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मुंबई: 1625 अंक टूटकर बंद हुआ सेंसेक्स, भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट

मुंबई: ग्लोबल बाजारों से मिलें खराब संकेतों ने सोमवार को घरेलू शेयर बाजारों में कोहराम मचा दिया। तेज गिरावट के साथ खुले घरेलू शेयर बाजार भारी गिरावट साथ बंद हुए। बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का बेंचमार्क इंडेक्‍स सेंसेक्‍स 1625 अंक की भारी गिरावट के साथ 25,700 हजार के मनोवै‍ज्ञानिक लेवल को तोड़कर 25,741.56 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(एनएसई) का निफ्टी 491 अंक गिरकर 7809 पर बंद हुआ।
पूरे कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट भारतीय शेयर बाजार के इतिहास की तीसरी सबसे बड़ी गिरावट है। रियल्‍टी, बैंकिंग, मेटल, इंफ्रा और एनर्जी सेक्‍टर के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है। यह 6 से 10 फीसदी तक टूट गए हैं।
इन्‍वेस्‍टर्स के 7 लाख करोड़ से अधिक डूबे
स्‍टॉक मार्केट में हुए फ्लैश क्रैश से इन्‍वेस्‍टर्स के 7 लाख करोड़ रुपए से अधिक डूब गए। इन्‍वेस्‍टर की वेल्‍थ का आकलन सभी लिस्टिेड स्‍टॉक की कुल वैल्‍यूएशन के आधार पर किया जाता है। बीएसई के बेंचमार्क इंडेक्‍स में यह साढ़े साल साल की सबसे बड़ी गिरावट है।
वित्‍त मंत्री ने दिया भरोसा- हमारे मार्केट मजबूत
घरेलू शेयर बाजारों में आई तेज गिरावट के बीच वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि हमारे मार्केट मजबूत और हमारी राजकोषीय स्थिति अच्‍छी है। मार्केट में गिरावट के लिए कोई भी घरेलू कारण जिम्‍मेदार नहीं है। जेटली ने इन्‍वेस्‍टर्स को भरोसा दिया है कि उन्‍हें घबराने की जरूरत नहीं है।

राजन ने इकोनॉमी पर जताया भरोसा
राजन ने इकोनॉमी पर पूरा भरोसा जताया है। राजन ने कहा, ''आरबीआई की शेयर बाजार की रफ्तार पर नजर है। दूसरी इमर्जिंग इकोनॉमी के मुकाबले भारत कहीं बेहतर स्थिति में है। अनिश्चितताओं से निपटने के लिए देश को अपनी घरेलू स्थिति और मजबूत करनी होगी। आर्थिक सुधारों से देश की ग्रोथ बढ़ाई जा सकती है। देश के पास काफी विदेशी मुद्रा भंडार है। रुपए को संभालने के लिए इसका इस्तेमाल करने में नहीं हिचकिचाएंगे।''
क्यों टूटा स्टॉक मार्केट?
अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिले नेगेटिव सेंटिमेंट्स शेयर बाजार में सोमवार की गिरावट के पीछे प्रमुख वजह हैं।
>एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चीन के बाजार में सुस्ती की आशंका को देखते हुए विदेशी निवेशक उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं से अपना पैसा निकाल रहे हैं। ये ट्रेंड भारत में भी देखने को मिल रहा है।
>चीन के शेयर बाजार में भी सोमवार को 8 पर्सेंट से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। गिरावट के साथ ही शंघाई कंपोजिट ने 2015 की पूरी बढ़त गंवा दी।
>रविवार को ही चीन सरकार ने 547 अरब डॉलर के पेंशन फंड को स्टॉक मार्केट में लगाने की मंजूरी दी थी। इसके बावजूद बाजार में गिरावट इस बात का संकेत है कि सरकारी फैसले भी कामयाब नहीं हो रहे हैं। ऐसे में, आशंका बन गई है कि चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट के संकेत दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर मंदी का दबाव बना सकते हैं।
स्टॉक मार्केट में चौतरफा बिकवाली
स्टॉक मार्केट में चौतरफा बिकवाली देखने को मिल रही है। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 3.47 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिली। वहीं, स्मॉलकैप इंडेक्स में 3.93 पर्सेंट की गिरावट हुई है। सबसे ज्यादा रियल्टी सेक्टर में 5 पर्सेंट से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। वहीं, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में 4 पर्सेंट से ज्यादा की गिरावट हुई है। सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली। सबसे ज्यादा गिरावट गेल के शेयरों में हुई, जो करीब 8 पर्सेंट टूटा है। वहीं, एक्सिस बैंक और वेदांता के शेयरों में 6 पर्सेंट की गिरावट हुई है।
रुपए में भी गिरावट
सोमवार को रुपए में भी तेज गिरावट देखने को मिली। रुपया डॉलर के मुकाबले 63 पैसे टूटकर 66.46 के स्तर पर खुला। फिलहाल, रुपए में और गिरावट होने के संकेत मिल रहे हैं। गिरावट के पीछे विदेशी फंड की बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है। बता दें कि शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 28 पैसे कमजोर होकर 65.83 के स्तर पर बंद हुआ था।

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