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नाबालिग के साथ झांसा देकर बलात्संग के आरोपी की जमानत याचिका न्यायालय ने की निरस्त

अनूपपुर(ईन्यूज एमपी)- न्यायालय द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश कोतमा श्री रविन्द्र कुमार शर्मा के न्यायालय से आरोपी दिलीप केवट पिता शंकर केवट उम्र 23 निवासी वार्ड क्र. 05 जमुना कालरी थाना भालूमाडा की जमानत याचिका निरस्त की गई।
सहायक मीडिया प्रभारी विशाल खरे ने श्री राजगौरव तिवारी एडीपीओ के हवाले से बताया गया कि मामला थाना भालूमाडा के अ.क्र. 330/20 धारा 376(3) 366ए] भादवि एवं धारा 3, 4, 5, 6 पाक्सों एक्ट से संबंधित है जिसमें आरोपी द्वारा पीडिता को शादी करने का झांसा देकर कई बार बलात्संग किया। पीडिता द्वारा भयवश अपनी मां को पहले सूचना नहीं दी गई फिर बाद में जब पीडिता ने अपने मां को सूचना दी तब मां के द्वारा पीडिता को थाना ले जाकर थाने में घटना की सूचना दर्ज करायी गयी। थाना भालूमाड़ा उक्तानुसार अपराध दर्ज कर पीडिता का मेडिकल परीक्षण कराते हुए अग्रिम कार्यवाही कर आरोपी उपरोक्त के विरूद्ध प्रथम दृष्टया अपराध प्रमाणित पाने पर आरोपी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
आरोपी ने यह लिया था आधार:- आरोपी द्वारा जमानत आवेदन में यह आधार लिया गया था कि आरोपी को झूठा फसाया गया है प्रकरण के निराकरण में समय लगने की संभावना है आरोपी अपने घर का एक मात्र कर्ता धर्ता है फरार होने की संभावना नही है जमानत की शर्तों का पालन करने के लिए तैयार है। आरोपी नवयुवक है जेल जाने पर उनका भविष्य प्रभावित होगा इसलिए जमानत का लाभ दिया जाए।
अभियोजन ने इस आधार पर किया था विरोधः- उक्त आवेदन पत्र अभियोजन अधिकारी श्री राजगौरव तिवारी द्वारा जमानत आवेदन का इस आधार पर विरोध किया गया कि अपराध पीडिता जो कि केवल 13 वर्ष 06 माह की नाबालिग है जिसके साथ दुष्कर्म किया गया है इस प्रकार घटना धारा 376 (3) भादवि से संबंधित है जोकि आजीवन कारावास से दण्डनीय गंभीर प्रकृति का है। आरोपी को जमानत दिए जाने पर समाज में बुरा संदेश जाएगा आरोपी को जमानत का लाभ दिए जाने पर वह साक्ष्य प्रभावित कर सकता है व फरार हो सकता है। उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका अंतर्गत धारा 439 द.प्र.स. निरस्त कर दिया।

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