इंदौर (ईन्यूज एमपी)- क्राइम ब्रांच ने ऐसे कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है जहां से अमेरिकी नागरिकों को ड्रग्स, ट्रैफिक उल्लंघन, बैंक फ्रॉड और अन्य आपराधिक प्रकरणों में फंसाने की धमकी देकर करोड़ों रुपये ऐंठे जा रहे थे। इस गिरोह का सरगना गुजरात का करण भट्ट है। पुलिस ने मैनेजर जोशी फ्रांसिस व आइटी हेड जयराज पटेल के साथ ही 16 लड़कों और तीन लड़कियों को गिरफ्तार कर लिया है। डीआइजी हरिनारायणाचारी मिश्र का दावा है कि आरोपित हर महीने खातों में डेढ़ करोड़ रुपये तक जमा करवा रहे थे। फर्जी कॉल सेंटर निपानिया स्थित एक इमारत में करीब डेढ़ वर्ष से चल रहा था। गिरोह के सरगना ने एक अमेरिकी एप से नागरिकों के मोबाइल नंबर और अन्य निजी डेटा जुटा लिया था। यहां काम करने वाले स्पूफ (इंटरनेट) कॉलिंग के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों से अमेरिकी लहजे में ही बात करते थे। कॉल रिसीव नहीं करने पर सॉफ्टवेयर के माध्यम से वॉइस मैसेज ड्रॉप किया जाता था। मैसेज सुनते ही नागरिकों के होश उड़ जाते थे क्योंकि उन्हें आपराधिक मामले में गिरफ्तार करने की धमकी दी जाती थी। आरोपित खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बता कर केस कोर्ट व थाने के बाहर निपटाने के बहाने लाखों रुपये जमा करवा लेते थे। दो महीने देते थे ठगने का प्रशिक्षण आरोपित युवक-युवतियों को नौकरी पर रखने के पहले दो महीने का प्रशिक्षण दिया जाता था। उन्हें अमेरिकी नागरिकों से बात करने का लहजा और बातों के दौरान किस तरह नागरिकों में कानूनी कार्रवाई का भय पैदा करना है, यह भी सिखाया जाता था। डराने पर नागरिकों द्वारा क्या सवाल किए जा सकते हैं और उनके संभावित उत्तर क्या हो सकते हैं, इस संबंध में भी प्रशिक्षण दिया जाता था। कार में ड्रग्स और ब्लड स्टेंस की धमकी पुलिस के अनुसार आरोपित स्वयं को एफबीआइ, पुलिस, नारकोटिक्स और सोशल सिक्योरिटी कार्ड अफसर बता कर कॉल करते थे। उनसे कहा जाता था कि आपके नाम से एक कार खरीदी गई है। इसमें ब्लड स्टेंस मिले हैं। कई बार कार में ड्रग्स मिलने, यातायात नियम तोड़ने और बैंक फ्रॉड करने के आरोप लगाकर भी धमकी दी जाती थी। घबराहट में संबंधित नागरिक केस में उलझने के बजाय आरोपितों के बताए खातों में डॉलर जमा करवा देता था। चाय और टिफिन वाला बनकर मारा छापा क्राइम ब्रांच को करीब एक सप्ताह पूर्व फर्जी कॉल सेंटर की खबर मिल गई थी। एसआइ लोकेंद्र हिहोरे ने ओके सेंटर के आसपास सादी वर्दी में जवान लगाए। जवानों देखा कि यहां चहल पहल रहती है। पुलिसकर्मी चाय की दुकान पर जाकर बैठे और कभी चाय तो कभी टिफिन लेकर इमारत में रैकी करने गए। जैसे ही मौका मिला पुलिस ने एक साथ छापा मार दिया।