enewsmp.com
Home सीधी दर्पण सीधी में फिर फर्जीवाड़ा: करोड़ों की योजना पर अफसरों की कछुए जैसी चाल, जनता बेहाल

सीधी में फिर फर्जीवाड़ा: करोड़ों की योजना पर अफसरों की कछुए जैसी चाल, जनता बेहाल

सीधी(ईन्यूज़ एमपी): सीधी जिले में सरकारी योजनाओं की फाइलों पर साइन होते ही 'विकास' की हवा में इठलाती नल-जल योजना हर जगह चर्चा में है। लेकिन अफसोस, जहां अफसरों की लापरवाही का पारा चढ़ता जा रहा है, वहीं लोगों की उम्मीदें बर्फ की तरह पिघलती नजर आ रही हैं। जिले के भदौरा ग्राम पंचायत का हाल यह है कि नल-जल योजना का काम तो चल रहा है, मगर स्पीड ऐसी मानो कछुआ रेस जीतने निकला हो।

पानी की टंकी बनी 'शोपीस': पैसे गए, पाइपलाइन गायब!

लाखों के बजट से बनी पानी की टंकी किसी 'डेकोरेशन पीस' से कम नहीं। टंकी खड़ी है, मानो अपनी बदकिस्मती पर रो रही हो कि उसे तो पानी देने के लिए बनाया गया था, पर पानी की जगह बस धूल फांक रही है। जी पाइप लगाने का काम भी जैसे ठेकेदारों के नखरे उठाने में फंसा हो। बताया जा रहा है कि 3000 मीटर पाइपलाइन बिछाने का काम था, मगर अफसरों की चांदी ऐसी कि आधा काम करके पूरी पेमेंट गटक ली गई।

ग्रामवासी प्यासे, अफसर मस्त

भदौरा के लोग स्वच्छ पानी की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन उनकी उम्मीदें सरकारी दावों की तरह हवा में उड़ती नजर आ रही हैं। ग्राम पंचायत के लोग अफसरों से गुहार लगाते-लगाते थक चुके हैं। मगर जवाब वही पुराना— "जल्द ही काम पूरा होगा"। मजे की बात यह है कि योजना की लागत तो पहले ही खत्म हो चुकी है, मगर किसी को आज तक यह नहीं पता कि आखिर कितनी रकम खर्च की गई। सूचना बोर्ड तो जैसे अधिकारियों के लिए 'असुविधाजनक' चीज बन चुका है।

'आनंद सिंह ददुआ' की ललकार: जांच कराओ, नहीं तो गड़बड़ी छुपाओ!

सामाजिक कार्यकर्ता आनंद सिंह ददुआ ने तीखा तंज कसते हुए कहा कि "कई महीने हो गए, मगर टंकी से पानी की एक बूंद भी नसीब नहीं हुई। लोग परेशान हैं और जिम्मेदार अफसर मस्ती में। यह सीधे-सीधे भ्रष्टाचार का मामला है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए, ताकि इस 'जल संकट' के पीछे की 'लूट' का पर्दाफाश हो सके। दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, वरना जनता का गुस्सा उबाल पर आ जाएगा।"

जनता के सवालों से क्यों भाग रहे अफसर?

ग्रामीणों का कहना है कि इस 'नल-जल योजना' के नाम पर जो खेल चल रहा है, वह सीधे-सीधे जनता के पैसे की बर्बादी है। शिकायतें दर किनार हो जाती हैं, और अफसरों का टाल-मटोल जारी है। आखिर जनता कब तक इस भ्रष्टाचार की मार झेलेगी?

सीधी के लोगों की उम्मीदों पर पानी फेरने वालों का क्या होगा? जवाबदेही की उम्मीद में आंखें पथरा चुकी हैं। अब देखना है कि इस मामले की जांच होगी या फिर यह भी किसी फाइल के नीचे दबकर दम तोड़ देगा।

Share:

Leave a Comment

समान समाचार