लगातार फिर अधिकारी कर्मचारी की ड्यूटी ना बढ़ती जाए तय समय पर मतगणना हो इसके लिए पूर्व से व्यवस्था दुरुस्त रखनी चाहिए ।

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