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रीवा की शान सुंदरजा आम

रीवा की पहचान फलों के राज सुंदरजा आम को श्वाद न केवल देश बल्कि विदेशों के लोग भी पा सकेगें। सुंदरजा आम की पैदावार में इस वर्ष भारी वृद्धि हुई है जिसके चलते रीवा की शान सुंदरजा देश के साथ-साथ कई देशों मे भी धमाल मचायेगा। मध्यप्रदेश मे पाई जाने वाली आम की 213 प्रजातियां में सबसे प्रमुख सुदरजा आम विगत कुछ वर्षो से मौसम की मार झेल रहा था। लिहाजा आम की पैदावार प्रभावित हो रही थी। इस वर्ष प्रतिकूल मौसम और अनुसंधान के वैज्ञानिको की मेहनत के चलते सुन्दरजा की पैदावार में 15 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। गत वर्ष सुंदरजा के एक पेड में 10 से 15 किलो की पैदावार हुई थी लेकिन इस वर्ष पैदावार प्रति पेड़ 100 से 125 किलो के पार हो गई है। इससे देश विदेश के विभिन्न शहरो मे सुंदरजा की मिठास के लिए लोगों को तरसना नही पडेगा। सुंदरजा के साथ-साथ फल अनुसंधान केन्द्र मे मौजूद आम्रपाली दशहरी, लंगडा मल्लिका बेगलौरा, चैसा, बाम्बे ग्रीन का उत्पादन भी बढा है ये सभी प्रजातियां लोगों को खूब पंसद है। पूरे देश की नर्सरियो मे पाये जाने वाला सुन्दरजा आम रीवा जिले के गोविन्दगढ की देन है। देश के अन्य हिस्सों मे सुंदरजा के फल व उसके पौधे की मांग खूब है। दिल्ली मुम्बई, चेन्नई कलकत्ता, पाकिस्तान, इंग्लैण्ड अमेरिका सहित अरब देशो में सुंदरजा अपनी खासियता के चलते आम प्रेमियो को लुभाता रहा है। सुन्दरजा मे सेंट जैसी खुसबू होती है और इसमे इतनी मिठास है कि आंख बंद कर इसे पहचाना जा सकता है। जिसके चलते सभी सुन्दरजा को पंसद करते है। आम की प्रजातियो मे सबसे सुकुमार सुन्दरजा को माना जाता है इसे पक्षियो और मौसम से बचाने के साख उपाय किय जाते है। कीमत में मुम्बई का हाफूस भले ही सबसे मंहगा आम हो लेकिन सुन्दरजा और मिठास मे सुन्दरजा आम की कोई तोड नही है।

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