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एमपी में अब शिक्षकों के लिए स्थायी तबादला नीति

भोपाल (ईन्यूज एमपी)- शिक्षक और स्कूल शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारियों के लिए अब स्थायी तबादला नीति होगी। इसमें जरूरी होने पर ही संशोधन किया जाएगा। नीति के अनुसार शिक्षक एवं अन्य संवर्ग के तबादले हर साल 15 मई तक किए जाएंगे। हालांकि इस साल तबादलों की तारीख अलग से निर्धारित की जाएगी। स्वैच्छिक तबादले के लिए आनलाइन आवेदन करना होगा।

ऐसे ही भारमुक्त या पदभार ग्रहण भी कराया जाएगा। गंभीर शिकायतों, दोष सिद्ध होने, प्रतिनियुक्ति से वापसी, न्यायालयीन निर्णय के पालन, अनुशासनहीनता के गंभीर मामलों में संस्था प्रमुख की अनुशंसा और स्कूलों में खाली पद भरने के लिए प्रशासनिक आधार पर तबादला होगा। वहीं प्रतिनियुक्ति पर विशेष परिस्थिति में ही भेजा जाएगा। नीति के प्रारूप पर मंगलवार को कैबिनेट में चर्चा होगी। ज्ञात हो कि वर्तमान में हर साल नीति बनाई जाती है।


नई नीति में प्रविधान किया जा रहा है कि शिक्षक एवं प्राचार्यों को जनप्रतिनिधियों की निजी स्थापना में पदस्थ नहीं किया जाएगा। नए शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र में तीन साल या परिवीक्षा अवधि पूरी करनी होगी। उन्हें पूरी सेवा में 10 साल ग्रामीण क्षेत्रों में रहना होगा। वचन पत्र भी देना होगा। हालांकि चयन परीक्षा से चयनित शिक्षकों को इसमें राहत दी जाएगी। शहरी क्षेत्रों में 10 साल तक पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाएगा। अध्यापक संवर्ग से आए शिक्षकों को भी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पांच से 10 साल सेवा देनी होगी। जबकि तीन साल में सेवानिवृत्त होने वाले गंभीर बीमार या विकलांग और एक साल से कम की सेवा एवं 40 प्रतिशत या उससे अधिक निश्शक्तता होने पर तबादला नहीं किया जाएगा।

- जनजातीय बहुल क्षेत्रों में प्रशासकीय आधार पर पदस्थ शिक्षकों को प्रोत्साहन भत्ता देंगे।

- रिक्त पदों की गणना हर साल 30 अप्रैल की स्थिति में होगी।

- पहले प्रशासनिक और फिर स्वैच्छिक तबादले होंगे। एजुकेशन पोर्टल से आवेदन अनिवार्य होगा।

- दूसरे जिले या संभाग के शिक्षक को पदोन्नति वाले पद पर पदस्थ नहीं करेंगे, जबकि उसी जिले या संभाग के शिक्षक को कर सकेंगे।

- श‍िक्षकों की कमी वाले स्कूलों व कार्यालयों में अतिशेष शिक्षकों/कर्मचारी को पदस्थ करेंगे।

- आपसी सामंजस्य से स्वैच्छिक तबादले होंगे।

तबादले में वरीयता का क्रम

- पिछले सत्र में हाईस्कूल परीक्षा का शत-प्रतिशत परिणाम आने पर।

- स्वयं या परिवार के सदस्य के गंभीर बीमारी से पीड़ित होने पर।

- विवाह के कारण पति-पत्नी के निवास या कार्यस्थान पर।


- निश्शक्त, विधवा-परित्याक्ता, विधुर, कोरोना के कारण इलाज के लिए सुविधा अनुसार स्थान पर।

- राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त होने पर।

- अतिशेष शिक्षकों को एक से अधिक आवेदन होने पर।

प्रक्रिया की समयसीमा

- नए स्कूल या संकाय शुरू करने पर सेटअप में संशोधन 31 दिसंबर तक।

- वास्तविक एवं संभावित रिक्तयों का निर्धारण 31 जनवरी तक।


- पोर्टल पर एक मार्च को रिक्त पदों की जानकारी देंगे।

- 31 मार्च तक आनलाइन आवेदन लिए जाएंगे।

- 30 अप्रैल को तबादला आदेश जारी होंगे।

- 15 मई तक कार्यभार ग्रहण करना होगा।

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