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सीधी : चेहरे चर्चित चार -नेता अफसर विधिक पत्रकार ...

आदरणीय पाठक बंधु
सादर अभिवादन स्वीकार हो।
हम आपके लिए एक ऐसा धारावाहिक लेख प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे चार ऐसे लोंगो की जानकारी विशेष है , जिन्होंने विभिन्न अलग अलग क्षेत्रो पर बहुत अच्छा कार्य करके लोंगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है, जैसा कि आप हेडिंग से उन कार्यक्षेत्रों के बारे में समझ गए होंगे।
मेरी पूरी कोशिश होगी कि उनलोंगो के जीवन के कुछ रोचक, सुखद, और संघर्ष के बारे में जानकारी इकट्ठा करके लिख सकूं, और सहज शब्दो के माध्यम से उस भाव को आपके सामने प्रकट कर सकूं, जिससे आप किसी भी घटना क्रम को पूर्ण रूप से सही समर्थन दे सकें।
आपका
सचीन्द्र मिश्र
सीधी

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📱 चेहरे चर्चित चार📱
नेता अफसर - विधिक पत्रकार
जिनकी कहानी कलम लिखेगी " समाजसेवी " व्यापारी और वैद्य रचनाकार ।


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👉 ब्रजेन्द्रनाथ मिश्र✍️
बीजेपी नेता

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आज जिन चेहरे चर्चित चार को बताने वाले है उसके लिए आपको लिए चलते हैं लगभग चार दसक पीछे, जब इस व्यक्ति ने राजनीति में दाखिला लिया तो पूरे विंध्य की राजनीति को अपनी ओर आकर्षित कर लिया। दौर था 1980 का रीवा दरबार कॉलेज का छात्रसंघ चुनाव जिसने कई दिग्गज नेताओं के राजनीतिक जन्म का मंथन माना जाता है, उसी चुनाव में उससे दो दसक और पहले सीधी चुरहट के एक पूत को विजय श्री देकर राजनीति के राष्ट्रीय मंच पर स्थापित किया था।
और फिर इतिहास ने बहुत जल्दी अपने आपको दोहराते हुए चुरहट के ही लाल को 1980 में दरबार कॉलेज का अध्यक्ष बना दिया। ये नेता है भाजपा नेता ब्रजेन्द्रनाथ मिश्रा...
ब्रजेंद्र नाथ मिश्रा का जन्म 1962 में कोष्टा कोठार में हुआ था। इनकी शिक्षा एमए, एलएलबी दरबार कॉलेज TRS रीवा से हुई है ।

उसी दौरान रीवा की हवा ही कुछ अलग राजनीतिक मिजाज से रंगी थी, ये दौर था जब स्व.यमुना प्रसाद शास्त्री समाजवादी जनांदोलन से जुड़े नेता का प्रभाव ऐसा था जो उनको देख लेता था उसके अंदर क्रांतिकारी ज्योति जल जाती थी, लेकिन जिनमे पहले से थोड़ा क्रांति हो वो तो ज्वाला ही बनती थी, यही समय था जब ब्रजेन्द्रनाथ उनके संपर्क में आ गये, और छात्र राजनीति में ऐतिहासिक झंडा गाड़ दिया। ब्रजेन्द्रनाथ का रुतबा इतना था कि उन दिनों विंध्य की छात्र राजनीति में ताला हाउस का काफी दखल होता था, जिसे एक ही झटके में ब्रजेन्द्रनाथ मिश्र ने उखाड़ फेक दिया और अपने समर्थित प्रत्यासी को भी युनिवर्सिटी का चुनाव जिता लिया जिसके कारण मिश्रा का विंध्य के आठ कॉलेज में उस समय तूंती बोलने लगी जो किसी भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव की गणित का उलटफेर कर सकती थी।

ब्रजेन्द्रनाथ एपीएस यूनिवर्सिटी के महापरिषद सदस्य भी बन गए, और छात्र राजनीति के दौरान ही जेल की यात्रा भी हो गई, उन दिनों लगता था कि विंध्य की राजनीति में एक बड़े नेता की राजनीति का आगाज हो गया है, लेकिन आमचुनाव की राजनीति में पता नही क्यों इस नेता का राजनीतिक पार्टियों में कहीं समीकरण ही नही बन पाया, जिसका कारण यह भी हो सकता है कि छात्रराजनीति के बादशाह बन चुके ब्रजेन्द्रनाथ को सत्ता की राजनीति में शायद किसी के पीछे न चलना आया हो, और इस मैदान में आगे चलने वाले की जड़ अगर गहरी न हो तो उखाड़ दिया जाता है। लेकिन 2000 के दसक में ब्रजेन्द्रनाथ ने भरतपुर सीट से जिलापंचायत का चुनाव लड़ा और काँग्रेस के एक बड़े नेता को तगड़ी पटकनी दी थी।
राजनीति में किस्मत ने ब्रजेन्द्रनाथ को वो अंजाम कभी नही दिया जिस तरह उनका आगाज हुआ था, लेकिन ब्रजेन्द्रनाथ आज भी जनसेवा में समर्पित रहते हुए भाजपा के विंध्य नेताओ और ब्यूरोक्रेट्स के पास अपनी मजबूत उपस्थिति रखते है।
बर्तमान कोविड महामारी के दौरान मिश्रा ने स्वयं सैकड़ो बृक्ष लगाते हुए पर्यावरण बढ़ावा के क्षेत्र में नेक कार्य किया है, ब्रिजेन्द्रनाथ का नाम भी उन नेताओं में शुमार है जो प्रकृति से गहरा लगाव रखते है, किंतु वर्तमान समय उनके अनकूल नही है ।


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👉 वीरेन्द्र तिवारी ✍️
रिटायर्ड अधीक्षण यंत्री

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अधिकारी कम नेता ज्यादा और हर किसी के दिलों में राज करने वाले रिटायर्ड इंजीनियर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में एसडीओ से लेकर अधीक्षण यंत्री तक का सफर तय करने वाले वीरेंद्र तिवारी का जन्म 27 दिसंबर 1955 को सीधी जिले के झांझ गांव ननिहाल में हुआ , पैत्रिक गांव रीवा जिले का तिउनी है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा झांझ से हुई फिर शहडोल जिले में सरदार पटेल स्कूल और रघुराज हायर सेकेंड्री स्कूल 12वीं किया और शासकीय महाविद्यालय शहडोल से बीएससी के उपरांत 1976 में इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की परीक्षा उत्तीर्ण की। इस दौरान विश्वविद्यालय की महासभा एवं विश्वविद्यालय विद्वान समिति के श्री तिवारी सदस्य भी रहे हैं। बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग करने के बाद उनकी नौकरी लग गई और वे लोक निर्माण विभाग, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग के साथ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में पदस्थ रहे। सन 1980 से लेकर 2015 तक उन्होंने इन सभी विभागों में अपनी सेवाएं दी है।अपने सेवाकाल के दौरान श्री तिवारी हमेशा वीआईपी मूवमेंट वाले क्षेत्रों में कार्य किए हैं।

नौकरी के शुरुआत में छत्तीसगढ़ के तत्कालीन केंद्रीय संचार मंत्री रहे बृजलाल वर्मा एवं पुरुषोत्तम कौशिक के क्षेत्र के श्री तिवारी प्रभारी रहे हैं , इसके उपरांत पीएचई की सेवा प्रारंभ होने पर 1981 से लेकर 1987 तक मध्य प्रदेश के तत्कालीन सीएम अर्जुन सिंह जी के क्षेत्र सीधी में अनुविभागीय अधिकारी के पद पर पदस्थ रहे हैं। सीधी जिले के समस्त ग्रामीण नल जल प्रदाय योजनाओं एवं सीधी जिले की पेयजल व्यवस्था जो तत्कालीन परिस्थितियों में जो ध्रुव एवं कठिन थी उनके द्वारा शुरुआत एवं व्यवस्था की गई। वर्तमान में आज भी सीधी जिले की पेयजल व्यवस्था तत्कालीन स्रोतों पर ही आधारित है। एसडीओ के पद पर देवसर, सीधी, व्यौहारी, चुरहट में श्री तिवारी ने अपनी सेवाएं दी और अपने जीवन का अधिकांश समय 23 वर्ष श्री तिवारी ने सीधी में समय व्यतीत किया है। फिर उनका प्रमोशन अनुविभागीय अधिकारी से कार्यपालन यंत्री के तौर पर कर दिया गया जिसके उपरांत सीधी जिले की जिम्मेदारी राज्य शासन द्वारा बतौर कार्यपालन यंत्री सौंपी गई और उनके 7 वर्षीय कार्यकाल के दौरान सीधी जिले में समस्त ग्रामीण पेयजल व्यवस्था का जिसमें वर्तमान सिंगरौली जिला भी शामिल था उस दौरान एक नया मूर्त रूप दिया गया था। तिवारी जी के कार्यकाल में इसके अतिरिक्त सीधी जिले की सबसे कठिन पेयजल व्यवस्था मझौली नगर क्षेत्र की एवं उसके आसपास के 18 ग्राम जहां पानी का जल स्तर 300 से 400 फिट नीचे था। बनास नदी से जोड़कर योजना बनाकर आवश्यक स्वीकृत राज्य शासन से ली गई जो वर्तमान में मझौली के परसिली में स्थापित होकर योजना फल-फूल रही है। इसके उपरांत 2011 में तिवारी जी को अधीक्षण यंत्री के पद पर पदोन्नत कर मध्य प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण संभाग महाकाल की नगरी उज्जैन में पदस्थ किया गया और उज्जैन में सिंहस्थ महापर्व के दौरान पेयजल एवं सीवरेज की व्यवस्था श्री तिवारी द्वारा की गई। उज्जैन संभाग के 7 जिलों उज्जैन, देवास, रतलाम, आगर, शाजापुर और नीमच जिले की ग्रामीण पेयजल की व्यवस्थाओं को नए आयाम से जोड़ा गया। इसके उपरांत राज्य शासन द्वारा सेवानिवृत्त होने पर नवगठित मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी में मुख्य अभियंता के पद पर श्री तिवारी को पदस्थ कर साढ़े 3 साल की सेवाएं ली गई। उनके इस कार्यकाल के दौरान विश्व बैंक एवं एडीबी वृत्ति पोषित मध्य प्रदेश की 120 नगरी नल जल योजनाओं की स्वीकृति ले ली गई और उनके क्रियान्वयन का कार्य प्रगति पर है। विंध्य प्रदेश के रीवा संभाग की मैहर, चित्रकूट जैसे धार्मिक स्थलों, अमरपाटन में बाणसागर का कार्य, जैतहरी, कोतमा एवं चंदिया की योजनाएं इसमें शामिल हैं। तिवारी जी द्वारा इन योजनाओं को पूर्ण रूप से पूर्णता की ओर राज्य शासन की पहल से पूरा कराया गया।
नर्मदा योजना के तहत प्रस्तावित सीवरेज जो मुख्य धार्मिक स्थलों हेतु प्रस्तावित थी जैसे अमरकंटक, चित्रकूट, डिंडोरी, भेड़ाघाट, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर आदि नगरों की योजनाओं का क्रियान्वयन श्री तिवारी द्वारा कराया गया।

इसके अतिरिक्त राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना मिनी स्मार्ट सिटी योजना के क्रियान्वयन में श्री तिवारी की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, जिसमें पन्ना, ओरछा, रतलाम, मुंगावली, गुना, चित्रकूट,मैहर, अमरकंटक, सिंगरौली और सीधी नगर शामिल रहे हैं। मिनी स्मार्ट सिटी की योजनाओं के पूर्ण रूप मूर्त रूप देने का काम श्री तिवारी ने किया था। श्री तिवारी को अपने कार्यकाल के दौरान समस्त जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों, समाजसेवियों व प्रशासनिक अधिकारियों सहित अधीनस्थों का सहयोग अतुलनीय रहा है। खासतौर से श्री तिवारी के पूरे कार्यकाल में सैकड़ों ऐसे युवा हैं जिनको श्री तिवारी द्वारा रोजी रोटी दी गई है जिनका परिवार आज फल-फूल रहा है, श्री तिवारी एक कुशल अधिकारी के साथ - साथ राजनेताओं के सभी गुण उन पर सुमार हैं यह कहना अतिश्योक्ति नही होगा ।



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👉श्रीमती सुनीता वर्मा✍️
अधिवक्ता

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आज विधिक क्षेत्र में एक ऐसे चेहरे पर बात हो रही है जो मुसीबतों का डटकर सामना करने एवं समाज में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति के लिए जानी जाती है वह हैं महिला अधिवक्ता श्रीमती सुनीता वर्मा जिनका जन्म 15-11-1970 को सीधी शहर के अमहा मोहल्ला में हुआ था, संजय गांधी महाविद्यालय सीधी से एम .ए.और एल .एल .वी. की डिग्री लेकर इन्होंने वर्ष 1994 मे अपने पति राधेश्याम वर्मा जो सीधी के नामी गिरामी वकील थे उनके साथ वकालत करने लगी, वर्ष 2000 में कृषि उपज मंडी के निर्वाचन में चुनाव लड़कर श्रीमती वर्मा सर्वाधिक मतो से जीत कर मंडी अध्यक्ष के पद के दायित्व का निर्वहन करते हुए मंडी हित में कई कार्य किया गया, मंडी प्रांगण मे 14 दुकानो का निर्माण तथा हिनौती, मझौली, रामपुर नैकिन मे मंडी की स्थापना इनकी विशेष उपलब्धि रही है ।

वर्ष 2013 में ये भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष के दायित्व पर रही है वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी सीधी की जिला उपाध्यक्ष के दायित्व मे है , 16 अगस्त 2019 को इनके पति के स्वर्गवास हो जाने के कारण उससे उबरना और पुनः खड़े होकर आगे बढ़ना बड़ी चुनौती भरा रहा, परिवार का सारा बोझ तथा अपने पति की लाइब्रेरी व मुकदमों को अब इन्ही के जिम्मे है, बहरहाल एडवोकेट श्री मती सुनीता वर्मा धैर्य व साहस के साथ अपने आप को संभालते हुए परिवार की जिम्मेदारी के साथ एक बार पुनः वकालत के क्षेत्र में सक्रिय रहना चाहती हैं ।



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👉सालिक द्विवेदी✍️
पत्रकार

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आज हम बात करेंगे अपन निडर साहसी और अक्खड़पन वाले पत्रकार की जो अपनी कलम की धार कथा तथ्य आधारित खबरों के लिए सुर्खियों में रहता है। वह युवा पत्रकार है जिसका नाम है शालिक द्विवेदी , जिनका जन्म वर्ष 1982 में सीधी जिले के शिकरा ग्राम में राज ब्यौहर घराने में हुआ। श्री द्विवेदी के पूर्वजों के पास पांच गांव शिक़रा, कमचड़, मूसामूड़ी, शेर और कंजवार में अधिकांस जमीन इन्ही की थी जहां अन्य परिवार भी आबाद थे। बटवारे के बाद इनके पिता जी अपने कुटुंब के साथ शिकरा से कमचढ आ गए और तब से स्थायी रूप से यहीं आबाद हो गए। श्री द्विवेदी की हाईस्कूल तक की शिक्षा आसपास के स्थानीय विद्यालय से हुई उसके बाद सीधी क्रमांक 1 में उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के बाद वर्ष 2000 से 2002 तक वैढ़न(सिंगरौली) से I.T.I. (इलेक्ट्रिशियन) व भेल भोपाल से 1 वर्ष की एप्रेंटिशिप ट्रेनिंग प्राप्त किये। उसके बाद भी शिक्षा ग्रहण की ललक बनी रही और अवधेश प्रताप यूनिवर्सिटी से BA की शिक्षा प्राप्त कर MBA (HR& Finanance) की शिक्षा ग्रहण किया ।

वर्ष 2007 से 2010 तक बिजली विभाग में संविदा ऑपरेटर के पद पर कार्य किया। उसी समय में.आर्यन कोल बेनिफिकेसन नामक कंपनी द्वारा भुमका मूसामूड़ी के किसानों की हजारों एकड़ जमीन कूटरचना कर औने पौने दाम पर अर्जित की गयी जिसके विरुद्ध चल रहे आंदोलन में कूद पड़े और जिले के क्रांतिकारी नेता उमेश तिवारी के साथ दर्जनों आंदोलन में जिले भर में भाग लिया। एक बार मुलताई से विधायक रहे डॉ सुनीलम व किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार कक्का जी जिले के भुमका मूसामूड़ी आंदोलन में शामिल होने आये। वर्तमान में डॉ सुनीलम राष्ट्रीय आंदोलनों के समन्वय व किसान संघर्ष समिति के संयोजक भी है। श्री द्विवेदी के घर मे डॉ साहब का रात्रि विश्राम था , उनसे संवाद के लिए काफी समय था और उंनसे जनांदोलनों की जरूरत व जल जंगल जमीन की कारपोरेट लूट के विषय मे चर्चा से वह इतने प्रभावित हुए कि कई आंदोलनों में यहां से लेकर भोपाल व दिल्ली सहभागी रहे।

बाद में श्री द्विवेदी ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और लगभग वर्ष 2015 से आंदोलन के साथ-साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रख दिया। शुरुआत में कुछ समय तक दैनिक भास्कर के क्षेत्रीय संवादाता रहे,तदुपरांत कीर्तिक्रान्ति समाचार पत्र में सिटी रिपोर्टर रहे। आपने 2 साल तक TV चैनल ONE न्यूज व ANB नेशनल न्यूज चैनल के जिला व्यूरो रहे। वर्तमान में वह राष्ट्रीय समाचार पत्र दैनिक भारतीय सहारा के संभागीय व्यूरो का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं एवं वेब न्यूज चैनल "विन्ध्य न्यूज 18 " के सम्पादक भी हैं , शालिक अपने वॉच डॉग पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं। किंतु अभी लम्बे रेस का सफर तंय करना हे सफर तंय करने में बहुत कुछ कठिनाइयों का समना करना हे , आपकी उर्जा आपकी लेखनी उल्लेखनीय है इसमें कोई दो राय नही और इस काजल की कोठरी में वहुत कुछ रास छिपे हैं , फिर भी ये भाई जरा सम्हलके....

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