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सीधी : चेहरे चर्चित चार - नेता अफसर विधिक पत्रकार ......

आदरणीय पाठक बंधु
सादर अभिवादन स्वीकार हो।
हम आपके लिए एक ऐसा धारावाहिक लेख प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे चार ऐसे लोंगो की जानकारी विशेष है , जिन्होंने विभिन्न अलग अलग क्षेत्रो पर बहुत अच्छा कार्य करके लोंगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है, जैसा कि आप हेडिंग से उन कार्यक्षेत्रों के बारे में समझ गए होंगे।
मेरी पूरी कोशिश होगी कि उनलोंगो के जीवन के कुछ रोचक, सुखद, और संघर्ष के बारे में जानकारी इकट्ठा करके लिख सकूं, और सहज शब्दो के माध्यम से उस भाव को आपके सामने प्रकट कर सकूं, जिससे आप किसी भी घटना क्रम को पूर्ण रूप से सही समर्थन दे सकें।
आपका
सचीन्द्र मिश्र
सीधी

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📱 चेहरे चर्चित चार📱
नेता अफसर - विधिक पत्रकार
जिनकी कहानी कलम लिखेगी " समाजसेवी " व्यापारी और वैद्य रचनाकार ।



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👉 शिववहादुर सिंह ✍️
भाजपा नेता
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आज जिक्र एक ऐसे नेता का जिसने पूरे जीवन संघर्ष किया, पर सम्मान पर आंच नहीं आने दिया, सिध्दांतों से कभी समझौता नहीं किया, ऐसा भी नही की सफलता नहीं मिली, पर जब मिली तो गिराने के लिए अपने लोग भी आगे ही दिखे।वह है जिले के दिग्गज भाजपा नेता शिवबहादुर सिंह जिनका
जन्म 1950 में सिहावल के दुधमनियाँ गाँव मे हुआ। इन्होने बी ए स्नातक की डिग्री रीवा के ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय से प्राप्त की।शिवबहादुर सिंह ने छात्र जीवन काल मे ही कांग्रेस पार्टी में जुड़कर राजनीति शुरू की।
लेकिन इसे संयोग कहे या इत्तफ़ाक उस समय के सबसे दिग्गज नेता अर्जुन सिंह जी से इनकी हरबार की मुलाकात खट्टी ही रही, जिसके कारण 1980 में कांग्रेस पार्टी को इन्होंने हमेशा के लिये अलविदा कर दिया।

उसको स्मरण करते हुए शिवबहादुर सिंह बताते है कि हिनौती में कोई एक सभा अर्जुन सिंह जी, और पूर्व मंत्री इंदजीत कुमार की थी, उस सभा मे कुछ असामाजिक तत्वो के बीच धक्का मुक्की हुई, और इसमें इनके विरोधियों द्वारा इनका नाम आगे कर दिया गया, शिवबहादुर सिंह कहते है कि इसमें मेरे विरोधियों का हांथ होता था कि मेरी स्व अर्जुन सिंह जी से नजदीकी न बनने पाए। दूसरी घटना के बारे में बताते है कि सीधी मानस भवन में अर्जुन सिंह जी की सभा थी, तब मैं और मेरे एक मित्र आसुतोष मिश्र दोनों लोग अनौपचारिक मुलाकात करने चला गया, तब हमारे खिलाफ 151 धारा लगा दी गई। उस दिन के बाद आजीवन वो कभी न अर्जुन सिंह जी से मिलने गए न ही उनके किसी परिजनों से।पिछले वर्ष उनकी पत्नी स्व सरोज सिंह जी के निधन पर मानवीय शिष्टाचार के नाते उनके पैतृक घर शिवराजपुर गए थे, जहां उनकी पहली मुलाकात उनके बेटे अजय सिंह राहुल से हुई थी, तबसे कोई दूसरी मुलाकात भी नही हुई।
शायद वो मुझे मेरे नाम से तो जरूर जानते थे, पर सामने से नाम बताने पर ही वो पहचान कर थोड़ा चकित हुए ऐसा उनके चेहरे के भाव से महसूस हुआ। वहीं शिवबहादुर पूर्व मंत्री स्व. इंद्रजीत कुमार को याद करते हुए कहते हैं कि वो एक बहुत सज्जन नेता थे, शिवबहादुर उनको एक अच्छा जन सेवक की संज्ञा देते हुए कहते है कि उनकी और हमारी एक ही क्षेत्र और अलग पार्टी होने कारण राजनीतिक प्रति द्वंद्विता तो हमेशा ही रहती थी।
भाजपा में शिवबहादुर जब सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल जी अध्यक्ष थे तब महामंत्री पद पर रहे ये वर्ष था 1992और उसके वाद प्रदेशप्रतिनिधि भी रहे। 1994 में वह जनपद सदस्य निर्वाचित हुए। सन 2000 में जिलापंचायत का भी चुनाव लड़े लेकिन परिणाम जीत में नही बदल सके। हालांकि अपने राजनीतिक जीवन काल मे अपनी पत्नी सुभद्रा सिंह को जिला जनपदपंचायत उपाध्यक्ष बनाने में सफल रहे।
2002 में शिवबहादुर सिंह भूमि विकाश बैंक के अध्यक्ष निर्वाचित हुए, ये चुनाव बड़ा ही रोचक था, इस चुनाव में उनके सामने थे तात्कालिक मंत्री स्व इंद्रजीत कुमार जी के पुत्र। लेकिन शिवबहादुर सिंह ने बड़ी चुनौती पूर्ण बाजी जीत ली थी। 2008 में इन्होंने भाजपा को भी छोड़ दिया, और बसपा से विधानसभा चुनाव भी लड़े लेकिन यहां भी समीकरण का जोड़ घटाव चुनाव की वोटिंग तक ही रह गया।
फिर एक वर्ष बाद इन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली और 2018 में भाजपा प्रत्यासी घोषित हुए, लेकिन परिणाम नकारात्मक ही रहा। अंत मे ये कहूंगा कि शिवबहादुर जिले के एक मजबूत नेता है, जिनकी अलग छाप और शोहरत है



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👉 कैलाश मिश्र✍️

सांख्यिकी अधिकारी

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हर एक इंसान के पीछे कोई न कोई राज छुपा होता है अपनी अपनी जिन्दगी में हर एक राज किसी ना किसी बात से जुड़ा होता हैं ,जिसे इंसान अपने सीने में छुपाये रखता है , और अच्छे अच्छे लोगों के दिलों में राज करता है और हां वह कोई आईएएस नही आईपीएस नही पर उसके हुनर इन अधिकारियों से कंही कम नही । जी हां हम बात कर रहे हैं रिटायर्ड सांख्यिकी अधिकारी कैलाश मिश्र की जिनका जन्म 11मार्च 1959 को सतना जिले के मगराज में हुआ है। टीआरएस कालेज रीवा से एमकॉम की पढाई करने वाले कैलाश युनिवर्सिटी भर में गोल्ड मेडलिस्ट व एक अच्छे संगीतकार हैं ।

चर्चित अधिकारियों में सुमार अधिकारी कैलाश मिश्र 2 अगस्त 1982 से 20 सितम्बर 1984 तक वाणिज्य विषय से असिस्टेंट प्रोफेसर रहे हैं , 20 सितम्बर 1984 को जुलाई 1986 में परियोजना प्रशासक गौरेला जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ में ज्वाइन किए थे। इसके बाद जुलाई 1990 में एसी ऑफिस शहडोल में ज्वाइन करके बतौर सीईओ अंत्यावसाई वहां 1 वर्षों तक कार्यरत रहे,और वित्त विकास निगम में प्रवंधक भी रहे हैं। वह जिले में राजीव गांधी साक्षरता समिति शहडोल में संहायक परियोजना रहे हैं। 2 नवंबर 2000 में पहली बार सीधी जिले में पदस्थ हुए तबसे वह सहायक सांख्यिकी अधिकारी के पद पर परियोजना कार्यालय कुसमी व जिला पंचायत सीधी में 2018 तक कार्यरत रहे हैं। वह एक बार फिर आईएएस अधिकारी मसूद अख्तर के साथ राजधानी भोपाल में सहायक संचालक के पद पर 31 मार्च 2020 तक अनुसूचित जाति निगम में कार्यरत रहते हुये वह 31 जुलाई 2020 को सेवानिवृत्त हो गये ।

अपने पूरे सेवाकाल के दौरान कैलाश ने सर्वाधिक समय सीधी जिले में व्यतीत किया है। सीधी जिले में लंबे समय तक कार्य करने वाले यह एक मिलनसार कुशल अधिकारियों की श्रेणी में शुमार रहे हैं। कैलाश मिश्रा की योग्यता इस तरह थी कि उस समय जिले के हर बड़े अधिकारी भी कैलाश मिश्रा को हर बड़े कार्य के संपादन के लिए इनकी महत्वपूर्ण भूमिका निश्चित करते थे। प्रशासनिक गतिविधियों के क्रियान्वयन में निपुण इस अधिकारी ने वनांचल क्षेत्र कुशमी में सर्वाधिक जलग्रहण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है ।



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👉 रामलाल मिश्र✍️
वरिष्ठ अधिवक्ता

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सीधी जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता रामलाल मिश्र का जन्म 10 अप्रैल 1955 को ग्राम मनकीसर मे हुआ था आपकी प्राथमिक शिक्षा गाँव में हुई हायर सेकण्डी की पढाई सेमरिया से करने के बाद BA स्नातक की डिग्री महाविद्यालय सीधी से प्राप्त कर TRS कालेज रीवा में MA LLB की पढाई करके डिग्री हासिल किया। छात्र जीवन में एम ए की परीक्षा को लेकर घटित एक घटना झझकोर देती है। वह यह कि आपको एम ए की परीक्षा में बैठने से कालेज प्रशासन ने रोक दिया था तब इन्होंने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी जी के पास अपनी समस्या को लेकर गए। श्री तिवारी जाने माने कानूनविद् थे उन्होंने एक याचिका महामहिम राज्यपाल के पास प्रस्तुत कराके परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दिलाई थी।उसके बाद बिना बाधा के स्नातकोत्तर व विधि की डिग्री लेकर वकालत का लाइसेंस प्राप्त कर हाईकोर्ट जबलपुर में वरिष्ठ अधिवक्ता रामपाल सिंह जी के मार्गदर्शन में एक वर्ष तक प्रैक्टिस किया उसके पश्चात वर्ष 1982 में सीधी आकर जिला न्यायालय में वकालत करने लगे तथा आज भी उसी पेशा से जुड़ी हुई लोगों की समस्याओं को कानूनी सहायता के लिए तत्पर रहते हैं!

श्री मिश्र जी दीवानी व फौजदारी दोनों तरह के प्रकरणों की पैरवी के लिए जाने जाते हैं और अपने पक्षकारों को न्याय दिलाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं! एक वकील के नाते वकालत पेशा में इतने सक्रिय रहते हैं कि जब जहाँ लोगो ने आपकी आवश्यकता समझी आपकी कार सदैव तैयार रहती है। अपने पेशा के प्रति तत्परता , सजगता, सक्रियता एक सफल वकील की श्रेणी में रखता है! सामाजिक क्षेत्र में इनकी रुचि गरीब कन्याओं के विवाह मे सहभागिता के लिए रहती है,सरल सहज के साथ साथ कड़क स्वाभाव होने के नाते जमात से आप भिन्न हैं । वकालत पेशे में आपके किस्से भी अनंत हैं जिला प्रशासन व न्यायपालिका के बीच आपने समन्वय बनाने में कभी पीछे नही रहे हैं तभी तो अधिवक्ता हित में घंटों का काम मिनटों में करा लेते हैं ।



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👉राजू गुप्ता✍️
वरिष्ठ पत्रकार

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पत्रकार राजू गुप्ता का जन्म 12 नवंबर 1975 को भिलाई छत्तीसगढ़ में हुआ। उनकी शिक्षा-दीक्षा छत्तीसगढ़ भिलाई में केवल हायर सेकेंडरी तक हुई है। लेकिन पत्रकारिता का टैलेंट कूट कूट कर भरा है। भाई का मर्डर 1990 में भिलाई में हो गया और पारिवारिक कारणों से परेशान राजू गुप्ता आगे की शिक्षा नहीं ग्रहण कर सके। और वह 1989 में छत्तीसगढ़ छोड़कर अमिलिया आ गए। पिताजी स्टील प्लांट भिलाई स्टील प्लांट में फॉरमैन थे। 1989 में रिटायर होकर अमिलिया आ गए। भिलाई में राजू ने 8 वर्षों तक आर्केस्ट्रा में कार्य किया हैं तथा इन्हें संगीत से भी प्रेम है 1989 में घर आकर व्यापार करके जीवन यापन करने लगे।

राजू ने 1995 में प्रिंट मीडिया जनसंदेश में कुछ वर्षों तक कार्य किया।इसके बाद 2 साल तक ईटीवी मध्य प्रदेश/छत्तीसगढ़ में सिहावल के इनफॉर्मर के तौर पर कार्य किया है। इसके अलावा उन्होंने इंडिया न्यूज़ में 2 सालों तक कार्य किया है। 2014 से राजू सोशल मीडिया पोल खोल पोस्ट न्यूज़ पोर्टल में निरंतर कार्य कर रहे हैं।पत्रकारिता के क्षेत्र में राजू सीधी के दो वरिष्ठ पत्रकारों को अपना गुरु भी मानते हैं।
जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए संयुक्त परिवार के साथ अमिलिया में अपना जीवन यापन कर रहे राजू समय-समय पर क्षेत्रीय समस्याओं की गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं। और आम जन की आवाज को सरकार तक पहुंचाने का निरंतर कार्य कर रहे हैं । राजू अमिलिया अंचल में रहकर भी शोषल मीडिया के सरताज बने हुये हैं ।

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