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विकास यात्रा के बिगड़े नक्षत्र , सरकार के खिलाफ मुखर हुये लोग...?

ऐसा माना जाता है की धरती में 70 प्रतिशत जल है, और इतना ही जल मानव शरीर में भी है, चंद्रमा की कलाओं से समुद्र में ज्वार और भाटा आता है, तूफान सुनामी, भी चंद्रमा के प्रभाव से ही आते हैं,, अक्सर भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाएं भी अमावस्या या पूर्णिमा के आसपास ही धरती पर आई है । जब धरती और समुद्र पर चंद्रमा का इतना प्रभाव है तो मनुष्य भला इस प्रभाव से कैसे बच सकता है, और वही मनुष्य ही संसार की राजनीति संचालित करता है तो राजनीति भला कैसे अछूती रह सकती है ।

गोस्वामी जी कहते हैं,
कर्म प्रधान विश्व रचि राखा,
जो जस करहिं सो तस फल चाखा,,

अर्थात ग्रह नक्षत्र भी कर्म के अनुसार ही फल देते हैं,, धर्म और कर्म से इतर बात करते हैं राजनीति की, 5 फरवरी, दिन रविवार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष के पुष्य नक्षत्र को पूर्णिमा तिथि के दिन से विकास यात्रा का आगाज हुआ था ...

रविवार का दिन चुनना ही शिवराज सिंह चौहान की शासकीय
अधिकारियों के प्रति घृणा का परिचायक थी, और तबसे तकरीबन हर रविवार को कही न कही विकास यात्रा चलती ही है, शासकीय अधिकारियों कर्मचारियों को सप्ताह में मिलने वाली एक दिन की छुट्टी भी मुहाल हो चुकी है, जैसा की पूर्व में भी लेख किया जा चुका है, प्राकृतिक आपदा, आत्महत्या का विचार, डिप्रेशन इत्यादि चंद्रमा की कलाओं से प्रभावित होते हैं, मनुष्य के मन में कुविचार भी इन दिनों खूब हावी होते हैं, ऐसे दिनो में विकास यात्रा शुरू करने का परिणाम लगभग शुरुआत से ही दिख रहा है, और कई जगहों पर परिणाम इतने वीभत्स हैं की 19 तारीख को विकास यात्रा स्थगित कर आपातकालीन बैठक भोपाल में बुलाई गई है । सरसरी तौर पर अखबारों और सोशल मीडिया की खबरों पर नजर डाले तो विकास यात्रा में तरह तरह के अपसगुन शुरुआत से ही दिख रहे हैं, कही पर यात्रा को काला झंडा दिखाया जा रहा है, तो कही विधायक मंत्रियों को कलिख पोती जा रही है, अशोक नगर में तो एक मंत्री को खुजली वाली कमच तक लगा दी गई, विकास यात्रा के दौरान कई जगह खुलकर लोग सरकार के खिलाफ अब मुखर हो चुके हैं...

अब बात सीधी की ....सीधी में लगभग सभी विधानसभा में विकास यात्रा संचालित हो रही है, पंचायतों के विकास का पैसा विकास यात्रा के प्रचार प्रसार में खर्च हो रहा है, सरपंच सचिव भी खुश हैं उन्हें विकास कार्य के बजाय फर्जी बिल लगाने का अवसर सरकार बैठे बिठाए ही दे रही है ...?

खैर,

शुक्रवार को सीधी में विकास यात्रा को लेकर ही शिवराज सिंह चौहान भी चुरहट विधानसभा में शामिल हुए थे, सीधी और शिवराज के नक्षत्र आपस में कभी ठीक से मेल नहीं खाए, कभी उनके ऊपर पत्थर फेका गया, कभी सीधी के मच्छरों ने उनको सोने नही दिया, और इस बार तो उनके आने के पूर्व ही एक अनहोनी घटित हुई, जिसके परिणाम स्वरूप खाखी पर उपद्रवियों ने पत्थर फेंके दर्जन भर पुलिस अधिकारी , थाना प्रभारी , पुलिस कर्मी आहत भी हुये मजबूर होकर जबाब में पुलिस को लाठी चार्ज तक करना पड़ा । कुल मिलाकर देखा जाए तो चंद्रमा अपना असर दिखा रहा है, सरकार को समय रहते समझ लेना चाहिए, जिनके अंदर पानी है वो चंद्रमा की कलाओं को समझ रहे हैं और अपने क्षेत्र और अपने लोगों का ध्यान रख रहे हैं, जिनके अंदर पानी ही नही बचा हो वो भला क्या समझेंगे,, खैर कुछ काम वक्त पर छोड़ देना ही उचित होता है और पानी के बारे में रहीम दास जी ने बहुत पहले ही कहा था....

"रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून,पानी गए न ऊबरे मोती मानुष चुन"

- सचीन्द्र मिश्र -

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