सिगंरौली (ईन्यूज़ एमपी) जिले के सरई थाना अन्तर्गत झारा मे सुरसराई घाट नाम से मसहूर मेला, जहां एक ओर कोरोना जैसी महामारी भी फैली हुई है, लेकिन लोगों का इस मेले से इतना लगाव हैं कि इन सभी चीजों को बिना परहेज किए वगैर नियमों को नजर अंदाज करते हुए सुरसराई घाट का मेलें मे आखिर में करीब पांच सौ लोग इस मेले में पहुंचे थे, जहाँ पर कुछ ही दुकान लगें हुए थे, और झूला एवं मौत का कुआँ बनकर तैयार था लेकिन चल नहीं रहा, आपको बता दें कि यहां पर वर्षों से मेला लगती आ रही है, लेकिन इस साल यह मेला नहीं लगा, और वर्षा की पुरानी परंपरा टूटटी हुईं नजर आई, आपको बता दे कि यहाँ पर प्रसाशनिक अमले के तौर पर पुलिस के एक सहायक उपनिरीक्षक भी मौजूद दिखाई दिये, तो वही युवा वर्ग मेले से खास लगाव होता हैं, जिसके बाद कुछ यूं मानों युवा वर्ग भी अपनी दिल को थाम नहीं सका और इस मेले में पहुंच पडा, वैसे आपको बता दें कि हर व्यक्तिओं को पता होते ह भी खुद को रोक नहीं पायें और पहुंचे, खैर कुछ ज्यादा दुकानें नहीं आयीं हुई थी लेकिन जितनी आई हुई सभी दुकानों में भीड़ देखी गई, मेले में तो अक्सर देखा गया है कि ज्यादातर पुराने दोस्त यार परिचित लोग मिला करते हैं, लेकिन इस साल सब पर पानी फिर गया। *भुईमाड क्षेत्र से लोग भी पहुंचे* आपको बता दें कि सुरसराई घाट का यह मेला का स्थल सीधी जिले से भुईमाड क्षेत्र से नजदीक होने के कारण भुईमाड क्षेत्र से लोग यहां पर मेले करने पहुंचे हुए थे, हर साल ज्यादा संख्या भुईमाड क्षेत्र से ही आती है आपको बता दें कि यह मेला कई सालों से लगती आ रही है लेकिन इस साल मेला नहीं लगने से वर्षा पुरानी पंरपरा टूटी, सरई। सिगंरौली जिले के सरई थाना अन्तर्गत झारा मे सुरसराई घाट नाम से मसहूर मेला, जहां एक ओर कोरोना जैसी महामारी भी फैली हुई है, लेकिन लोगों का इस मेले से इतना लगाव हैं कि इन सभी चीजों को बिना परहेज किए वगैर नियमों को नजर अंदाज करते हुए सुरसराई घाट का मेलें मे आखिर में करीब पांच सौ लोग इस मेले में पहुंचे थे, जहाँ पर कुछ ही दुकान लगें हुए थे, और झूला एवं मौत का कुआँ बनकर तैयार था लेकिन चल नहीं रहा, आपको बता दें कि यहां पर वर्षों से मेला लगती आ रही है, लेकिन इस साल यह मेला नहीं लगा, और वर्षा की पुरानी परंपरा टूटटी हुईं नजर आई, आपको बता दे कि यहाँ पर प्रसाशनिक अमले के तौर पर पुलिस के एक सहायक उपनिरीक्षक भी मौजूद दिखाई दिये, तो वही युवा वर्ग मेले से खास लगाव होता हैं, जिसके बाद कुछ यूं मानों युवा वर्ग भी अपनी दिल को थाम नहीं सका और इस मेले में पहुंच पडा, वैसे आपको बता दें कि हर व्यक्तिओं को पता होते ह भी खुद को रोक नहीं पायें और पहुंचे, खैर कुछ ज्यादा दुकानें नहीं आयीं हुई थी लेकिन जितनी आई हुई सभी दुकानों में भीड़ देखी गई, मेले में तो अक्सर देखा गया है कि ज्यादातर पुराने दोस्त यार परिचित लोग मिला करते हैं, लेकिन इस साल सब पर पानी फिर गया। आपको बता दें कि सुरसराई घाट का यह मेला का स्थल सीधी जिले से भुईमाड क्षेत्र से नजदीक होने के कारण भुईमाड क्षेत्र से लोग यहां पर मेले करने पहुंचे हुए थे, हर साल ज्यादा संख्या भुईमाड क्षेत्र से ही आती है आपको बता दें कि यह मेला कई सालों से लगती आ रही है लेकिन इस साल मेला नहीं लगने से वर्षा पुरानी पंरपरा टूटी,