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मध्य प्रदेश के 50 से ज्यादा विधायकों ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, जानिए क्या है वजह.......

भोपाल (ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश में फार्मासिस्ट वेतन बढ़ोतरी समेत अन्य मांगें कर रहे हैं। इस संदर्भ में राज्य के 50 से ज्यादा विधायकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर उनकी मांगें जल्द हल करने के लिए कहा है। विधायकों ने अपने पत्र में लिखा है कि फार्मासिस्टों की मांगें जायज हैं, जिन्हें हल करना जरूरी है। जनता के स्वास्थ्य की भलाई के लिए यह कदम उठाना चाहिए। स्टेट फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजन नायर ने बताया कि इनके अलावा कुछ और विधायकों ने भी पत्र लिखा है जो जल्द ही मुख्यमंत्री के पास पहुंच जाएंगे।


फार्मासिस्टों की ये हैं मांगें
- जहां दवा वहां फार्मासिस्ट की नीति लागू होनी चाहिए। इसका मतलब यह कि दवा वितरण का काम किसी और से नहीं कराया जाए।

- मध्यप्रदेश में फार्मासिस्ट का काम अन्य राज्यों की तरह ही है, लेकिन उन्हें अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत कम वेतन दिया जाता है।

- संविदा फार्मासिस्ट को नियमित किया जाए।
- फार्मेसी का अलग से संचालनालय बनाया जाए। कुछ राज्यों में ऐसी व्यवस्था है। इसका फायदा यह होगा कि दवाओं की उपलब्धता और वितरण का बेहतर नियमन व नियंत्रण हो सकेगा।

- बी फार्मा और एम फार्मा डिग्रीधारी उम्मीदवारों के लिए सरकारी स्तर पर पद सृजित किए जाएं। बी फार्मा वाले लोगों को जिला अस्पतालों में वार्ड में काउंसलिंग और दवा वितरण के लिए लगाया जाना चाहिए। एम फार्मा उत्तीर्ण लोगों को मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सप्लाई कारपोरेशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं अन्य ऐसी जगह पर पदस्थ किया जा सकता है, जहां कि दवाओं का वितरण, खरीदी और नियंत्रण होता है।


- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रदेश भर में फार्मासिस्ट ग्रेड-2 के नए पद सृजित किए जाएं। अभी दवाओं की भी खरीदी तो हो की जा रही है, लेकिन फार्मासिस्ट कम होने की वजह से उनका वितरण तय मापदंडों के अनुसार नहीं हो पा रहा है। पूरे प्रदेश में 9000 से ज्यादा फार्मासिस्ट की भर्ती की जरूरत है, इसकी वजह यह की आवश्यक दवाओं की सूची में दवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।
- जेल विभाग में पदस्थ फार्मासिस्ट ग्रेड-2 को अग्रवाल वेतनमान की अनुशंसा के अनुसार वेतनमान दिया जाए।


- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से अलग-अलग बीमारियों के नियंत्रण और रोकथाम के लिए प्रयास चल रहे हैं। उदाहरण के तौर पर गैर संचारी रोग क्लीनिक, टीबी उपचार केंद्र आदि। इन पर फार्मासिस्ट को पदस्थ करने की जरूरत है।

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