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Home सीधी दर्पण *आदर्श आचार संहिता खत्म होते ही थाने में आयोजित हुआ रामायण,सीधी जिले के इस थाने में फरियादी और पुलिस वाले साथ में करते हैं रामायण का पाठ....

*आदर्श आचार संहिता खत्म होते ही थाने में आयोजित हुआ रामायण,सीधी जिले के इस थाने में फरियादी और पुलिस वाले साथ में करते हैं रामायण का पाठ....

भुईमाड़(ईन्यूज एमपी)- आदर्श आचार संहिता खत्म होते ही भुईमाड़ थाने में आयोजित हुआ रामायण पाठ,सीधी में जिला मुख्यालय से करीब 85 किलोमीटर दूर भुईमाड पुलिस थाने में पुलिस और फरियादी रामायण का पाठ करते हैं, और इतना ही नहीं कन्या भोजन कराते हैं, इस थाने में जिले के और थानों से कम अपराध होता है, सीधी जिले में एक ऐसा पुलिस थाना है, जहां फरियादी पुलिस कर्मी एवं थाना प्रभारी समेत पूरा स्टाफ भक्ति-भाव में रंगा है, इस थाने में तैनात पुलिस कर्मचारी और फरियादी दोनों यहां रामायण का पाठ करते हैं, इतना ही नहीं थाने में कन्या भोजन भी कराया जाता हैं, रामायण पाठ के समय थाने में पहुंचने वाले लोगों का पुलिसकर्मी के साथ साथ थाना प्रभारी भी तिलक लगाकर स्वागत करते हैं, सीधी जिला वैसे तो मध्य प्रदेश के अन्य जिलों से पिछड़ा है, लेकिन यहां पुरानी परंपरा आज भी जीवित है, सीधी जिले का यह आदिवासी इलाका शांति अमन का टापू कहा जाता था, सीधी जिला मुख्यालय से 85 किलोमीटर दूर स्थित भुईमाड पुलिस थाना क्षेत्र में 37 गांव आते हैं. जिसकी आबादी लगभग 15 हजार से अधिक है, लेकिन यहां जिले भर से सबसे कम अपराध घटित होते हैं, अक्सर आपने देखा होगा कि आमतौर पर पुलिस थानों में अक्सर फरियादियों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए भटकते देखा जाता है, लेकिन सीधी के भुईमाड पुलिस थाने में फरियादी और पुलिसकर्मी पूरे भक्ति भाव के साथ आरती की थाली सजाकर रामायण का पाठ करते हैं, आपको बता दें कि थाना प्रभारी खुद ही कन्याओं का पैर धूलकर कन्या भोज कराते हैं, और कन्याभोज के बाद पत्तल खुद अपने हाथों से एवं उनके स्टाफ उठाते हैं, कन्या भोज के उपरांत कन्याओं को चाकलेट एवं गिफ्ट स्वरूप नगद राशि देकर बिदा करते हैं, यह थाना सीधी जिले के वनांचल क्षेत्र भुईमाड में स्थित हैं, जहां समय-समय पर रामायण का पाठ कराया जाता है. साथ ही कन्या भोजन कराया जाता है. तो वहीं रामायण गाने आए लोगों का तिलक लगातार स्वागत किया जाता है. यहां के थाना प्रभारी हैं उपनिरीक्षक आकाश सिंह राजपूत के साथ-साथ उनके पूरे स्टाफ का भी मानना है कि ऐसे कार्यों से क्षेत्र के आम नागरिकों एवं पुलिस के साथ तालमेल बना रहता है,एवं मानसिक तनाव भी दूर होता रहता है, ऐसा मानना है कि प्रदेश भर के अन्य पुलिस थानों में खराब पुलिसकर्मियों की छवि वाले पुलिस कर्मियों को इस पुलिस थाने से सीख लेने की जरूरत है, तो वहीं भुईमाड थाने के थाना प्रभारी उपनिरीक्षक आकाश सिंह राजपूत का कहना है कि हम आम जनों और पुलिस के बीच की दूरी को कम करने का प्रयास कर रहे हैं,इसी का यह परिणाम हैं कि लोग किसी भी मामले में बेझिझक थाने आकर अपनी बात रखते हैं, जनता खुद को सुरक्षित महसूस करती है,जनता अपराध व अपराधी की सूचना पुलिस को आसानी से फ़ोन के माध्यम से दे पाती है, कभी कोई कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित नही होती क्योंकि जनता पहले ही पुलिस के कार्यों से संतुष्ट रहती है, यहां लोगों को न्याय के लिए शिफारिस की जरूरत नही पड़ती यहां निष्पक्ष कार्यवाहियां होती हैं।

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