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रक्षाबंधन स्पेशल.....भाई और बहन के लिए रक्षाबंधन एक महापर्व

🌺 *मनु स्मृति* 🌺
*भाई और बहन के लिए रक्षाबंधन एक महापर्व की तरह है। रक्षाबंधन भाई और बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भाई अपनी बहन को प्यार के साथ-साथ कई तरह के उपहार भी देता है। मनु स्मृति में तीन ऐसी चीजों के बारे में बताया गया हैं, जो घर की महिलाओं को देने से घर में शांति और उन्नति बनी रहती है।*
🌹*श्लोक-*
*यत्र नार्यस्तु पूज्यते, रमन्ते तत्र देवताः।*
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💐 *मनु स्मृति: ==
बहन को 3 चीजें, जरूर देना चाहिए ,जिससे हर काम में मिलेगी सफलता, होगा लाभ*👇
1⃣ *वस्त्र*👚
*वस्त्र यानी कपड़े। सजना-सवरना, श्रृंगार करना ये सब महिलाओं को सबसे प्रिय होता है। मनुस्मृति के अनुसार, जिस घर के पुरुष अपनी पत्नी, माता या बहन को अच्छे वस्त्र प्रदान करते हैं, उस घर पर भगवान हमेशा प्रसन्न रहते हैं। ऐसे घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है और सभी कामों में सफलता मिलती है। स्त्री को घर की लक्ष्मी माना जाता है, अगर महिलाएं गंदे या मैले कपड़े पहन कर रहती हैं या घर के पुरुष अपनी पत्नी, मां या बहन को समय-समय पर अच्छे वस्त्र नहीं प्रदान करते तो ऐसे घर पर लक्ष्मी रूठ जाती है।*

2⃣ *आभूषण*💍
*आभूषण यानी गहने। गहने महिलाओं की सबसे प्रिय वस्तुओं में से एक है। जिस घर की महिलाएं खुश रहती हैं, वहां देवताओं का निवास माना जाता है। हर मनुष्य को अपने घर की महिलाओं को सुंदर गहने उपहार में देना चाहिए। जिस घर की महिलाएं अच्छे कपड़े और गहनों से श्रृंगार करती है, वहां कभी दरिद्रता नहीं रहती। ऐसे घर में हमेशा खुशहाली और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।*

3⃣ *मधुर वचन*
*महिलाओं को धर्म शास्त्रों में पूजनीय माना जाता है। कई ग्रंथों और पुराणों में महिलाओं का सम्मान करने की बात कही गई है। मनुस्मृति के अनुसार, जिस घर में महिलाओं से बुरी तरह से बात की जाती है या उनका सम्मान नहीं किया जाता, ऐसे घर में भगवान भी नहीं रहते। स्त्रियों का सम्मान न करने वाले मनुष्य को हर समय किसी न किसी परेशानी का सामान करना ही पड़ता है। इसलिए मनुष्य को हमेशा महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और अपने घर की स्त्रियों के साथ हर समय प्रेम और आदर से ही व्यवहार करना चाहिए।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *रक्षा-सूत्र बाँधने का उत्तम समय* 🌷
➡ *07 अगस्त को सुबह 10:35 से दोपहर 01:51 तक रक्षा-सूत्र बाँधने के लिए उत्तम समय है, इस समय तक राखी न बाँध पायें तो सूर्यास्त तक अवश्य बाँध ले परंतु चन्द्रग्रहण का सूतक लग जाने के कारण मिठाई आदि कुछ भी खाना-खिलना निषिद्ध है ।*
🙏🏻 *शास्त्र कहते हैं ग्रहण में भी रक्षाबंधन मनाया जाता है। ग्रहणसूतक का राखी पर कोई प्रभाव नहीं। केवल भद्रा का त्याग कर देना।*
*अथ 🕉 रक्षाबन्धनमस्यामेव पूर्णिमायां भद्रारहितायां त्रिमुहूत्र्ताधिकोदय व्यापिनी अपराह्ने प्रदोषे वा कार्यम्।। इदं ग्रहणसंक्रांति दिनेपि कर्तव्यं । धर्मसिन्धु*
🎉 *इदं रक्षाबन्धनं नियतकालत्वाद्भद्रावर्ज्यग्रहणदिनेऽपि कार्यं होलिकावत्।* *ग्रहसङ्क्रान्त्यादौ रक्षानिषेधाभावात्। सर्वेषामेव वर्णानां सूतकं राहुदर्शने। इति तत्कालीनकर्मपर एव न त्वन्यत्र। अन्यथा होलिकायां का गति: अत एव--नित्ये नैमित्तिके जप्ये होमे यज्ञक्रियादिषु।*
*उपाकर्माणि चोत्सर्गे ग्रहवेधो न विद्यते।*
*इति।। नियतकालीने तदभाव इति दिक्।*
*उपाकर्माणि तद्दिनभिन्नपरं तत्र तन्निषेधादियुक्तं प्राक्।। निर्णयसिन्धु*

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