ग्वालियर(ईन्यूज एमपी)___ डेंगू की चपेट में आए ग्वालियर में अब स्थिति अनियंत्रित हो गई हैं। गली-गली और कालोनी-कालोनी डेंगू के केस निकल रहे हैं। हालात यह कि अब कोरोना के केसों की तरह डेंगू निकल रहा है। गुरुवार को डेंगू से 75 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई। वहीं 22 केस पाजीटिव आए। अब ग्वालियर में अब तक डेंगू पाजीटिव केस 659 हो गए हैं, जो कि एक बड़ा आंकड़ा है।पूरे शहर में रोज फागिंग,सर्वे व लार्वा नष्ट करने के साथ जुर्माना, अब यह सभी दिखावटी दावे ही लग रहे हैं, क्योंकि कोने-कोने में डेंगू फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सरकारी लैब में बुजुर्ग की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं एक रोज पहले जो डेंगू से छत्रसाल नाम के मरीज की मौत हुई थी उसकी भी सरकारी लैब में डेंगू निगेटिव आई है, जबकि निजी लैब में पाजीटिव आई थी।गंगा मालनपुर निवासी बुजुर्ग चतुर सिंह यादव को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, बुजुर्ग शिवपुरी में डेंगू से संक्रमित हुए थे। इलाज के लिए ग्वालियर लाया गया था। वहीं छत्रपाल सिंह सेंगर निवासी पृथ्वी नगर के भी सैंपल जिला चिकित्सालय ग्वालियर में भेजे गए थे, जिनकी डेंगू जांच रिपोर्ट निगेटिव पाई गई। कहां हो रही चूक: स्वास्थ्य विभाग सर्वे टीम के भरोसे है, जिला प्रशासन सिर्फ बैठकों में निर्देश दे रहा है। प्रमुख अधिकारियों को मैदान में उतरना होगा, इसे एक इमरजेंसी मोड मेंलेकर काम करना होगा। सर्वे टीम कम है, तो दूसरे विभागों के मैदानी अमले का उपयोग करना होगा। द्य शहरभर में डेंगू की रोकथाम के लिए सेक्टर बांट देने चाहिए जिसका जिम्मा अधिकारियों को दिया जाए, रोज सुबह शाम सर्वे से लेकर लार्वा नष्ट की रिपोर्टिंग होना चाहिए। द्य जिला प्रशासन को डेंगू रोकने में शामिल होना होगा, हर एसडीएम को अपने क्षेत्रों की जिम्मेदारी देना होगी। इतने बड़े कमांड सेंटर का डेंगू रिपोर्टिंग व सर्वे, रेड जोन मानीटरिंग में उपयोग किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग सर्वे टीम के भरोसे है, जिला प्रशासन सिर्फ बैठकों में निर्देश दे रहा है। विभागों के प्रमुख अधिकारियों को मैदान में उतरना होगा, इसे एक इमरजेंसी मोड में लेकर काम करना होगा तभी घर घर डेंगू को रोका जा सकेगा। सर्वे टीम कम है तो दूसरे विभागों के मैदानी अमले का उपयोग करना होगा।