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Home सीधी दर्पण पूर्ण हुआ निकाय मतदान, आंकड़ों ने फिर किया हैरान,पूरे चुनावों में शहंशाह रहा चंद दिनों का मेहमान....

पूर्ण हुआ निकाय मतदान, आंकड़ों ने फिर किया हैरान,पूरे चुनावों में शहंशाह रहा चंद दिनों का मेहमान....

सीधी (ईन्यूज एमपी)- नगरी निकाय चुनाव के द्वितीय चरण में आज नगर पालिका परिषद सीधी सहित नगर परिषद रामपुर नैकिन चुरहट एवं मझौली में शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हुए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच लोगों ने अपने मताधिकार का जंहा प्रयोग किया। वंही स्थानीय निर्वाचन की तानाशाही रवैया के कारण बोटिंग रेसियो कम रहा है ।

जी हां बता दें कि नगर पालिका परिषद सीधी के 24 वार्डों में पार्षद प्रत्याशीयों हेतु आज सुबह 7:00 बजे से मतदान शुरू हुआ और 5बजे मतदान समाप्त हो चुका है नगर पालिका परिषद सीधी में 62.82 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया इसी प्रकार नगर परिषद मझौली में कुल 73.51% वोटिंग हुई जबकि रामपुर नैकिन में 5:00 बजे तक 76% मतदान दर्ज किया गया इसके अतिरिक्त चुरहट में73.29प्रतिशत प्रतिशत मतदान दर्ज किए गए।

उक्त आंकड़ों पर यदि गौर करें तो सीधी मुख्यालय मतदान के मामले में कहीं ना कहीं अन्य सभी नगर परिषदों से बेहद फिसड्डी है आंकड़े बयान करते हैं कि नगर पालिका परिषद सीधी के मतदाता जागरूक नहीं हैं या यूं कहें कि प्रशासन ने इन्हें जागरूक किया ही नहीं।

लंबी जद्दोजहद और उठापटक के बाद आखिरकार निकाय चुनाव भी किसी ना किसी तरह संपन्न करा ही दिए गए और पंचायत चुनावों की तरह इसमें ज्यादा फजीहत नहीं हुई लेकिन यदि गौर करें वर्तमान चुनावो की पूरी प्रक्रिया पर फिर चाहे वह पंचायत चुनाव हो या निकाय चुनाव कहीं ना कहीं कुछ कमी जरूर दिखी बेशक जिला निर्वाचन अधिकारी काफी सक्रिय दिखे लगातार दौड़े भ्रमण मीटिंग और निर्देशों के आदान-प्रदान होते रहे बावजूद इसके कहीं ना कहीं कुछ कमियों ने व्यवस्थाओं की पोल खोल ही दी जिसका एक कारण वर्तमान व्यवस्था और उसके व्यवस्थापक भी कहे जा सकते हैं पूरी प्रक्रिया पर यदि सघनता से गौर करें तो देखा जाएगा कि जो योग्य जिम्मेदार ईमानदार और लायक थे उन्हें बैठा कर रखा गया और कगार पर पहुंचने वाली मजार पर बैठे लोगों ने पूरे चुनाव का माखौल उड़ा दिया उनकी रीति और उनकी नीत ने पहली बार सीधी के चुनावों में किरकिरी पैदा कर दी शायद इसीलिए कहा गया है यदि राजा का सलाहकार और मंत्री ठीक नहीं होते तो बंटाधार तय है और यही हाल इस बार निर्वाचन कार्य में देखा गया जहां की सर्वगुण संपन्न अधिकारी पूरी निर्वाचन प्रक्रिया से दूर रहे और उम्र दराज लोगों की सलाह और नीतियों ने जिला निर्वाचन अधिकारी की फजीहत करा दी फिर चाहे सिहावल की मतगणना हो या पूरे चुनाव में कर्मचारियों की वेदना हो भले ही दबे हुए स्वरों से आह निकली हो लेकिन सबको इस बात की जानकारी हो गई कि यह चुनाव कुछ लोगों के इशारे पर उनके व्यक्तिगत स्वार्थों के कारण खटाई में पड़ा गनीमत यह रही कि गिरते पड़ते किसी कदर चुनावी मौसम को पार कर लिया गया लेकिन इस चुनाव में छोटे से लेकर बड़े तक सभी कर्मचारियों को हिला दिया कोई भले ही कुछ ना कहें लेकिन दबी जुबान से सब विरोध कर रहे हैं और किसका कर रहे हैं शायद यह भी सभी को पता है महज एक दिग्गज लिपिक की नीति निर्देश पर उम्रदराज अधिकारी ने जिला निर्वाचन अधिकारी को कुछ इस कदर घुमाया कि वह बेचारा कुछ समझ ही नहीं पाया।

खैर यदि संक्षेप में और पर्दे के पीछे से कहे तो रेस के घोड़े अस्तबल में बधे रह गए और बूढ़े घोड़ों ने दौड़ लगा दी यही हाल वर्तमान चुनाव का रहा। और करुणा भवन में बैठे तथाकथित अधिकारी और स्थानीय निर्वाचन का लिपिक बजट बंटरवाट करने में कामयाब रहे । किंतु सीधी नगरपालिका की बोटिंग रेसियो किसी के गले से नही उतर पा रहा है ।

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