enewsmp.com
Home कालचक्र भगवान विष्णु का महीना है कार्तिक, जानिये कैसे होंगें शादी ब्याह ....

भगवान विष्णु का महीना है कार्तिक, जानिये कैसे होंगें शादी ब्याह ....

कार्तिक माह में पूर्ण निष्ठा और भक्ति भाव से पूजा अर्चना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कार्तिक महीने में बड़े और मुख्य तीज-त्योहार पड़ते हैं। कार्तिक महीने की शुरुआत शरद पूर्णिमा से हो जाती है। इसके बाद करवा चौथ, धनतेरस, रूप चौदस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज, देव उठनी एकादशी आदि पर्व मनाए जाएंगे। कार्तिक महीने का समापन गुरू नानक पूर्णिमा पर होता है।
कार्तिक महीने में देवउठनी एकादशी के अवसर पर शुभ एवं मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। विवाह, शादी, गृह प्रवेश, मुहूर्त आदि का शुरू हो जाएगे


कार्तिक महीने का महत्व
* इसी मास में शिव पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर राक्षस का वध किया था, इसलिए इसका नाम कार्तिक पड़ा, जो विजय देने वाला है।
* कार्तिक महीने का माहात्म्य स्कन्द पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण में भी मिलता है।
* कार्तिक मास के लगभग बीस दिन मनुष्य को देव आराधना द्वारा स्वयं को पुष्ट करने के लिए प्रेरित करते हैं। इसलिए इस महीने को मोक्ष का द्वार भी कहा गया है।
* शास्त्रों में कहा गया है कि कार्तिक मास में मनुष्य की सभी आवश्यकताओं, जैसे- उत्तम स्वास्थ्य, पारिवारिक उन्नति, देव कृपा आदि का आध्यात्मिक समाधान बड़ी आसानी से हो जाता है।


इस महीने में क्या करें और क्या नहीं
*दीपदान - धर्म शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास में सबसे प्रमुख काम दीपदान करना बताया गया है। इस महीने में नदी, पोखर, तालाब आदि में दीपदान किया जाता है। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
*तुलसी पूजा इस महीने में तुलसी पूजन करने तथा सेवन करने का विशेष महत्व बताया गया है। वैसे तो हर मास में तुलसी का सेवन व आराधना करना श्रेयस्कर होता है, लेकिन कार्तिक में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना माना गया है।
* भूमि पर शयन भूमि पर सोना कार्तिक मास का तीसरा प्रमुख काम माना गया है। भूमि पर सोने से मन में सात्विकता का भाव आता है तथा अन्य विकार भी समाप्त हो जाते हैं।
*द्विदलन निषेध कार्तिक महीने में द्विदलन अर्थात उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि नहीं खाना चाहिए।
* ब्रह्मचर्य कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन अति आवश्यक बताया गया है।
*कम बोले, किसी की निंदा या विवाद न करे, मन पर संयम रखें आदि। जप करे।

Share:

Leave a Comment