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Home मध्य प्रदेश एमपी में बंद हुई 1 से 12 तक की कक्षाए,देखिए बैठक के बाद सीएम ने क्या दिए नवीन दिशानिर्देश....

एमपी में बंद हुई 1 से 12 तक की कक्षाए,देखिए बैठक के बाद सीएम ने क्या दिए नवीन दिशानिर्देश....

भोपाल(ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश में पहली से 12 वीं तक की कक्षाएं कल से 31 जनवरी तक के लिए बंद कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह निर्देश आपदा प्रबंधन की बैठक में दिए। 20 जनवरी से होने वाली प्री बोर्ड परीक्षा अब आनलाइन ली जाएगी। प्रदेश में आर्थिक गतिविधि बंद नहीं होंगी। राजनीतिक रैली और सामाजिक कार्यक्रम की भी अब अनुमति नहीं होगी। स्टेडियम पचास प्रतिशत खिलाड़ियों की मौजूदगी के साथ खुलेंगे । दर्शकों के प्रवेश पर रोक रहेगी।



कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपदा प्रबंधन समूह के सदस्यों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि तीसरी लहर में अभी तक जो ट्रेंड देखने को मिल रहा है, उसके अनुसार प्रकरण और बढ़ेंगे। हालांकि, संतोष की बात यह है कि संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम ही पड़ रही है इसलिए होम आइसोलेशन पर सभी कलेक्टर ज्यादा ध्यान दें। प्रदेश में कोरोना की साप्ताहित संक्रमण दर छह प्रतिशत हो गई है।



बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि तीसरी लहर में कोरोना संक्रमण के प्रकरण बढ़ने की दर दूसरी लहर की तुलना में तीन गुना से अधिक है। दुनिया में एक दिन में 34 लाख केस आ रहे हैं। देश में गुरुवार को दो लाख 64 हजार प्रकरण और मध्य प्रदेश में आज चार हजार 755 केस है। साप्ताहिक औसत दर में छह गुना की वृद्धि हुई है। सक्रिय मामले 21 हजार 394 हो गए हैं। जांच अब 80 हजार प्रतिदिन तक हो रही है।

कुछ जिलों में संक्रमण की दर दस प्रतिशत से ज्यादा है। 96.07 संक्रमित घर पर रहकर उपचार ले रहे हैं।3.3 प्रतिशत मरीज को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है। हालांकि, केंद्र सरकार ने कहा है कि इस स्थिति में कभी भी परिवर्तन हो सकता है। 236 लोग आइसीयू में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सक्रिय प्रकरणों की संख्या भी बढ़ेगी। सचेत और सावधान रहना चाहिए। निश्चिंतता का भाव न रहे। होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों की निगरानी की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए।


इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि 101 मरीज अस्पताल में हैं। भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि जिले में तीन हजार 852 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। कमांड सेंटर से प्रतिदिन उनसे बात हो रही है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि जो व्यक्ति गलत पता या मोबाइल नंबर लिखा रहे हैं, उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करें क्योंकि ये संक्रमण फैलाने वाले बनेंगे। मुख्यमंत्री ने ग्वालियर, जबलपुर, सागर और उज्जैन के कलेक्टरों से भी होम आइसोलेशन संबंधी व्यवस्था के बारे में जानकारी ली।

इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने सीएम के सामने रखा सुझाव कि हमने सख्ती बढ़ाई तो संक्रमण की दर कम हो सकती है। अगर सख्ती नही बढ़ाई तो रोज के आंकड़े 10 हजार के पास आएंगे।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में टीकाकरण की स्थिति की जानकारी ली। सीएम ने कहा कि वैक्सीनेशन के कार्य में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। घर-घर दस्तक दें, टीकाकरण का कार्य पूर्ण हो। वैक्सीन ही कोविड से सुरक्षा का मजबूत कवच है।

बैठक में मुख्यमंत्री ने इंदौर में निजी तौर पर अधिक टेस्ट की जानकारी मिलने पर निर्देश देते हुए कहा कि यदि प्रायवेट रूप से टेस्ट हों तो उन्हें भी रिकॉर्ड में लिया जाए।

सीएम ने कहा कि टीकाकरण के लिए शत-प्रतिशत लोगों को कवर करें। कार्य के लिए बाहर जाने वाले लोगों की संख्या की पुष्टि करें। माइग्रेटेड लोगों की सूची बनाएं। टीकाकरण सबसे बड़ी सुरक्षा है। इसकी ग्राम स्तर तक समीक्षा हो। सभी जन प्रतिनिधि इस अभियान से जुडें। सभी के प्रयत्नों और सामूहिक सहयोग से अच्छे परिणाम मिलेंगे।

मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए कुछ प्रतिबंध और बढ़ाए जा सकते हैं। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ को एकत्र होने से रोकने के लिए सख्ती बढ़ाई जा सकती है।

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