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विश्व सिकल सेल दिवस पर उप राष्ट्रपति ने मोहन को सराहा, राज्यपाल और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने की शिरकत...

डिंडोरी(ईन्यूज एमपी)- आज विश्व सिकल सेल दिवस है और इस मौक़े पर डिंडौरी में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री मोहन यादव और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल शामिल हुए।
डिंडौरी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सिकल सेल बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण का सपना हो रहा साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के उन्मूलन के लिए हम घर घर तक जागरूकता लाने की कोशिश कर रहे हैं और हर मरीज़ को समुचित इलाज मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी बाहुल्य इलाकों में सिकल सेल एनीमिया की व्यापकता अधिक है और हम इसकी स्क्रीनिंग द्वारा रोगी की पहचान कर रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्थानीय जनजातीय परंपरा के अनुरूप स्वागत किया और जीआई टैग प्राप्त गोंड पेंटिंग भेंट की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मध्य प्रदेश तीव्र गति से प्रगति के पथ पर सबको ‘मोहन’ करता रहेगा क्योंकि मुख्यमंत्री मोहन यादव है। उनके इस उद्बोधन के वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे। भारतीय प्रजातंत्र में जनजाति का स्थान शरीर की रीढ़ की हड्डी के बराबर है। ये प्रजातंत्र को बल देते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व सिकल सेल दिवस हर साल 19 जून को मनाया जाता है और इस दिन का मुख्य उद्देश्य सिकल सेल एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इससे प्रभावित लोगों के लिए समर्थन एवं उपचार के उपायों को बढ़ावा देना है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि निरोगी काया सबसे बड़ा सुख है और समाज में सभी को स्वस्थ रखना और सही इलाज मुहैया कराने के लिए हरसंभव सरकारी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया कि आएगा हम सब सिकल सेल रोग को खत्म करने और भावी पीढ़ी के लिए एक स्वस्थ समावेशी समाज का निर्माण करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ अपना कर्तव्य निभाएँ।
क्या है सिकल सेल रोग ?
सिकल सेल रोग एक आनुवंशिक रक्त विकार है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं सामान्य गोलाकार रूप के बजाय अर्धचंद्राकार (सिकल आकार) हो जाती हैं। ये विकृत कोशिकाएं लचीली और चिकनी नहीं होती हैं और अक्सर छोटी रक्त वाहिकाओं में फंस जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह में बाधा आती है। इसके परिणामस्वरूप दर्द, संक्रमण, और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
लक्षण
अत्यधिक दर्द: इसे ‘सिकल सेल क्राइसिस’ कहा जाता है। यह दर्द शरीर के विभिन्न हिस्सों में हो सकता है और यह दर्द असहनीय हो सकता है।
एनीमिया: शरीर में पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण थकान और कमजोरी महसूस होती है।
संक्रमण का बढ़ा हुआ जोखिम: यह बीमारी रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती है, जिससे उन्हें संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है।
विकास और वृद्धि में देरी: बच्चों में सिकल सेल रोग के कारण शारीरिक विकास और यौन परिपक्वता में देरी हो सकती है।
दृष्टि समस्याएं: आंखों की रक्त वाहिकाओं में अवरोध होने के कारण दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं
इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम, कार्यशालाएं, और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं, जिसमें चिकित्सा पेशेवर, गैर-लाभकारी संगठन, और समुदायिक नेता शामिल होते हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को सिकल सेल रोग के बारे में जानकारी दी जाती है और उन्हें इसके प्रबंधन के तरीकों के बारे में जागरूक किया जाता है।

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