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भोपाल. राजधानी में प्याज के दाम दो दिन में 70 रुपए प्रति किलो तक पहुंचे

भोपाल. राजधानी में प्याज के दाम दो दिन में 10 रुपए बढ़कर 70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए। इससे पहले गुरुवार सुबह थोक मंडी में प्याज 50 रुपए किलो नीलाम हुई थी। स्थानीय कारोबारियों की मानें तो भोपाल और सीहोर जिले के प्याज उत्पादकों के पास सीधे दिल्ली और मुंबई से कारोबारी पहुंच रहे हैं। वे लोकल कारोबारियों से ऊंचे दाम पर सौदे कर रहे हैं। तेजी का आलम यह है कि महज 10 दिनों में प्याज 30 रुपए किलो तक महंगी हो चुकी है।
कारोबारी जल्द ही इसके 100 रुपए के आसपास पहुंचने का अनुमान जता रहे हैं। हालांकि भोपाल और सीहोर के किसानों के पास जितना प्याज का स्टॉक है, वह अक्टूबर-नवंबर में नई फसल आने तक शहर की मांग के लिए पर्याप्त है। शहर में प्याज की रोजाना खपत 20 से 25 टन है। हर्राखेड़ा, सुआखेड़ी, अहमदपुर और सीहोर आदि क्षेत्रों से इतनी प्याज की आवक हो रही है।
खास बातें
400-500 कट्टे प्याज की रोज आवक भोपाल में, एक कट्टे में 50 किलो प्याज आती है।
50 रुपए प्रति किलो थोक बाजार में प्याज के भाव।
70-75 रुपए प्रति किलो फुटकर बाजार में।
तुअर दाल 20 दिन में 45 रुपए चढ़ी
तुअर दाल पिछले 20 दिनों में 100 रुपए से बढ़कर 145 रुपए किलो हो गई है। यानी 45 रुपए महंगी। इस बेतहाशा तेजी से ग्राहक के साथ दुकानदार भी हैरान हैं। शहर में 60 सालों से यही काम कर रहे दाल कारोबारियों का कहना है कि तुअर दाल में इतनी तेजी पहले कभी नहीं देखी। वर्ष 1965-66 में सूखे के हालात थे। उस समय भी इतने फीसदी महंगी नहीं हुई थी। पिछले 9 माह में दाल दोगुने दाम पर आ गई है। दिसंबर-14 में इसके दाम 67 से 71 रुपए के आसपास चल रहे थे। इस समय पूरे देश में एक समान दाम हैं। महाराष्ट्र और कर्नाटक की विशाल मंडियों में भी यह 140 रुपए के आसपास चल रही है। अनुमान है कि 200 रुपए किलो तक पहुंच सकती है।
इसलिए आ रही तेजी
>वर्ष 2014-15 में देश में तुअर दाल का उत्पादन 14.5 फीसदी गिरकर 27.10 लाख टन रह गया। >वर्ष 2015-16 के सत्र में कर्नाटक में दालों का रकबा 14.5 लाख हेक्टेयर से गिरक 9.9 लाख हेक्टेयर रह गया।
>सरकार म्यामार, तंजानिया और मोजेंबिक से 85 फीसदी दाल आयात करती है, लेकिन यहां दाल के भाव पहले ही ज्यादा हैं।
फिलहाल राहत नहीं

एक माह के भीतर इतनी तेज गति से दाम तो कभी नहीं बढ़े। बुवाई कमजोर होने से लंबे समय तक दाम घटने के आसार नहीं हैं। मोतीराम वाधवानी, अध्यक्ष, मप्र दाल-चावल व्यवसायी संघ

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