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Home विंध्य प्रदेश लोकायुक्त रीवा की बड़ी कार्यवाही,10 हजार कि रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ लिपिक,बहाली के लिए 50 हजार कि मांग...

लोकायुक्त रीवा की बड़ी कार्यवाही,10 हजार कि रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ लिपिक,बहाली के लिए 50 हजार कि मांग...

रीवा (ईन्यूज एमपी)-रीवा लोकायुक्त पुलिस ने एक भ्रष्टाचारी बाबू को बेनकाब किया है। बताया गया कि शिक्षा विभाग के जिला कार्यालय के स्थापना विभाग का बाबू निलंबित शिक्षक से बहाली के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत माग कर रहा था और प्रथम किस्त के रूप में 5000 रुपए ले भी चुका था। फिर भी कार्य नहीं कर रहा था। धकहार कर शिक्षक दोबारा डीईओ कार्यालय गया। वहां पता चला कि रिश्वत की रकम कम होने के कारण बाबू कार्य नहीं कर रहा है।

ऐसे में दो दिन पूर्व पीड़ित लोकायुक्त एसपी के पास शिकायत लेकर पहुंचा। एसपी ने आवेदन का सत्यापन कराया तो शिकायत सही पाई गई। तब प्लान बनाकर गुरुवार की दोपहर दूसरी किस्त 10 हजार रुपए लेकर शिक्षक गया। इधर पहले से बाहर खड़ी लोकायुक्त की टीम ने शिक्षक का इशारा देख ट्रैप कर लिया है। आरोपी बाबू को टीम लोकायुक्त कार्यालय लेकर पहुंची है। जहां भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार निलंबित शिक्षक रवि शुक्ला निवासी चोरगढ़ी थाना रायपुर कर्चुलियान की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस रीवा द्वारा डीईओ कार्यालय में दबिश दी गई है जहां बाबू विजय शर्मा को 10 हजार रुपए की रकम के साथ ट्रैप किया गया है। शिक्षक के खिलाफ 21 सितंबर 2013 को तत्कालीन डीईओ उदयभान पटेल ने शिकायत की थी। तब आरोपी जेल गया और जमानत पर बाहर आया।

शिक्षक का आरोप है कि तत्कालीन डीईओ ने रंजिशन उसे फंसा दिया था। इसी मामले का केस जिला अदालत में चला। 27 फरवरी 2023 को न्यायालय से दोष मुक्त हो गया। अब बहाली के लिए डीईओ कार्यालय के चक्कर लगा रहा था। जहां डीईओ के नाम की स्थापना शाखा का बाबू रकम मांगा। उसकी मजबूरी बन गई थी। क्योंकि निलंबन के कारण आधी से भी कम सैलरी बन रही थी।

रवि शुक्ला का कहना है कि वह प्राथमिक पाठशाला कोष्ठा में पदस्थ रहा है। अब बहाली के लिए डीईओ कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय और जेडी कार्यालय के चक्कर काट रहा था। परेशान होकर बाबू से लेन देनकर मामला निपटाने की इच्छा जाहिर की। तब बाबू ने कोड वर्ड में कागज पर पांच लिखकर दिए। बाद में 5 हजार लेकर गया। तब बाबू ने कहा कि 5 का मतलब 50 हजार होता है। 3 अगस्त को 10 हजार दिया था। तब लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा है।

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