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आज से लगेगा बूस्टर डोज, जानिए प्रोसेस, न रजिस्ट्रेशन जरूरी, न चाहिए हेल्थ सर्टिफिकेट.....

दिल्ली (ईन्यूज एमपी)-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में घोषणा की थी कि भारत में भी जरूरत मंद लोगों को कोरोना की बूस्टर डोज दी जाएगी। ताजा खबर यह है कि भारत में बूस्टर डोज की शुरुआत 10 जनवरी 2022 से हो रही है। सबसे अच्छी बात यह है कि पहले और दूसरे डोज की तरह इस बार कोविन ऐप पर नए रजिस्ट्रेशन नहीं करना होगा। जिन वरिष्ठ नागरिकों को बूस्टर डोज (Booster Dose) लगवाना है, वो सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर ऐसा कर सकते हैं। उन्हें किसी तरह का हेल्थ सर्टिफिकेट भी नहीं दिखाना होगा। पढ़िए बूस्टर डोज की पूरी गाइडलाइन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट किया, देश सुरक्षित करने वाली हेल्थ आर्मी की सुरक्षा सरकार कर रही सुनिश्चित। करीब 1 करोड़ से अधिक हेल्थ व फ़्रंटलाइन वर्कर्स तथा 60+ नागरिकों को उनकी #PrecautionDose हेतु रिमाइंडर SMS भेजे गएं हैं। COWIN पर अपॉइंटमेंट पहले से शुरू है।

बूस्टर डोज के लिए टीकाकरण प्रक्रिया 8 जनवरी से शुरू हो चुकी है। ऑनसाइट अपॉइंटमेंट के साथ टीकाकरण 10 जनवरी से शुरू हो रहा है।

प्रिकॉशन डोज या बूस्टर डोज की खुराक स्वास्थ्य सेवा और फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ ही 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दी जा रही है।

जिन लोगों को यह टीका लगाना है, वे सीधे किसी भी COVID टीकाकरण केंद्र में अपॉइंटमेंट ले सकते हैं या सीधे वहां पहुंचकर टीका लगवा सकते हैं।


60 साल और उससे अधिक आयु के नागरिकों को बूस्टर डोज के लिए डॉक्टर से सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है। हालांकि ऐसे व्यक्तियों को तीसरी खुराक लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेने को कहा गया है।

केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि COVID-19 वैक्सीन की एहतियाती खुराक वही वैक्सीन होगी जो पहले दो खुराक में दी गई थी। जिन लोगों ने पहले कोवैक्सिन लगी है, उन्हें कोवैक्सिन लगाई जाएगी, जिन्हें कोविशील्ड की दो खुराक मिली है, उन्हें कोविशील्ड ही लगाई जाएगी।


इस चरण में 1.05 करोड़ स्वास्थ्य सेवा और 1.9 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ ही 60 से अधिक आयु वर्ग के 2.75 करोड़ लोगों को टीके लगेंगे।

बूस्टर डोज या प्रिकॉशन डोज, जानिए क्या है फर्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीसरे टीके को बूस्टर डोज के बजाए प्रिकॉशन डोज नाम दिया था। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने जानबूझकर प्रिकॉशन डोज शब्द का इस्तेमाल किया क्योंकि तीसरा शॉट सिर्फ एक तीसरा शॉट होने के बजाय एक अलग टीका हो सकता है। हालांकि अभी की स्थिति में यही तय हुआ है कि तीसरे डोज के रूप में वही टीका लगाया जाएगा तो पहले दो बार में इस्तेमाल हुआ है। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारत के पास अगले कुछ महीनों में वैक्सीन के कई विकल्प होंगे, जिसमें बायोलॉजिकल ई की प्रोटीन सब-यूनिट COVID-19 वैक्सीन Corbevax भी शामिल है, जिसका मतलब है कि आने वाले दिनों में लोगों को अलग-अलग टीके लगाए जा सकेंगे।

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